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Kashmir: कश्मीरी हिंदू की अर्थी को मुस्लिम भाईयों ने दिया कंधा, सांप्रदायिक सौहार्द की पेश की मिसाल

कश्मीर के एक अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती शौपियां जिला के गांव परगोची के रहने वाले 60 वर्षीय वृद्ध हिंदू भास्कर का निधन हो गया। शोकाकुल परिवार अस्पताल में तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के उपरांत जैसे ही अस्पताल की एंबुलेस में शव को लेकर अपने गांव की ओर निकला

By Vikas AbrolEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 03:08 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 03:08 PM (IST)
Kashmir: कश्मीरी हिंदू की अर्थी को मुस्लिम भाईयों ने दिया कंधा, सांप्रदायिक सौहार्द की पेश की मिसाल
मुस्लिम भाईयों ने हिंदू की अर्थी को कंधा देकर उसके घर तक पहुंचाकर इंसानियत की अद्भुत मिसाल पेश की है।

जम्मू, विकास अबरोल। किसी ने सच ही कहा है कि इंसानियत का कोई धर्म नहीं होता और इसे आज एक बार फिर सच कर दिखाया है कि कश्मीर के मुस्लिम भाईयों ने। समूचे कश्मीर में आज तड़के से जारी बर्फबारी के कारण जहां हवाई सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई तो वहीं कई इलाकों में सड़क मार्ग भी अन्य जिला मुख्यालयों से कट गए। ऐसे में आज सुबह अस्पताल में भर्ती एक कश्मीरी हिंदू वृद्ध की अस्पताल में मौत हो गई। जब वृद्ध के शव को परिजन एंबुलेस में डालकर घर ले जाने लगे तो रास्ते में भारी बर्फबारी ने उनका रास्ता रोक लिया। ऐसे में वहां रहने वाले कश्मीरी मुस्लिम भाई मौके पर पहुंचे और हिंदू बुजुर्ग की अर्थी को कंधा देकर उनके गांव तक पहुंचाया।

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कश्मीर के एक अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती शौपियां जिला के गांव परगोची के रहने वाले 60 वर्षीय वृद्ध हिंदू भास्कर का निधन हो गया। शोकाकुल परिवार अस्पताल में तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के उपरांत जैसे ही अस्पताल की एंबुलेस में शव को लेकर अपने गांव की ओर निकला तो गांव से कुछ किलोमीटर पहले ही बीच रास्ते में भारी बर्फबारी ने एंबुलेंस को आगे बढ़ने से रोक दिया। ऐसे में जब वहां के कश्मीरी भाईयों को पता चला तो वे तुरंत अपने घरों से बाहर निकल आए। सबसे पहले तो उन्होंने बर्फ में फंसी एंबुलेंस को धक्का मारकर निकालने का प्रयास किया लेकिन जब इससे पता बनती नहीं दिखी तो फिर बर्फबारी के बीच सभी मुस्लिम भाईयों ने हिंदू की अर्थी को कंधा देकर उसके घर तक पहुंचाकर इंसानियत की अद्भुत मिसाल पेश की है।

इन लोगों का कहना है कि कश्मीर सिर्फ कश्मीरी मुस्लिमों से ही नहीं बल्कि कश्मीरी हिंदू भाईयों और मुस्लिम भाईयों के आपसी सौहार्द और प्रेम के लिए जानी जाती है। कश्मीरी पंडितों के बिना कश्मीरी अधूरा है। कश्मीर में रह रहे हिंदू भाईयों का गम और खुशी में वे शामिल होने से पीछे नहीं हटते हैं और यही वजह है कि आज कश्मीर में दोनों समुदायों के आपसी प्रेम और इंसानियत को देखकर यही महसूस होने लगा है कि कश्मीर में अमन की ब्यार जल्द बहेगी और जातपात और धर्म के नाम पर कश्मीरियों को बांटने वाले अलगाववादियों को एक करारा जवाब देगी।इंटरनेट मीडिया पर इंसानियत की मिसाल पेश करती यह तस्वीर काफी वायरल हो रही हैं और सभी इसकी प्रशंसा कर रहे हैं।  


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