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Jammu : आधुनिक तकनीक से रोशन होगा मंदिरों का शहर, जानिए कैसे?

जल्द ही जम्मू शहर आधुनिक तकनीक से रोशन होने वाला है। जम्मू नगर निगम ने केंद्र की एक कंपनी से समझौता कर लिया है। चुनाव आचार सहिंता के खत्म होने के बाद निगम इस दिशा में काम शुरू होगा

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 16 May 2019 11:23 AM (IST)Updated: Thu, 16 May 2019 11:28 AM (IST)
Jammu : आधुनिक तकनीक से रोशन होगा मंदिरों का शहर, जानिए कैसे?

जम्मू, [ अंचल सिंह ]। जल्द ही जम्मू शहर आधुनिक तकनीक से रोशन होने वाला है। जम्मू नगर निगम ने केंद्र की एक कंपनी से समझौता कर लिया है। चुनाव आचार सहिंता के खत्म होने के बाद निगम इस दिशा में काम शुरू करेगा। इसके लिए हर खम्भे की नंबरिंग की जाएगी। कंट्राेल रूम में हर खम्भे की जानकारी रहेगी। जिस किसी खम्भे पर भी लाइट नहीं जल रही होगी, कंट्रोल रूम में आटोमैटिक जानकारी मिल जाएगी। इसके बाद टीम काम करेगी।

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केंद्र की कंपनी ईईएसएल के साथ नगर निगम का समझौता हुआ

केंद्र की कंपनी एनर्जी एफीसिएंसी सर्विस लिमिटेड (ईईएसएल) के साथ नगर निगम ने समझौता कर लिया है। आचार संहिता के खत्म होने के बाद सार्वजनिक घोषणा करते हुए कामकाज में तेजी लाई जाएगी। कंपनी शहर के हरेक बिजली के खम्भे की निशानदेही करते हुए रजिस्ट्रेशन करेगी। कंप्यूटरीकरण के साथ हरेक खम्भे का डाटा कंपनी के पास उपलब्ध रहेगा। डिजिटल इंडिया के तहत हर वार्ड के हरेक गली के खम्भे की जानकारी कंपनी के कंट्रोल रूम के पास रहेगी। कंपनी के हाथों सभी स्ट्रीट लाइटों का जिम्मा सौंपने के बाद निगम की सिरदर्दी कम हो जाएगी। लोगों को शिकायत करने की जरूरत नहीं रहेगी। कंपनी के कंट्रोम रूम में जानकारी उपलब्ध रहेगी कि किस खम्भे की लाइट बंद हो गई है। यह कंपनी बिजली विभाग के साथ मिलकर उजाला योजना के तहत भी शहर में बिजली के बल्ब, एलईडी वितरित कर चुकी है। 

नगर निगम के पास मौजूदा ढांचे की स्थिति

मौजूदा समय में नगर निगम के पास सिर्फ 17 लाइनमैन हैं जबकि एक भी जूनियर इंजीनियर नहीं। शहर के 75 वार्डों की देखरेख मात्र एक असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर कर रहा है। हालत यह है कि जो 17 लाइनमैन तैनात किए गए हैं, उनमें भी सिर्फ सात ही स्थायी हैं। शेष दस को कंट्रेक्चुअल पर लगाया गया है। शहर के 75 वार्डों में कम से कम पांच जूनियर इंजीनियरों की जरूरत है। इसके विपरीत निगम की इस सेक्शन में भी एक भी नहीं। वहीं फोरमैन का पद भी यहां नहीं है। इस इलेक्ट्रिक विंग में दो एइइ के पद अभी भी रिक्त पड़े हुए हैं। मात्र एक एइइ काम कर रहा है। बात यहीं समाप्त नहीं हो जाती, निगम में कम से कम 85 हेल्परों की जरूरत है और यहां मात्र 47 से काम चलाया जा रहा है। यही कारण है कि अधिकतर मुहल्ले आज भी शाम ढलते ही अंधेरे में खोने लगते हैं।

निगम की इलेक्ट्रिक डिवीजन

निगम की इलेक्ट्रिक डिवीजन वर्ष 2006-07 में बनाई गई। एग्जीक्यूटिव इंजीनियर की अध्यक्षता वाली इस डिवीजन में अब दो सब-डिवीजन हैं। इनमें से एक नगर निगम अधीनस्थ ओल्ड सिटी से जानीपुर, सिद्धड़ा, बख्शी नगर देखती है जबकि गांधीनगर, शास्त्री नगर, गंग्याल, डिग्याना से सतवारी व साथ लगते क्षेत्र दूसरी सब डिवीजन के अधीन आते हैं। इसका काम सभी स्ट्रीट लाइटों, शहर में लगे वाटर कूलरों, चौक-चौराहों में लगी हाईमास्ट लाइटों की देखरेख करना रहता है। इसके अलावा नगर निगम की इमारतों, दफ्तरों में बिजली संबंधी कामकाम भी यही सेक्शन देखती है।

शहर में 39 हजार स्ट्रीट लाइटें

निगम अधीनस्थ क्षेत्रों में अभी तक करीब 39 हजार स्ट्रीट लाइटें लगी हैं। इसके अलावा निगम ने शहर में 316 वॉटर कूलर भी लगाए हैं। इसके अलावा शहर में 254 स्थानों पर हाईमास्ट लाइटों को नगर निगम ने लगाया है। मौजूदा समय में बहुत से वॉटर कूलर, स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं। इन्हें ठीक करवाया जा रहा है।

क्या कहते हैं मेयर

‘शहर में स्ट्रीट लाइट की समस्या समाप्त होने जा रही है। हमने केंद्र की एक कंपनी ईईएसएल से एमओयू साइन कर लिया है। कंपनी डिजिटल इंडिया के तहत हर खम्भे की निशानदेही करेगी। कंट्रोल रूम में कंप्यूटर के माध्यम से हर खम्भे की बिजली जलने, बुझने की जानकारी रहेगी। शिकायत करने की जरूरत नहीं रहेगी। कंपनी स्वयं स्ट्रीट लाइट ठीक कर दिया गया। रात बारह बजे दिन से ज्यादा उजाला दिखेगा। आचार संहिता हटने के बाद जल्द घोषणा हो जाएगी। कंपनी हर खम्भे की जानकारी उपलब्ध करने का काम करेगी।’

-चंद्रमोहन गुप्ता, मेयर, जम्मू

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