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Infiltration on Border: अब घने कोहरे की आड़ में घुसपैठ नही कर पाएंगे आतंकवादी, सीमा पर विंटर मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी प्रभावी

Infiltration on Border सीमा पर अंधेरे और घने कोहरे में देखने के लिए सीमा सुरक्षा बल के पास थर्मल इमेजर हाई रेंज नाइट विजन और सेंसर भी हैं लेकिन इन सबसे अधिक कारगर जवानों का हौसला है जो खून जमा देने वाली ठंड को भी बेअसर कर देता है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 17 Dec 2020 12:02 PM (IST)Updated: Thu, 17 Dec 2020 12:07 PM (IST)
Infiltration on Border: अब घने कोहरे की आड़ में घुसपैठ नही कर पाएंगे आतंकवादी, सीमा पर विंटर मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी प्रभावी
सीमा की सुरक्षा करने वाले जवानों का हौंसला बुंलद है।

जम्मू, विवेक सिंह: जम्मू संभाग के जिला सांबा में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ के लिए पाकिस्तान द्वारा खोदी गई सुरंग का पर्दाफाश करने वाली सीमा सुरक्षा बल ने घने कोहरे, कड़ी ठंड की चुनौती का सामना करने के लिए विंटर मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी को प्रभावी बना दिया गया है।

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सर्दियों के महीनाें में बेहतर सीमा रक्षण के लिए जवानों की अतिरिक्त तैनाती के साथ बेहतर उपकरणों की बदौलत सीमा प्रहरी कोहरें में दूर तक दुश्मन की हरकत पर नजर रख रहे हैं। कड़ी ठंड में सीमा सुरक्षाबल के पास मौजूद विदेशी थर्मल इमेजर अंधेरे में भी दुश्मन को देख सकता है।

प्रदेश में जारी जिला विकास परिषद चुनाव में खलल डालने की आतंकवादियों की कोशिशों में तेजी के बीच बहादुर प्रहरी सीमा पर बुलंद हौंसले के साथ सीना ताने खड़े हैं। घना कोहरा और कड़ी ठंड उनके जज्बे को कम नही कर सकती है। घने कोहरे का फायदा उठाकर आतंकी सीमा के पास आकर वारदात को अंजाम देने की कोशिश में रहते हैं।

ऐसे में जम्मू संभाग के कठुआ, सांबा व जम्मू जिले में सीमा पर जवानों की तैनाती बढ़ाने के साथ अतिरिक्त नाके लगाए गए हैं। नियंत्रण रेखा पर बर्फबारी के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार आतंकवादियों की गतिविधियों में तेजी आने के पुख्ता सुबूत मिल रहे हैं।

कई आधुनिक उपकरणों से लैस है सीमा सुरक्षाबल: सीमा पर अंधेरे और घने कोहरे में देखने के लिए सीमा सुरक्षा बल के पास थर्मल इमेजर, हाई रेंज नाइट विजन और सेंसर भी हैं, लेकिन इन सबसे अधिक कारगर जवानों का हौसला है, जो खून जमा देने वाली ठंड को भी बेअसर कर देता है।

बीएसएफ के अलावा सेना भी करती है सीमा की सुरक्षा: जम्मू संभाग में 202 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा है। इसमें से 192 किलोमीटर सीमा सुरक्षा बल व अखनूर में 10 किलोमीटर सेना के पास है। वहीं पुंछ में नियंत्रण रेखा का कुछ हिस्सा सीमा सुरक्षा बल के जिम्मे है। जम्मू संभाग में कठुआ, सांबा व जम्मू जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर खासी आबादी बसती है। वहीं राजौरी-पुंछ जिले नियंत्रण रेखा से सटे हैं।

हर परिस्थिति में दुश्मन का सामना करने को प्रशिक्षित है जवान: सीमा सुरक्षा बल जम्मू फ्रंटियर के डीआईजी एसपीएस संधु का कहना है कि सीमा प्रहरी हर मौसम में दुश्मन का सामना करने के लिए प्रशिक्षित हैं। इस समय सीमा पर दुश्मनों के मंसूबों को नाकाम बनाने के लिए पुख्ता बंदोबस्त हैं। विंटर मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी को प्रभावी बनाना रणनीति का हिस्सा है। सीमा की सुरक्षा करने वाले जवानों का हौंसला बुंलद है। 


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