Militancy in Kashmir: आइजीपी कश्मीर ने मीडिया कर्मियों को दी सलाह- मुठभेड़ की न करें लाइव कवरेज
उन्होंने मीडिया कर्मियों से अपील की कि वे मुठभेड़ स्थल पर पुलिस-सुरक्षाबलों के कर्तव्य में हस्तक्षेप न करें। इसी के साथ उन्होंने यह हिदायत भी दी कि वे इंटरनेट मीडिया पर ऐसी कोई सामग्री न दिखाएं जिससे हिंसा भड़काने की संभावना या कानून-व्यवस्था के लिए खतरनाक साबित हो।
श्रीनगर, जेएनएन। कश्मीर के आइजीपी विजय कुमार ने मीडिया कर्मियों को मुठभेड़ स्थल से दूर रहने की सलाह दी है। उन्होंने मुठभेड़ की लाइव कवरेज न करने की हिदायत देते हुए कहा कि मुठभेड़ स्थल पर उनकी मौजूदगी सुरक्षाबलों कभी कभार परेशानी का सबब बन जाती है।
आइजीपी ने आज बुधवार को इस संबंध में अपना बयान जारी करते हुए बताया कि अकसर देखा जाता है कि जिस जगह पुलिस व अन्य सुरक्षाकर्मी आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में व्यस्त होते हैं, कई मीडिया कर्मी लाइव कवरेज करने के लिए वहां पहुंच जाते हैं। ऐसा करते हुए वह पुलिस और सुरक्षाबलों की ड्यूटी में हस्तक्षेप करते हैं। कभी-कभार यह खतरे का सबब भी बन जाता है।
उन्होंने कहा कि अब से कोई भी मीडिया कर्मी मुठभेड़ और कानून व्यवस्था की स्थिति की लाइव कवरेज न करें। उन्होंने कहा कि अब से कोई भी मीडिया कर्मी मुठभेड़ स्थल के करीब न आए। आइजीपी ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सभी को है परंतु अन्य लोगों की सुरक्षा व माहौल को शांतिपूर्ण बनाने के लिए उस पर कुछ प्रतिबंध भी लागू होते हैं। अनुच्छेद 21 के तहत उन अधिकारों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में नहीं डालना चाहिए।
उन्होंने एक बार फिर मीडिया कर्मियों से अपील की कि वे मुठभेड़ स्थल पर पुलिस-सुरक्षाबलों के कर्तव्य में हस्तक्षेप न करें। इसी के साथ उन्होंने यह हिदायत भी दी कि वे इंटरनेट मीडिया पर ऐसी कोई सामग्री न दिखाएं जिससे हिंसा भड़काने की संभावना या कानून-व्यवस्था के लिए खतरनाक साबित हो।