जम्मू कश्मीर को ज्ञानियों का नखलिस्तान बनाना है सपना: सिन्हा
उपराज्यपाल ने नई शिक्षा नीति का प्रदेश में दूरगामी प्रभाव पड़ने की बात कही -----
राज्य ब्यूरो, जम्मू: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि मेरा एक ही सपना है कि जम्मू कश्मीर ज्ञानी, उद्यमी और कुशल युवाओं का एक नखलिस्तान बने। उन्होंने अपनी यह इच्छा सोमवार को जम्मू विश्वविद्यालय के जनरल जोरावर ऑडिटोरियम में आयोजित शिक्षाविदें के सम्मेलन में व्यक्त की।
प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) को कार्यान्वित करने की एक प्रभावी और व्यावहारिक कार्ययोजना तैयार करने के लिए जम्मू विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा विभाग के समन्वय से यह सम्मेलन आयोजित किया। यह प्रदेश में अपनी तरह का दूसरा सम्मेलन है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित किया। उन्होंन कहा कि जम्मू कश्मीर में ज्ञान और शिक्षा का एक बड़ा केंद्र बनाने में केंद्र सरकार हर संभव मदद करेगी।
उपराज्यपाल ने कहा कि ईश्वर ने जम्मू कश्मीर को सिर्फ प्राकृतिक सौंदर्य ही प्रदान नहीं किया है, बल्कि यहां के लोगों को एक विचारशील दिमाग और सूझबूझ भी उपहार में दी है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि नई शिक्षा नीति का प्रदेश में दूरगामी प्रभाव होगा। उपराज्यपाल कहा कि शिक्षा व्यवस्था में छात्रों की राय, उनके विचार और प्रतिक्रिया को पर्याप्त स्थान दिया जाएगा। नई शिक्षा नीति का उद्देश्य पूरे शिक्षा विज्ञान और अध्यापन शास्त्र में व्यापक सुधार लाना है। स्कूलों और उच्च शिक्षा केंद्रों की कार्यप्रणाली को बदलते परिवेश के अनुकूल बनाना है। हमें कला और शिल्प के कौशल विकास के लिए छात्रों को इंटर्नशिप देनी चाहिए। इसलिए शिक्षाविद जरूरतों के अनुसार खुद में बदलाव लाएं। शिक्षा संस्थान भी सामुदायिक विकास पर जोर दें।
उपराज्यपाल के सलाहकार केके शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति का मकसद एक एकीकृत शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की ड्राफ्ट समिति के अध्यक्ष डॉ. के कस्तूरीरंगन ने बताया कि नई नीति के लिए दो लाख से अधिक सुझावों को अध्ययन किया गया है। 2.5 लाख ग्राम पंचायतों, 12,500 से अधिक स्थानीय शहरी निकायों और 675 जिलों से यह सुझाव प्राप्त हुए थे। यूजीसी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. वेद प्रकाश ने भी कहा कि सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को मिलकर काम करना होगा। जम्मू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज कुमार धर ने कहा कि जम्मू विश्वविद्यालय कॉलेजों के लिए एक संरक्षक और मार्गदर्शन की भूमिका में रहेगा। उपराज्यपाल की प्रमुख बातें
-जम्मू-कश्मीर में निर्माणाधीन कॉलेजों को पूरा करने और नए कॉलेजों की स्थापना के लिए 300 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
-स्कूल व उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए 2392 करोड़ जारी किए जा चुके हैं।
-स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के लिए केंद्र ने 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अनुदान दिया है।
-महामारी विज्ञान और वायरोलॉजी में शोध में तेजी लाई जाए।
-नए कौशल, नवाचार गतिविधियां, नए शोध कार्यक्रम, छात्रवृत्तियां, ई-लर्निंग मॉड्यूल और वोकेशनल ट्रेनिग को शामिल कर पठनीय पाठयक्रम बनाना होगा।
-जम्मू में इन्क्यूबेशन और टेक्नोलॉजी सेंटर की स्थापना की प्रक्रिया में तेजी लाएं। उद्योग-अकादमिक संबंध बढ़ाए जाएं।