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National World Cartoonist Day: हजारों शब्दों पर भारी पड़ता है एक कार्टून, आसानी से लोगों तक पहुंचती है बात

जम्मू में मनोज चोपड़ा चंद्र शेखर बंटी आदि कार्टूनिस्ट काफी अच्छा काम कर रहे हैं। लेकिन वरिष्ठ कार्टूनिस्ट मनोज चोपड़ा का कहना है कि कार्टूनिस्ट को जिस प्रोत्साहन एवं स्पेस की जरूरत होती है। वह नहीं मिल पा रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 05 May 2021 11:52 AM (IST)Updated: Wed, 05 May 2021 11:52 AM (IST)
National World Cartoonist Day: हजारों शब्दों पर भारी पड़ता है एक कार्टून, आसानी से लोगों तक पहुंचती है बात
कार्टूनिंग का कोई विशेष संस्थान तो है नहीं कि कोई भी सीखकर काम करने लगे।

जम्मू, जागरण संवाददाता: एक कार्टूनिस्ट अपनी रचनात्मक सोच से ऐसा विनोद पैदा करता है कि उनके एक ही कार्टून में अतीत और वर्तमान साफ दिखने लगता है। उसका एक कार्टून वर्षो पाठक के मन-मस्तिष्क पर छाया रहता है। लेखक को अपने पाठकों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए कई पन्ने काले करने पढ़ते हैं परंतु वहीं कार्टूनिस्ट अपनी आड़ी-तिरशी रेखाओं से वही बात बड़ी आसानी से लोगों तक पहुंचा देता है।

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यही नहीं कार्टून के जरिए वह अपनी सोच इतने शानदार तरीके से कह जाता है कि देखने वाले के लिए संबंधित घटना यादगार बनकर रह जाती है। कार्टूनिस्टों द्वारा जीवन में जो विनोद लाया गया है, उनका सम्मान करने के लिए ही हर साल विश्व कार्टूनिस्ट दिवस मनाया जाता है।

जम्मू में मनोज चोपड़ा, चंद्र शेखर बंटी आदि कार्टूनिस्ट काफी अच्छा काम कर रहे हैं। लेकिन वरिष्ठ कार्टूनिस्ट मनोज चोपड़ा का कहना है कि कार्टूनिस्ट को जिस प्रोत्साहन एवं स्पेस की जरूरत होती है। वह नहीं मिल पा रहा है। हां, नए कार्टूनिस्टों के लिए आज सोशल मीडिया अच्छा माध्यम है। उन्हें जो कमेंट्स मिलते हैं। उनसे काफी कुछ सीखने का मौका मिलता है। कार्टून बनाना और देखना हर किसी को पसंद होता है लेकिन इसके लिए जितनी मेहनत की जरूरत होती है, आज युवा उससे बचते हैं।

जिसके पास विचार होते हैं, उसकी ड्राइंग नहीं होती। जिसकी ड्राइंग बेहतर होती है उसके पास विचार नहीं होते। समाज के घटनाक्रम और राजनीतिक समझ जितनी अच्छी हाेगी, उतना ही अच्छा कार्टून संभव है। कार्टूनिंग का कोई विशेष संस्थान तो है नहीं कि कोई भी सीखकर काम करने लगे।

वहीं इंस्टीट्यूट ऑफ म्यूजिक एंड फाइन आर्ट्स के प्रिंसिपल प्रो. शाेहाब इनायत मलिक ने कहा कि इम्फा में एप्लाइड आर्ट और पेंटिंग डिपार्टमेंट हैं। दोनों विभागों में कार्टून की कला सीखने वालों को पूरा मौका मिलता है। कार्टूनिंग में दिलचस्पी रखने वालों के लिए विश्व कार्टूनिंग दिवस से कार्यशाला करवाने की योजना थी लेकिन कोरोना के चलते यह कार्यशाला संभव नहीं हो सकी। अब हालात सामान्य होने के बाद ही कार्टूनिंग कार्यशाला को लेकर कोई निर्णय लिया जा सकेगा।


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