शहर की खूबसूरती बिगाड़ रहे सड़कों पर डंपिग प्वाइंट
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जागरण संवाददाता, जम्मू : मंदिरों के शहर जम्मू की मुख्य सड़कों पर बने डंपिग प्वाइंट स्वच्छ भारत मिशन को मुंह चिढ़ा रहे हैं। इन्हें हटाने के लिए नगर निगम कोई पर्याप्त कदम नहीं उठा पा रहा है, लेकिन कॉरपोरेटर इन्हें हटाने के पक्ष में दिख रहे हैं। जल्द ही इस संबंध में एक प्रस्ताव नगर निगम के जनरल हाउस में आने वाला है।
हालत यह है कि शहर की मुख्य सड़कों पर तीन सौ से ज्यादा डंपिग प्वाइंट हैं। यहां बड़े कूड़ेदान लगाए तो गए हैं लेकिन अधिकतर कचरा सड़कों पर ही बिखरा रहता है। बात यहीं खत्म नहीं हो जाती, यह कूड़ेदान सड़क पर हादसों को भी न्योता दे रहे होते हैं। इन्हें सड़क किनारे लगाया तो गया होता है लेकिन खाली करते समय बहुत बार यह सड़क के बीचोंबीच आ जाते हैं। वार्ड- 9 के कॉरपोरेटर सुनीत कुमार ने एक प्रस्ताव लाया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि हम जम्मू को स्मार्ट सिटी बनाने से पहले क्लीन सिटी बनाएं। इसके लिए हमें शहर से डंपिग जोन खत्म करने चाहिए। उनके अनुसार शहर के बीच से ऐसे प्वाइंट रखने की जरूरत नहीं रह जाती जब कचरा उठाने के लिए आटो व गाड़ियां लगा दी गई हैं। सुनीत ने नगर निगम एक्ट 2000 का हवाला देते हुए निगम प्रशासन से इस व्यवस्था को बनाने पर जोर दिया है। अलबत्ता पिछली बार जनरल हाउस की बैठक स्थगित हो गई। अगली जनरल हाउस की बैठक में यह प्रस्ताव को पारित करने के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
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निगम के पास है 150 वाहन
करीब 150 वाहनों को बेड़ा इस समय नगर निगम के पास है। छोटे वाहनों की कमी के चलते मुहल्लों से निकलने वाले कचरे को मुख्य सड़कों पर एकत्र किया जाता है। यहीं से जेसीबी मशीनों के माध्यम से वाहनों में कचरे को लोड किया जाता है। शहर से प्रतिदिन करीब 400 मीट्रिक टन कचरा निकलता है। कचरे को पहले तवी नदी किनारे भगवती नगर में फेंका जाता था। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद कचरे को अब कोट भलवाल में काला गांव में ठिकाने लगाया जा रहा है।
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शहर से निकलने वाला कचरा
कुल कचरा जमा होता है - 400 मीट्रिक टन प्रति दिन
गलियों की सफाई से - 50 मीट्रिक टन प्रति दिन
होटल/रेस्टोरेंट से - 40 मीट्रिक टन प्रतिदिन
बाजारों से - 50 मीट्रिक टन प्रतिदिन
व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से - 20 मीट्रिक टन प्रतिदिन
घरों से - 130 मीट्रिक टन प्रतिदिन
अन्य से - 110 मीट्रिक टन प्रतिदिन
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'शहर में 300 के करीब बड़े कूड़ेदान लगे हुए हैं। इन्हें मुख्य सड़कों पर रखा जाता है, ताकि बड़ी गाड़ियां आराम से इनसे कचरा उठा सकें। फिलहाल यही व्यवस्था चल रही है। इसमें बदलाव के लिए हाउस फैसला लेता है तो उसे अमल में लाया जाएगा। हमारी कोशिश रहती है कि सुबह 10 बजे से पहले सभी डंपिग प्वाइंट खाली कर लिए जाएं। फिर इस कचरे को लेकर वाहन कोट भलवाल डंपिग साइट पर जाते हैं।'
-तलत महमूद, चीफ ट्रांसपोर्ट आफिसर, जम्मू नगर निगम