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मोदी के सपने पर लगा लेटलतीफी का ग्रहण

ऐसे में गुलाम कश्मीर के विस्थापितों के लिए दो हजार करोड़ रुपये के पैकेज से अब तक सिर्फ 110 करोड़ ही बांटा गया है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 25 Aug 2017 10:31 AM (IST)Updated: Fri, 25 Aug 2017 10:31 AM (IST)
मोदी के सपने पर लगा लेटलतीफी का ग्रहण

जम्मू, [विवेक सिंह] अस्सी हजार करोड़ रुपये के पैकेज से राज्य की कायाकल्प करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने पर राज्य सरकार की लेटलतीफी से ग्रहण लग रहा है। विकास को गति देने के लिए तय धन के इस्तेमाल के प्रति लापरवाही से प्रधानमंत्री रुष्ट हैं।

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ऐसे में उनका संदेश लेकर वीरवार को आए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने राज्य प्रशासन को काम करने का तरीका बदलने, पैसे लेने और परिणाम देने की सख्त हिदायत दी। केंद्र सरकार ने अब तक अस्सी हजार करोड़ रुपये पैकेज से 62,600 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी है, लेकिन सुस्त गति के कारण महज 22 हजार करोड़ रुपये ही खर्च हो सके हैं।

चालू वित्त वर्ष के पांच महीनों में महज 5000 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाए हैं। इस गति से पूरे पैकेज का इस्तेमाल करने में और आठ वर्ष लग जाएंगे। दिल्ली में शिकायतें पहुंच रही हैं कि प्रधानमंत्री के पैकेज से गुलाम कश्मीर, पश्चिम पाकिस्तान के रिफ्यूजियों, कश्मीरी पंडितों और अन्य विस्थापितों के मसलों को हल करने में दिक्कतें आ रही हैं।

ऐसे में मोदी सरकार ने हंसराज अहीर को इस मिशन पर भेजा है कि वह अगस्त में जम्मू के बाद सितंबर में कश्मीर व लद्दाख में पीएम पैकेज के इस्तेमाल की गति बढ़ाएं।प्रशासन पैकेज के इस्तेमाल को लेकर गलत बयानबाजी भी कर रहा है। यह बताया जा रहा है अब तक 3500 परिवारों को साढ़े पांच लाख प्रति परिवार के हिसाब से मुआवजा दिया गया है। हकीकत यह है कि ऐसे परिवारों की संख्या 2000 है। ऐसे में गुलाम कश्मीर के विस्थापितों के लिए दो हजार करोड़ रुपये के पैकेज से अब तक सिर्फ 110 करोड़ ही बांटा गया है। ऐसे में वीरवार दोपहर हंसराज अहीर ने जम्मू में डिवीजनल कमिश्नर डॉ. मंदीप भंडारी, राज्य प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर माह गुलाम कश्मीर के करीब अढ़ाई हजार परिवारों को मुआवजा देने का लक्ष्य पूरा करें।

उन्हें निर्देश दिए गए कि हर हाल में प्रधानमंत्री पैकेज के इस्तेमाल को गति दी जाए। इस दौरान कश्मीरी पंडितों के लिए घाटी में छह हजार फ्लैट बनाने के लिए 115 करोड़ का इस्तेमाल न होने, पंडितों के लिए तीन हजार नौकरियों के लिए 1080 करोड़ के पैकेज पर भी काम न होने पर हंसराज अहीर ने आपत्ति जताई। उन्होंने प्रशासन से स्पष्ट किया कि काम करने पर ही पैसा मिलेगा।

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