नगरोटा मुठभेड़: तबाही मचाने के लिए आतंकियों के ट्रक में था चलता फिरता बंकर
जिला विकास परिषद के चुनावों में दहशत फैलाने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने ट्रक में केबिन के रूप में चलता-फिरता बकर तैयार करवाया था। इसका मकसद पकड़े जाने के बावजूद सुरक्षाबलों को अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाना था।
जागरण सवाददाता, जम्मू: जिला विकास परिषद के चुनावों में दहशत फैलाने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने ट्रक में केबिन के रूप में चलता-फिरता बकर तैयार करवाया था। इसका मकसद पकड़े जाने के बावजूद सुरक्षाबलों को अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाना था। जम्मू के नगरोटा में बन टोल प्लाजा पर आतंकी जिस ट्रक में छिपकर पहुंचे थे, उसमें बने चलते-फिरते बकर की पहेली सुलझाने में सुरक्षा एजेंसियां लग गई हैं।
नगरोटा के बन टोल प्लाजा पर सुरक्षाबलों ने आतकवादियों को मार गिराकर बेशक बड़ी सफलता प्राप्त की है, लेकिन ट्रक में बनाए गए इस चलते-फिरते बकर को बनाने में कौन लोग थे और इस बकर को बनाने के लिए रेत, चावल आदि कहा से आया, ये अभी भी सुरक्षा एजेंसियों के लिए पहेली बना हुआ है। इस बकर के निर्माण की योजना किसने तैयार की, क्या इसमें भी पाकिस्तान के इंजीनियरों का दिमाग चला, यह अभी जाच का विषय है। हालाकि, जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक यह दावा कर चुके हैं कि साबा सेक्टर में मिली सुरंग में आतकियों का दिमाग नहीं, बल्कि पाकिस्तान बैठे कुशल इंजीनियरों और आइएसआइ का हाथ है। इसलिए नगरोटा मुठभेड़ मामले में चलते-फिरते बकर बनाने में भी पाकिस्तान के कुशल इंजीनियरों का दिमाग हो सकता है। इससे पहले भी इसी वर्ष 31 जनवरी को बन टोल प्लाजा में ट्रक के अंदर आतकवादियों के छिपने के लिए जो जगह बनाई गई थी उसमें इस तरह का बकर नहीं बनाया गया था। केवल आतकियों को प्लास्टिक दाने की बोरियों से लदे ट्रक में किसी तरह छिपाया गया था, लेकिन इस बार आइएसआइ के इरादे कुछ और थे। उनका मकसद चलते फिरते बकर को पुख्ता बनना था ताकि मुठभेड़ के दौरान भी अधिक से अधिक जवानों को नुकसान पहुंचाया जा सके। यह इतना मजबूत गया था ताकि जरूरत पड़ने पर सुरक्षाबलों को कई घटों तक मुठभेड़ में उलझाकर अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाया जा सकें। अगर पकड़े न जाएं तो सैन्य शिविरों में भी घुसकर तबाही को अंजाम दिया जा सके। टोल प्लाजा पर फुल बॉडी स्कैनर की मांग
सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू से लेकर कश्मीर तक टोल प्लाजा पर फुल बॉडी स्कैनर लगाने की माग की है। उनका मानना है कि व्यापार की आड़ में चोरी छिपे आतकियों को पकड़ पाना काफी मुश्किल होता है। जम्मू से प्रतिदिन करीब सात हजार ट्रक माल लेकर कश्मीर घाटी जाते हैं। इनमे कौन छिपा है, उसे मैन्युल तरीके से ढूंढ पाना बहुत मुश्किल है। इसलिए जम्मू के लखनपुर, सांबा में विजयपुर के सरोर, जम्मू में नगरोटा के बन टोल प्लाजा, रामबन में बनिहाल चेक पोस्ट और दक्षिण कश्मीर के लोअर मुंडा में फुल बॉडी स्कैनर लगाए जाएं।