अध्यक्ष पद की दावेदारी ने मुश्किल बनाई बहुमत की राह, जोड़तोड़ में भी कुर्सी आ रही अाड़े
रामगढ़ नगर पालिका इकाई कमेटी गठन के लिए किसी भी दल को सात सीटों का बहुमत प्राप्त होना अनिवार्य है। नगर पालिका गठन के लिए किसी भी दल के पास पूर्ण बहुमत नहीं है।
रामगढ़, जेएनएन। अध्यक्ष बनने की इच्छा रखने वाले उम्मीदवारों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। उम्मीदवारों में बढ़ती लालसा ने बहुमत सिद्ध करने की राहें मुश्किल बना दी हैं। रामगढ़ नगर पालिका इकाई कमेटी गठन के लिए किसी भी दल को सात सीटों का बहुमत प्राप्त होना अनिवार्य है। लेकिन घोषित परिणाम में कस्बे की 13 वार्डों में भाजपा, कांग्रेस ने चार-चार और निर्दलीयों ने पांच सीटें हासिल की हैं। इस तरह से नगर पालिका गठन के लिए किसी भी दल के पास पूर्ण बहुमत नहीं है।
निकाय चुनाव परिणामों की घोषणा के सात दिन बाद भी जिस दल को जितनी सीटें प्राप्त थीं, वहीं आंकड़ा वर्तमान में भी बरकरार है। बहुमत हासिल करने के लिए लगातार जारी जोड़-तोड़ भी अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है। जहां पर भी किसी विजयी उम्मीदवार के साथ जोड़-तोड़ पर बात होती है, तो वहीं पर अध्यक्ष पद की दावेदारी बहुमत के रास्ते का रोड़ा बन जाती है। बहुमत प्राप्त करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे राजनीतिक दल व निर्दलीय उम्मीदवारों की उम्मीदें टूटती नजर आने लगी हैं।
रामगढ़ की 13 वार्डों के विजयी उम्मीदवार प्रधान बनने की ख्वाहिश अपने मन में पाले हुए हैं। हरेक उम्मीदवार की कमेटी अध्यक्ष बनने की सोच ने पूरे कस्बे का सिस्टम दाव पर लगा दिया है। कस्बे के लोग यह नहीं समझ पा रहे कि आखिरकार कुर्सी किसकी होगी। कब कमेटी गठन की प्रक्रिया पूरी होगी। वहीं रामगढ़ नगर पालिका कमेटी गठन के लिए किन्हीं दो दलों में होने वाले गठबंधन के लिए भी कमेटी अध्यक्ष बनने की शर्त बहुमत के रास्ते का रोड़ा बनकर उभर रही है।
आशंका है कि अगर कहीं दो दलों के बीच गठबंधन के बल पर रामगढ़ कमेटी का गठन हो गया तो उसके समझौते की शर्तें कैसे पूरी हो पाएंगी। हर तरफ रामगढ़ कमेटी गठन को लेकर चर्चाओं का दौर पूरे चरम पर है। लोग अपने-अपने कयास लगाकर समय बिता रहे हैं।