पाक घुसपैठ व संघर्ष विराम का उल्लंघन न करे: महबूबा
पाकिस्तान को इंसानियत की बुनियाद पर सीमा पार से घुसपैठ और संघर्ष विराम का उल्लंघन रोकना होगा।
रियासी, [संवाद सहयोगी]। पाकिस्तान को इंसानियत की बुनियाद पर सीमा पार से घुसपैठ और संघर्ष विराम का उल्लंघन रोकना होगा। वहां की सरकार और सेना को जम्मू-कश्मीर की मुश्किलें समझनी होंगी। यह ईंट का जवाब पत्थर देने की रिवायत कब थमेगी, जो पैसा अघोषित जंग पर खर्च हो रहा है वह आवाम की बेहतरी पर खर्च हो, ताकि सभी चैन से रह सकें।
यह बात मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को रियासी के तलवाड़ा में पा¨सग आउट परेड के दौरान कही। उन्होंने कहा कि दोस्त बदले जा सकते हैं, लेकिन हमसाया नहीं। अटल बिहारी वाजपेयी ने भी पाकिस्तान से दोस्ताना रिश्ते बढ़ाए थे। पाकिस्तान ने आश्वासन दिया था कि वह आंतकवाद के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देगा। संघर्ष विराम पर भी कायम रहेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। पिछले 70 वर्षो से सीमा पार से जारी घुसपैठ में 30 वर्षो से बंदूक शामिल हो गई हैं। दुनिया आगे बढ़ रही है, मगर हम सीमांत क्षेत्रों में अस्पताल शिक्षा संस्थान और विकास व रोजगार देने के बजाय बंकर बनाने की बातें कर पीछे की तरफ जा रहे हैं। जो काफी दुखदायी है।
उन्होंने कहा कि संघर्ष विराम का उल्लंघन व घुसपैठ का सबसे ज्यादा नुकसान जम्मू-कश्मीर राज्य और यहां के लोगों को उठाना पड़ रहा है। यह बात पाकिस्तान को इंसानियत के नाते समझनी होगी, इस बात पर गौर करना होगा कि बिना अमन के तरक्की नहीं हो सकती। उन्होंने नवआरक्षकों से कहा कि मात्र कानून व्यवस्था बनाए रखना ही उनका दायित्व नहीं बल्कि उनके फर्ज में आगे कई ऐसे कड़े इम्तिहान आने वाले हैं जब किसी मैदान में उनके अपने ही हाथों में पत्थर लेकर उनके सामने खड़े होंगे। ऐसे हालात में उन्हें सामने खड़े लोगों के साथ अभिभावकों जैसी सोच रखते हुए पेश आना होगा।
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि वह सूझबूझ और काबिलियत से ऐसे हालात से निपटने में कामयाब होंगे। उन्होंने नव आरक्षकों से कहा कि राज्य कड़े इम्तिहान के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में राज्य को इस दौर से बाहर निकालने में उन पर काफी उम्मीदें टिकी हैं।