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Jammu : जम्मू में दिव्यांगों के लिए बनेगा कंपोजिट रीजनल सेंटर, सेंटर के लिए 48 कनाल भूमि चिन्हित

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जल्द कश्मीर में एक बड़े पुनर्वास शिविर का आयोजन भी किया जाएगा। शिविर में कश्मीर संभाग के सभी जिलों के करीब 4000 दिव्यांगों को उनकी जरूरत के उपकरण दिए जाएंगे।सरकार दिव्यांगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार कार्रवाई कर रही है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 02 Sep 2021 09:29 AM (IST)Updated: Thu, 02 Sep 2021 09:31 AM (IST)
रामदास अठावले ने विश्वास दिलाया कि सेवाओं में बेहतरी के लिए हर संभव सहयोग दिया जाएगा।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास अठावले ने प्रदेश में दिव्यांगों को सशक्त बनाने पर जोर देते हुए कहा है कि जम्मू में जल्द दिव्यांगाें के लिए 48 कनाल भूमि पर कंपोजिट रीजनल सेंटर बनाया जाएगा।

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केंद्रीय मंत्री ने ऐसा बुधवार को श्रीनगर के बेमीना में कंपोजिट रीजनल सेंटर का दौरा करने के बाद कहा। केंद्रीय मंत्री ने इस सेंटर में दिव्यांगों के लिए उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं के बारे में भी जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि जम्मू में कंपोजिट रीजनल सेंटर बनाने के लिए 48 कनाल जमीन चिन्हित कर ली गई है। इस सेंटर में दिव्यांगों के लिए क्लीनिक की सुविधा भी शुरू की जाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जल्द कश्मीर में एक बड़े पुनर्वास शिविर का आयोजन भी किया जाएगा। इस शिविर में कश्मीर संभाग के सभी जिलों के करीब 4000 दिव्यांगों को उनकी जरूरत के उपकरण दिए जाएंगे। केंद्र मंत्री ने कहा कि सरकार दिव्यांगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार कार्रवाई कर रही है। इस दौरान उन्हें सेंटर के कैंपस में पौधारोपण अभियान का भी शुभारंभ किया।

सेंटर के दौरे के दौरान उन्होंने विश्वास दिलाया कि सेवाओं में बेहतरी के लिए हर संभव सहयोग दिया जाएगा। उन्होंने सेंटर के विभिन्न विभागों में फिजियोथैरेपी, साइकालजी प्रोस्थेटिक्स, आर्थोटिक्स, स्पीच हियरिंग के लिए बनाए गए ब्लाकों का भी निरीक्षण किया। इस दौरे के दौरान उन्होंने मरीजों के लिए उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं के बारे में भी जानकारी ली। 

खानाबदोश लोगों को मिलेगी बेहतर चिकित्सा सुविधाएं: जनजाति मामलों के विभाग और नेशनल हेल्थ मिशन ने खानाबदोश लोगों को स्वास्थ्य का बेहतर ढांचा उपलब्ध करवाने के लिए योजना को अंतिम रूप दिया। योजना के तहत जनजाति मामलों के विभाग के सचिव डा. शाहिद इकबाल चौधरी ने नेशनल हेल्थ मिशन के प्रबंध निदेशक मोहम्मद यासीन चौधरी के साथ बैठक में योजना के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श किया। इसमें कार्य क्षमता, ढांचा, पेशेवर मानव संसाधान, सुविधाओं पर चर्चा की गई। चौधरी ने कहा कि मोबाइल मेडिकल यूनिट, स्वास्थ्य प्रणाली पर ध्यान दिया जाएगा।

यासीन चौधरी ने जनजाति स्वास्थ्य योजना को लागू करने की विस्तार से जानकारी दी। योजना में स्वास्थ्य सुविधाएं, मोबाइल हेल्थ केयर, टेलीमेडिसन, कार्य क्षमता, पेशेवर मानव संसाधन नेटवर्क को शामिल किया है। जनजाति मामलों के विभाग ने इसके लिए बजट का प्रस्ताव किया है।योजना के तहत स्वास्थ्य संस्थानों का थ्री टियर नेटवर्क काम करेगाा। जनजाति स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए जाएंगे। ऊंचाई वाले इलाकों में प्री फैबरीकेटेड हट बनाई जाएगी। मोबाइल मेडिकल यूनिट भी काम करेगी। सब सेंटर का विस्तार किया जाएगा। इन सेंटरों को प्राइमरी चिकित्सा केंद्रों के साथ जोड़ा जाएगा। शुरुआती तौर पर पायलट प्रोजेक्ट चार जिलों में लागू होगा। दो जिले जम्मू व दो कश्मीर से लिए जाएंगे। जिनमें अधिकतर जनजाति जनसंख्या वाले होंगे। बाद में इसे बीस जिलों में ले जाएगा। इसके लिए दस करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है। विस्तार से इसे भारत सरकार के पास ले जाया जाएगा।


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