जम्मू कश्मीर: फिर आतंकी के घर पहुंची महबूबा, राज्यपाल से कहा- वह पुलिस को दें निर्देश...
terrorists Families, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती खुलकर आतंकियों के घरों में पहुंच रही हैं, चुनाव से पूर्व फूटने लगी आतंकियों के परिवारों से सहानुभूति।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। चुनाव नजदीक आते ही प्रदेश में सुरक्षा बलों के अभियान पर सियासत तेज होने लगी है। एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती खुलकर आतंकियों के घरों में पहुंच रही हैं, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्षउमर अब्दुल्ला ने इसे मुफ्ती की साख बचाने की कोशिश करार दिया है।
महबूबा बृहस्पतिवार को पुलवामा में हिजबुल आतंकी के घर पहुंची और आतंकियों के परिजनों को प्रताडि़त न करने की ताकीद दी। साथ ही महबूबा ने राज्यपाल से कहा कि वह पुलिस को निर्देश दें कि आतंकियों के परिजनों को प्रताडि़त न करें। उन्होंने कहा कि उन्हें पता कि इस तरह के आदेश कहां से आते हैं।
इस पर उमर अब्दुल्ला ने उन्हें ऑपरेशन ऑलआउट की रचयिता बताते हुए पीडीपी की साख बचाने की एक कोशिश करार दिया है। वहीं, पीडीपी ने पलटवार करते हुए उनकी पार्टी पर कश्मीर में नरसंहारों का दौर शुरू करने और कश्मीरियों को खूनखराबे और अस्थिरता के दुष्चक्र में फंसाने का आरोप लगाया है।
यहां काबिलेगौर है कि यही दोनों सियासी दल कुछ समय पूर्व जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने के लिए साथ खड़ी दिख रही थी और राज्यपाल के समक्ष एक-दूसरे के समर्थन का दावा कर रहे थे। दोनों दल अब आतंकवाद के नाम पर सियायत में एक-दूसरे पर कीचड़ उछाल रहे हैं।
सत्ताच्युत होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती फिर से कश्मीर में आतंकियों के प्रति नरम रवैया अपनाते हुए उनकी हमदर्द दिखने का प्रयास कर रही हैं। बीते दिनों वह पटीपोरा में एक आतंकी के घर गईं थीं। वीरवार को सफनगरी पुलवामा में हिज्ब आतंकी मोहम्मद इद्रीस सुल्तान के घर पहुंची और उसके परिजनों के साथ अपनी संवेदना जताई।
हमें पता है आदेश कहां से बाते हैं
मीडिया से बात में महबूबा ने पुलिस को आतंकियों के परिजनों को तंग न करने की ताकीद की। उन्होंने कहा, मैं जानती हूं कि हमारी पुलिस बहुत ही अनुशासित और पेशेवर है। लेकिन कई बार उन्हें कुछ ऐसे आदेश मिलते हैं। उन्होंने राज्यपाल से कहा कि वह पुलिस को निर्देश दें कि वे आतंकियों के परिवार को तंग न करें। पुलिस को आतंकियों के खिलाफ ही लडऩे देना चाहिए और आतंकियों के परिजनों को इसमें शामिल नहीं किया जाना चाहिए। पीडीपी अध्यक्ष ने आतंकी के घर के अपने दौरे को अपने ट्वीटर हैंडल पर भी शेयर किया। उन्होंने कहा कि अगर रमजान में जंगबंदी की हमारी पहल को कुछ और आगे बढ़ाया जाता तो कई और जानें बच सकती थी।
उमर ने बताया ऑपरेशन आलआउट की रचयिता
नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने महबूबा के बयान पर ट्वीटर के माध्यम से हमला बोला। उन्होंने लिखा, 'ऑपरेशन ऑलआउट की रचियता और वर्ष 2015 से सैकड़ों आतंकियों के खिलाफ चलाए गए अभियानों की संचालक अब एक आतंकी के घर से दूसरे के घर जा रही हैं, ताकि अपनी साख और प्रतिष्ठा को बचा सकें। उन्होंने आगे लिखा कि उन्होंने भाजपा को खुश करने के लिए आतंकियों के सिरों का सौदा किया और अब मारे गए आतंकियों की लाशों को वह अपने वोटरों को लुभाने के लिए इस्तेमाल कर रही हैं। क्या वह लोगों को इतना मूर्ख समझती हैं।
पीडीपी का पलटवार, एनसी ने कश्मीरियों को खून खराबे में धकेला
उमर के ट्वीट पर पीडीपी ने पलटवार किया। पार्टी की तरफ से ट्वीट आया, 'यह दुर्भाग्यजनक है कि एक व्यक्ति जिसकी पार्टी ने कश्मीर में सत्ता के लिए चुनावों में धांधली कर कश्मीरियों को अस्थिरता, खून खराबे और नरसंहारों के दुष्चक्र में धकेला है, वह आज ऐसी बातें कर रहे हैं।
महबूबा कर रही हैं लगातार पैरवी
30 दिसंबर को महबूबा एक आतंकी के घर गई थी। पुलिस को दी थी उनके परिवार न प्रताडि़त करने चेतावनी।
29 दिसंबर को एनआइए की जांच पर उठाए थे सवाल। कहा था, सूतली बम दिखाकर उन्हें आइएस से जोडऩा जल्दबाजी होगी।