Militancy In Jammu : पाकिस्तान से ड्रोन से पहुंचते थे तालिब तक हथियार व पैसे, तालिब ने पुलिस रिमांड में कई राज उगले
सीमा पार बैठे लश्कर कमांडर सलमान के साथ आतंकी तालिब लगातार संपर्क में था। सलमान ही इसे हथियार भेजने के साथ कहां वारदात को अंजाम देना है इसके लिए दिशानिर्देश जारी कर रहा था। सलमान व तालिब की बातचीत इंटरनेट मीडिया सिग्नल व डिब एप से लगातार हो रही थी।
राजौरी, जागरण संवाददाता : लश्कर-ए-तैयबा कमांडर तालिब हुसैन शाह ने छह दिन की पुलिस रिमांड में कई राज उगले हैं। पूछताछ में तालिब ने बताया कि पाक से ड्रोन से उसके पास हथियार व पैसे लगातार पहुंचाए जाते थे। राजौरी के कोटरंका क्षेत्र में मार्च और अप्रैल में चार धमाकों में इस्तेमाल विस्फोटक सामग्री भी सरहद पार से आई थी। बता दें कि रियासी की माहौर तहसील के टूक्सन गांव में कुछ दिलेर ग्रामीणों ने तीन दिन पहले दो लश्कर आतंकियों को हथियारों की खेप के साथ पकड़ा था।
सूत्रों के अनुसार, गहन पूछताछ में तालिब ने बताया कि मार्च में सीमापार से ड्रोन से नौशहरा के लंबेड़ी और कालाकोट के सौलंकी क्षेत्र में जो हथियारों की खेप आई थी उसने हर ही ठिकाना लगाया था। हथियारों के साथ 50 हजार रुपये भी आते थे जिसे युवाओं को बरगलाकर लश्कर में शामिल करने के लिए खर्च किया जाता था।
सूत्रों का कहना है कि सीमा पार बैठे लश्कर कमांडर सलमान के साथ आतंकी तालिब लगातार संपर्क में था। सलमान ही इसे हथियार भेजने के साथ कहां वारदात को अंजाम देना है, इसके लिए दिशा निर्देश जारी कर रहा था। सलमान व तालिब की बातचीत इंटरनेट मीडिया सिग्नल व डिब एप से लगातार हो रही थी। तालिब से रियासी में पुलिस, सेना व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के उच्च अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं।
आतंकी बनाकर युवाओं को उकसाता था : तालिब राजौरी व पुंछ दोनों जिलों में फिर से आतंकवाद जीवित करने में जुटा था। वह क्षेत्र के युवाओं को बरगलाकर और पैसों का लालच देकर आतंक की राह में झोंकता था। इसके बाद उन्हें आतंकी वारदात के लिए उकसाता था। इन्हीं युवाओं की मदद से कोटरंका में चार धमाके भी करवाए, जिनमें चार लोग घायल भी हुए थे। अब यह क्षेत्र में किसी बड़ी वारदात की फिराक में था ताकि सीमा पार इसका नाम व बढ़ सके।
कुछ दिन कश्मीर में रुकने के मिले थे फरमान : कोटरंका में हुए धमाकों के बाद जैसे ही पुलिस व जांच एजेंसियों ने शिकंजा कसना शुरू किया तो यह तय था कि तालिब या तो पकड़ा जाएगा या फिर मारा जाएगा। इसकी जानकारी जैसे ही सीमा पार बैठे लश्कर कमांडरों तक पहुंची तो उसी समय तालिब को कश्मीर की तरफ जाने का फरमान जारी कर दिया था, ताकि वह कश्मीर में किसी गुप्त ठिकाने में कुछ समय गुजारे और उसके बाद तालिब को कोई नई जिम्मेदारी दी जानी थी। कश्मीर पहुंचने से पहले ही स्थानीय लोगों ने तालिब को दबोच पुलिस के हवाले कर दिया।