जम्मू-कश्मीर, लद्दाख के लिए वाटरशेड परियोजना के तहत एक-एक स्प्रिंग-शेड को मंजूरी
नाबार्ड ने फसली ऋण देने के लिए व डेयरी पोल्ट्री भेड़पालन आदि गतिविधियों की जरूरतों को कृषि आवधिक ऋण से पूरा करने हेतु 152 करोड़ की पुनर्वित्त सहायता में दी है।
जम्मू, जागरण संवाददाता।राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने जल समस्या के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर व लद्दाख संघ शासित प्रदेशों के लिए एक-एक स्प्रिंग शेड आधारित वाटरशेड परियोजना की मंजूरी दी है। इसकी जानकारी नाबार्ड जम्मू-कश्मीर के मुख्य महाप्रबंधक का पद्भार संभालने वाले आरके श्रीवास्तव ने दी। उन्होंने बताया कि लेह में तीन कृत्रिम ग्लेशियर बनाने की परियोजना से भविष्य में अप्रैल-मई के दौरान स्थानीय लोगों को सिंचाई के लिए आने वाली मुश्किलों से निजात मिलेगी और इससे 1643 ग्रामीणों को लाभ पहुंचेगा।
कश्मीर डिवीजन के अनंतनाग जिले के सिरम गांव में होने वाले स्प्रिंग शेड विकास कार्यक्रम से गांव का कायाकल्प होने की उम्मीद है। इसके विकसित हो जाने से गांव के 18300 लोग लाभांवित होंगे। मुख्य महाप्रबंधक आरके श्रीवास्तव ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का पहला वाटरशेड प्रोजेक्ट सांबा जिले की कातर राजूल पंचायत के तहत 7 गांवों के 1003 हेक्टेयर भूभाग को लाभांवित करता हुआ सफलतापूर्वक काम कर रहा है। इस परियोजना से पानी की उपलब्धता के किसानों को फसलों के लिए सिंचाई में किसी किस्म की परेशानी नहीं हो रही है। इससे फसलों की उत्पादकता भी बढ़ी है तथा दूध के उत्पादन में भी उल्लेखनलीय वृद्धि हुई है।इस परियोजना से उत्साहित होकर जल्द ही एक अन्य वाटरशेड परियोजना ऊधमपुर जिले के चन्नी मानसर में कार्यांवित की जानी है।
नाबार्ड के गत 12 जुलाई को 39वें स्थापना दिवस के दौरान नाबार्ड ने छह ऐसी परियोजनाएं मंजूर की हैं।इनमें जेके ग्रामीण बैंक को वित्तीय साक्षरता मुहिम के लिए तीन वैन, जेके ग्रामीण बैंक को 434 वित्तीय सहायता साक्षरता चलाने, अनंतनाग की गैर सरकारी संगठन वायसेप को 100 संयुक्त देयता समूह बनाने, वायसेप अनंतनाग को ही आरी व कड़ाई के लिए दक्षता कार्यक्रम चलाने, ऊधमपुर व सांबा जिलों में एसएचजी के डिजीटलकरण के लिए ई-शक्ति फेस का निर्माण शामिल है।
वर्ष 2019-20 के दौरान नाबार्ड ने वाणिज्य बैंक, सहकारी व ग्रामीण बैंकों और भारतीय पोस्ट पेमैंट बैंक को मोबाइल वैन, पीओएस, वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम इत्यादि के माध्यम से वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने में भी मदद की है। इसके अलावा नाबार्ड ने केंद्र शासित प्रदेशों में काम कर रहे बैंकों को फसली ऋण देने के लिए व डेयरी, पोल्ट्री, भेड़पालन आदि गतिविधियों की जरूरतों को कृषि आवधिक ऋण से पूरा करने हेतु 152 करोड़ की पुनर्वित्त सहायता में दी है। जम्मू-कश्मीर ग्रामीण बैंक नाबार्ड का मुख्य सहभागी रहा है।