Ban Toll Plaza Militant Attack: जम्मू में घुसपैठ कर आतंकियों ने तीसरी बार की ट्रक में श्रीनगर पहुंचने की नाकाम कोशिश
बकौल डीजीपी दिलबाग सिंह के मुताबकि इन आतंकवादियों ने भी जम्मू संभाग के हीरानगर सेक्टर से घुसपैठ की है। हालांकि उन्होंने कहा कि वह इसकी जांच करवा रहे हैं।
जम्मू, जेएनएन। केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर बनने के बाद यहां सामान्य होते हालात से बौखलाया पाकिस्तान बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। घाटी में नियंत्रण रेखा पर भारी बर्फबारी की वजह से घुसपैठ कर पाने में नाकाम आतंकवादी संगठनों ने एक बार फिर जम्मू व पंजाब की सरहदों से घुसपैठ का रास्ता चुना है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की आग को भड़काने के लिए जिला कठुआ के दयालाचक्क सेक्टर से घुसपैठ कर आतंकी कश्मीर जाने की फिराक में थे लेकिन सुरक्षाबलों की मुस्तैदी के कारण इसे एक बार फिर नाकाम बना दिया गया। पिछले तीन सालों में आतंकवादी संगठनों का यह तीसरा प्रयास था जब उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग के जरिए कश्मीर पहुंचने की नाकाम कोशिश की।
पिछले साल 14 सितंबर 2019 में राज्य के प्रवेशद्वार लखनपुर में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों को भारी मात्रा में हथियारों के साथ गिरफ्तार किया गया था। ये आतंकी ट्रक पर सवार होकर पंजाब से श्रीनगर जा रहे थे। क्योंकि हथियारों की खेप को ट्रक में गत्ते के डिब्बों के बीच छिपा गया था इसीलिए आतंकी सुरक्षाबलों पर हमला नहीं कर पाए थे। वे ये हथियार हरियाणा से ला रहे थे। हथियार इन्हें अवंतीपोरा, पुलवामा में एक जगह विशेष पर पहुंचाने थे। हथियारों का इस्तेमाल कश्मीर में सुरक्षाबलों पर हमले और आम लोगों के कत्ल के लिए होना था।
इससे भी पहले 12 सितंबर 2018 को भी आतंकियों ने ट्रक में बैठ राष्ट्रीय राजमार्ग से होते हुए श्रीनगर पहुंचने का प्रयास किया था। जम्मू से 27 किमी दूर झज्जर कोटली इलाके में सुरक्षाबलों ने जैश के तीन पाकिस्तानी आतंकियों को 33 घंटे के ऑपरेशन के बाद कटड़ा जाने वाली पुराने मार्ग पर मार गिराया गया था। ये आतंकी कठुआ के हीरानगर नाले से घुसपैठ कर भारतीय सीमा में दाखिल हुए थे। इसके बाद तीनों आतंकी जम्मू से श्रीनगर की ओर जा रहे एक ट्रक पर सवार होकर कश्मीर जा रहे थे। इस ट्रक में बाड़ी ब्राह्मणा से वालपुट्टी लोड की गई थी। झज्जर कोटली के पास पुलिस ने जैसे चैकिंग के लिए ट्रक का साइड का दरवाजा खोला तो अंदर छिपे आतंकी फायरिंग करते हुए जंगल की तरफ भाग निकले। करीब दो दिन तक चली इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने घेराबंदी के बाद तीनों आतंकियों को मार गिराया था। इसके अलावा ट्रक चालक व सहचालक को गिरफ्तार कर लिया था।
बकौल डीजीपी दिलबाग सिंह के बताया कि चालक ने बताया कि वह इन आतंकवादियों को गत वीरवार को दयालाचक्क से बैठाकर लाया था। यानी इन आतंकवादियों ने दयालाचक्क से घुसपैठ की है। इन आतंकवादियों को घाटी पहुंचाने के लिए वही इंतजाम किए गए थे जो झज्झर कोटली में मारे गए आतंकवादियों के लिए किए गए थे। ट्रक में आतंकी बंकर नुमा जगह बनाकर हथियारों के साथ बैठे हुए थे। नाके पर पहुंच जब जवान ने गाड़ी पर चढ़कर तिरपाल उठाना चाहा तो तभी चालक के साथ हथियारों के साथ बैठे आतंकवादी ने जवानों पर गोलीबारी शुरू कर दी। गोली की आवाज सुनते ही ट्रक में बैठे अन्य आतंकी भी सचेत हो गए आैर वे गोलियां बरसाते हुए जंगल की आेर भाग गए। ट्रक चालक व सहचालक ने भी गाड़ी को छोड़ भागने की कोशिश की परंतु उन्हें बन टोल के पार पुराने रास्ते से पकड़ लिया गया। सूत्रों के मुताबकि पकड़े गए ट्रक चालक मोहम्मद मकबूल वानी से इस संबंध में कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। ट्रक चालक भी कश्मीर का है। ये आतंकी ट्रक में साथ में भारी मात्रा में हथियार व गोलाबारूद लेकर आए थे।