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राज्य में 25 हजार से अधिक लोग इंजेक्शन से ले रहे नशा, सर्वेक्षण में सामने आई यह बात Jammu News

सर्वेक्षण के अनुसार ओपियाड अर्थात नशीले पदाथों का सेवन करने वालों की संख्या राष्ट्रीय स्तर पर 2.06 प्रतिशत है। वहीं जम्मू कश्मीर में 4.91 प्रतिशत है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 26 Jun 2019 11:56 AM (IST)Updated: Wed, 26 Jun 2019 11:56 AM (IST)
राज्य में 25 हजार से अधिक लोग इंजेक्शन से ले रहे नशा, सर्वेक्षण में सामने आई यह बात Jammu News

जम्मू, रोहित जंडियाल। रियासत में 25 हजार से अधिक लोग इंजेक्शन के जरिये नशा ले रहे हैं। यही नहीं, विभिन्न प्रकार के नशा करने वालों की संख्या राज्य में लगातार बढ़ रही है। पंजाब की तरह जम्मू कश्मीर में भी नशा तेजी से पैर पसार रहा है। गंभीर बात यह कि आतंकवाद के बाद अब नशे से युवाओं की जिंदगी खत्म करने की साजिश रची जा रही है।

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सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रलय की हाल ही में जारी रिपोर्ट में नशे को लेकर कई राज्यों में चिंताजनक स्थिति बताई गई है। इनमें जम्मू कश्मीर भी शामिल हैं। यह सर्वेक्षण अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉ. अतुल अंबेकर की देखरेख में हुआ। इसके अनुसार जम्मू कश्मीर में इंजेक्शन से ड्रग्स लेने वालों की संख्या देश में 12वें स्थान पर है।

सबसे अधिक नशा उत्तर प्रदेश में करते हैं लोग

सबसे अधिक नशा उत्तर प्रदेश में 100113 लोग करते हैं। इसके बाद पंजाब में 88165, आंध्र प्रदेश में 69916 और तेलंगाना में 64 हजार लोग इंजेक्शन से ड्रग्स लेते हैं। जम्मू कश्मीर में 25098 लोग इंजेक्शन से नशा करते हैं। राज्य में 0.01 प्रतिशत लोग कोकीन का नशा करते हैं। इसमें अरुणाचल प्रदेश 3.01 प्रतिशत के साथ सबसे आगे है। सर्वे में यह भी सामने आया है कि कई लोग नशे के लिए सीडेटिव अर्थात दर्द दूर करने वाली औषधियों का भी इस्तेमाल करते हैं। इनमें भी जम्मू कश्मीर में 1.54 प्रतिशत लोग पीडि़त पाए गए। राष्ट्रीय स्तर पर डीटेटिव का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 1.08 प्रतिशत है।

जम्मू-कश्मीर में नशा करने वाले 4.91 प्रतिशत

सर्वेक्षण के अनुसार ओपियाड अर्थात नशीले पदाथों का सेवन करने वालों की संख्या राष्ट्रीय स्तर पर 2.06 प्रतिशत है। वहीं जम्मू कश्मीर में 4.91 प्रतिशत है। देश में सबसे अधिक ओपियाड का सेवन करने वालों की संख्या मिजोरम में 25.67 प्रतिशत है। इसके बाद नागालैंड में 25.22 प्रतिशत और अरुणाचल प्रदेश में 22.18 प्रतिशत है। सैंपल सर्वे के अनुसार भांग, गांजा और चरस का नशा करने वालों की संख्या राष्ट्रीय स्तर पर 2.83 प्रतिशत है जबकि जम्मू कश्मीर में भांग से नशा करने वाले लोग 1.31 प्रतिशत हैं। सबसे अधिक भांग का नशा पंजाब में 12.55 प्रतिशत और सिक्किम में 10.94 प्रतिशत है।

रियासत समेत सात राज्यों के डीजीपी तोड़ेंगे नशे का नेटवर्क

नशा तस्करों का नेटवर्क तोडऩे और नशीले पदार्थों के दुरुपयोग को रोकने के कारगर उपाय खोजने के लिए सात राज्यों और चंडीगढ़ के डीजीपी एक बार फिर वार्ता की टेबल पर बैठेंगे। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पहल पर बुधवार को हो रही बैठक में एकजुट प्रभावी रणनीति बनाने के साथ ही पिछले साल बनाए साझा वार रूम की कार्यप्रणाली पर चर्चा की जाएगी। 26 जून को मादक पदार्थों के दुरुपयोग एवं तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। बैठक में जम्मू कश्मीर समेत हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक शामिल होंगे।

ऐसे हुआ सर्वेक्षण

देश में नशे पर ऐसा सर्वे पहली बार हुआ है। यह सैंपल सर्वे ह। इसमें देश भर के 200111 घरों में 4,73,569 लोगों का इंटरव्यू किया गया। 36 राज्यों और केंद्र शासित राज्यों के 186 जिलों को चुना गया। इसमें दस साल से 75 साल के आयु वर्ग के लोगों को शामिल किया गया। जम्मू-कश्मीर में कंट्रोलर ड्रग एंड फूड कंट्रोल लोतिका खजूरिया थीं। राज्य में सर्वे करने में निजी संगठन जेके प्रमोशन फार यूथ एंड मासेस का भी सहारा लिया गया। यह रिपोर्ट साल 2019 की है।

राज्य में बढ़ रहा नशा

  • राज्य में नशा लगातार बढ़ रहा है। मनोरोग अस्पताल जम्मू में बने नशा मुक्ति केंद्र में हर दिन औसतन छह से दस मामले आते हैं। इनमें भांग, चरस से लेकर हेरोइन तक का नशा करने वाले हैं। अगर किसी को नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती करने की जरूरत पड़ती है तो उसे भर्ती किया जाता है - डॉ. राकेश बनाल, मनोरोग विशेषज्ञ 

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