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Jammu: कोर्ट के आदेश पर नाके पर युवक को पीटने वाले एसएचओ पर एफआइआर दर्ज, दो सप्ताह में रिपोर्ट मांगी

मुंसिफ जम्मू ने एसएसपी जम्मू को बख्शी नगर के एसएचओ कर्ण चलोत्र के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राकेश गुप्ता की शिकायत पर यह निर्देश जारी किए।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 21 Dec 2019 01:14 PM (IST)Updated: Sat, 21 Dec 2019 01:14 PM (IST)
Jammu: कोर्ट के आदेश पर नाके पर युवक को पीटने वाले एसएचओ पर एफआइआर दर्ज, दो सप्ताह में रिपोर्ट मांगी
Jammu: कोर्ट के आदेश पर नाके पर युवक को पीटने वाले एसएचओ पर एफआइआर दर्ज, दो सप्ताह में रिपोर्ट मांगी

जम्मू, जेएनएफ। नाके पर एक युवक को बुरी तरह पीटने के आरोप में बख्शीनगर पुलिस थाने के एसएचओ के खिलाफ मुंसिफ कोर्ट ने एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। साथ ही मामले की जांच डीएसपी स्तर के अधिकारी से कराने के लिए कहा है। एसएचओ की पिटाई से युवक की टांग टूट गई थी। इसके बावजूद अस्पताल नहीं ले जाया गया और रात भर थाने में रखा गया। यहां तक उसकी पत्नी को भी उससे नहीं मिलने दिया गया। पत्नी रात भर थाने के बाहर बैठी रही।

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मुंसिफ जम्मू ने एसएसपी जम्मू को बख्शी नगर के एसएचओ कर्ण चलोत्र के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राकेश गुप्ता की शिकायत पर यह निर्देश जारी किए। राकेश गुप्ता ने कोर्ट में आवेदन देकर एसएचओ के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग की थी। शिकायत में राकेश गुप्ता ने कहा कि उनका बेटा शुभम गुप्ता 24 नवंबर 2019 को एक शादी समारोह में हिस्सा लेकर रात करीब नौ बजे घर लौट रहा था।

इसी दौरान बख्शी नगर एसएचओ कर्ण चलोत्र ने रेशम घर के निकट एक नाके पर उनके बेटे को रोका और मोटरसाइकिल से नीचे घसीटा, जिससे वह गिर गया। इससे उसकी दाईं टांग में चोट आई। जब शुभम ने इसका कारण पूछा तो एसएचओ ने उसे लाठियों से पीटना शुरू कर दिया जिससे शुभम की दाईं टांग की हड्डी टूट गई और हाथ व पीठ में भी चोट आई। इस पर भी एसएचओ की तानाशाही खत्म नहीं हुई और वह शुभम का बिना उपचार करवाए थाने ले गया। यहां उसे रात भर लॉकअप में रखा गया।

रातभर थाने में रखा: शिकायत में आगे कहा गया कि जानकारी मिलने पर शुभम की पत्नी बख्शी नगर पुलिस स्टेशन गई लेकिन उसे भीतर जाने की अनुमति नहीं दी गई, लिहाजा उसने पूरी रात थाने के बाहर गुजारी। पुलिस ने पूरी रात शुभम को बिना उपचार दिये लॉकअप में रखा। अगले दिन चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट जम्मू के हस्तक्षेप पर उपचार हुआ।

जख्मी हालत में ही पेशी: मुंसिफ जम्मू जीवन कुमार शर्मा ने केस रिकार्ड में पाया कि शुभम को 25 नवंबर को घायल अवस्था में सीजेएम के सामने पेश किया गया था। उस समय तक उसे कोई उपचार नहीं मिला था। सीजेएम ने पुलिस को शुभम का उपचार करवाने के निर्देश देने के साथ डीआइजी को इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया था।

एसएसपी से की थी शिकायत: शिकायतकर्ता ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट के साथ उन्होंने तीन दिसंबर को एसएसपी को लिखित शिकायत दर्ज कराकर एसएचओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। एसएचओ काफी प्रभावशाली पुलिस अधिकारी है और इस कारण एसएसपी जम्मू भी कार्रवाई नहीं कर रहे।

दो सप्ताह में मांगी जांच रिपोर्ट: मुंसिफ जीवन कुमार शर्मा ने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए और जांच तभी सही हो सकती है जब एक वरिष्ठ अधिकारी जांच करे। लिहाजा कोर्ट ने एसएसपी जम्मू को एसएचओ बख्शी नगर के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर कम से कम डीएसपी स्तर के अधिकारी से जांच करवाने तथा दो सप्ताह में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।


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