Jammu Kashmir : तिनका-तिनका कर मुफ्ती ने बनाई पीडीपी, महबूबा ने तिरंगे के खिलाफ बोल हिला दी बुनियाद
पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद द्वारा तिनका-तिनका जोड़कर बनाई पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) महबूबा मुफ्ती के देशविरोधी बयानों से बिखर गई। महबूबा के तिरंगे के खिलाफ बोलने के बाद शुरू हुए पार्टी नेताओं के त्यागपत्र देने के सिलसिले ने पार्टी की नींव हिलाकर रख दी है।
जम्मू, विवेक सिंह । पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद द्वारा तिनका-तिनका जोड़कर बनाई पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) महबूबा मुफ्ती के देशविरोधी बयानों से बिखर गई। महबूबा के तिरंगे के खिलाफ बोलने के बाद शुरू हुए पार्टी नेताओं के त्यागपत्र देने के सिलसिले ने पार्टी की नींव हिलाकर रख दी है। जम्मू कश्मीर में 370 हटने के बाद पीडीपी के नेशनल कांफ्रेंस से मिलकर देश के खिलाफ बयानबाजी करने से मुफ्ती मोहम्मद सईद द्वारा पार्टी में लाए गए नेताओं को महूबबा मुफ्ती से विश्वास उठ गया है। मुफ्ती मोहम्मद सईद ने नेशनल कांफ्रेंस की दमनकारी, भ्रष्टाचार की नीतियों के विरोध में नई पार्टी खड़ी कर लोगों को बदलाव लाने का विश्वास दिलाया था। लेकिन महबूबा मुफ्ती ने नेशनल कांफ्रेंस से हाथ मिला लिया।
3 नेताओं ने कहा-पीडीपी को अलविदा, जम्मू में पार्टी खड़े करने वाले 6 नेता दे चुके हैं त्यागपत्र
ऐसे हालात में जम्मू में पीडीपी को खड़ी करने वाले नेताओं के पार्टी छोड़ने की मुहिम के चलते वीरवार को तीन वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया। महबूबा मुफ्ती के तिरंगा विरोधी बयानों से सुलग रहे नेताओं ने महबूबा मुफ्ती पर पीडीपी को नेशनल कांफ्रेंस की बी टीम बनाने का आरोप लगा दिया। वीरवार को जम्मू में पार्टी छोड़ने वाले पीडीपी नेताओं में संस्थापक सदस्य दमन भसीन, फलेल सिंह व प्रीतम कोतवाल शामिल हैं। उनसे पहले महबूबा मुफ्ती के तिरंगा विरोधी बयान के विरोध में संस्थापक सदस्य वेद, पूर्व सांसद त्रिलोक सिंह बाजवा व चौधरी हुसैन वफा शामिल हैं। इन सभी नेताओं को मुफ्ती मोहम्मद सईद ने पार्टी में लाया था।
वर्ष 1998 में मुफ्ती मोहम्मद सईद ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का गठन किया था
मुफ्ती मोहम्मद सईद ने वर्ष 1998 में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का गठन किया था। उनके साथ जुड़े नेताओं ने ग्रामीण इलाकों में पीडीपी के आधार को पक्का किया। वर्ष 2016 में मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद आगे आई महबूबा मुफ्ती की देश व जम्मू विरोधी नीतियों के कारण इन नेताओं का मोह भंग हो गया है। जम्मू केे लोगों ने मुफ्ती मोहम्मद सईद को बहुत प्यार दिया था, वह भी जम्मू के बारे में बहुत सोचते थे। कांग्रेस के नेता के रूप में वह अस्सी के दशक में जम्मू के सीमांत आरएसपुरा से भी चुनाव जीते थे। अब महबूबा मुफ्ती की नीतियां पूरी तरह से कश्मीर केंद्रित हैं। वह नेशनल कांफ्रेंस के प्रभाव में गलत दिशा में जा रही हैं। ऐसे में हमारे पास पार्टी छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नही है। यह कहना है ठाकुर फलेल का। उन्हाेंने बताया कि हमने महबूबा मुफ्ती को पत्र लिखाकर बता दिया है कि अब पीडीपी नेतृत्व ऐसे विवादास्पद व देशविरोधी बयान दे रहे हैं जो पार्टी के सिद्धांतों के खिलाफ हैं। हमनें बड़ी मेहनत कर जम्मू में पीडीपी को खड़ा किया था, अब क्षेत्र के नेताओं का पीडीपी नेतृत्व से विश्वास उठ गया है।
2016 में ही वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज करने पर कश्मीर में शुरू हो गई थी बगावत
कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज करने के खिलाफ बगावत 2016 शुरू हो गई थी। ऐसे में महबूबा अपनी पाटी बनाने अल्ताफ बुखारी को पार्टी से बाहर कर दिया था। पीडीपी छोड़ की अपनी पार्टी में शामिल हो नेताओं की कतार लंबी है। इनमें रफी मीर, जावेद मुस्तफा मीर, असगर अली, अब्दुल मजीद पाडर, दिलावर मीर मुख्य हैं। उनके साथ पूर्व उपमुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग, पूर्व वित्तमंत्री हसीब दाब्रू, पूर्व मंत्री गुलाम हसन मीर ने भी पीडीपी को छोड़ दिया था। ये नेता अपनी पार्टी से संबधित नही हैं।