जम्मू कश्मीर में 370 हटते ही स्वास्थ्य क्षेत्र में होने जा रहा बड़ा बदलाव, मेदांता व ओपोलो खोलेंगे अस्पताल
राज्य प्रशासनिक परिषद ने मार्च में स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश के लिए स्वास्थ्य देखभाल निवेश नीति-2019 को मंजूरी दी थी।
रोहित जंडियाल, जम्मू। अनुच्छेद 370 के कारण हर क्षेत्र में जम्मू कश्मीर पीछे चला गया था। इसके हटते ही स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव होने जा रहा है। कईं बड़े गु्रप राज्य में अस्पताल खोलने को इच्छुक हैं। इनमें मेदांता और अपोलो ने अस्पताल खोलने की सहमति जताई है। हालांकि, पहले से कुछ गु्रप यहां अपनी ओपीडी चला रहे हैं। अलबत्ता, जम्मू कश्मीर में नारायणा ग्रुप को छोड़ दें तो कोई बड़ा निजी अस्पताल नहीं है। नारायणा ग्रुप श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के साथ मिलकर कटड़ा में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चला रहा है। मेदांता दे मेडिसिटी, फोर्टिज एस्कार्ट, अपोलो जैसे ग्रुप पहले भी अस्पताल बनाने को रुचि दिखा चुके हैं, लेकिन 370 हमेशा आड़े आया।
ये ग्रुप चला रहे ओपीडी : जम्मू में इस समय मेदांता द मेडिसिटी, अपोलो, एस्कार्ट, अमनदीप, हरदास, शैलबी अस्पताल, बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और मैक्स अस्पताल की ओपीडी चल रहा है। इनके अलावा भी और भी कई बड़े अस्पतालों के डॉक्टर यहां समय-समय पर आते हैं। हजारों मरीज इन ओपीडी का लाभ उठा रहे हैं। क्योंकि पहले उन्हें बाहर जाना पड़ता था।
जम्मू में प्रमुख निजी अस्पताल : इस समय जम्मू में श्री माता वैष्णो देवी नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चल रहा है। इसके अलावा आचार्य श्री चंद्र मेडिकल कॉलेज और अस्पताल सबसे बड़ा निजी अस्पताल है। जेके मेडिसिटी, बीएन जनरल अस्पताल और महर्षि दयानंद अस्पताल हैं।
खुल रहा है अमेरिकन आनकालोजी इंस्टीट््यूट : अनुच्छेद 370 हटने के बाद सबसे पहले जम्मू में अमेरिकन आनकोलॉजी इंस्टीट््यूट खुलने जा रहा है। हालांकि इसकी प्रक्रिया पहले से चल रही थी। इसका उद्घाटन इसी महीने होने की उम्मीद है। यह इंस्टीट््यूट आचार्य श्री चंद्र मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सहयोग से खुल रहा है। इसमें पैट स्कैन सहित कई सुविधाएं होंगी।
नब्बे फीसद सरकारी अस्पतालों पर निर्भर : जम्मू-कश्मीर में निजी अस्पताल न होने के कारण नब्बे फीसद से अधिक लोग सरकारी अस्पतालों पर ही इलाज करवाने के लिए निर्भर हैं। सिर्फ नौ से दस फीसद मरीज निजी अस्पतालों में इलाज के लिए जाते हैं। अगर यहां पर कोई बड़ा निजी ग्रुप अस्पताल खोलता है तो सरकारी अस्पतालों पर से बोझ कम हो सकता है।
सरकार की नीति : राज्य प्रशासनिक परिषद ने मार्च में स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश के लिए स्वास्थ्य देखभाल निवेश नीति-2019 को मंजूरी दी थी। इस नीति के पास होने से अब राज्य में कोई भी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज और पैरामेडिकल कॉलेज स्थापित करता है तो उसे पूंजी निवेश में 30 फीसद की छूट दी जाएगी। यह छूट दस लाख की जनसंख्या से कम वाले शहरों में अधिकतम तीन करोड़ के निवेश तक और दस लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहर में अधिकतम पांच करोड़ तक निवेश करने पर ही मिलेगी। यही नहीं पंद्रह लाख रुपये तक ऋण लेने पर ब्याज दर में भी पांच फीसद छूट दी जाएगी। यह छूट प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद अधिकतम पांच साल तक के लिए होगी।
और गु्रप भी आएंगे आगे
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र ङ्क्षसह का कहना है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद मेदांता के डॉ. त्रेहन और अपोलो ग्रुप ने अपनी रुचि दिखाई है। पहले भी डॉ. त्रेहन के साथ बात हुई थी। जगह के मालिकाना अधिकार को लेकर बात नहीं बन पाई थी। धीरे-धीरे कई और बड़े गु्रप राज्य में अस्पताल खोलने को आगे आएंगे।