Jammu Kashmir : मीली बग पहुंचा रहा फसलों को नुकसान
भिंडी घिया बैंगन समेत दूसरी साग सब्जी पर यह कीट अपनी पकड़ बनाए हुए हैं। फलों के पेड़ के पत्तों पर भी इन कीटों का जकड़ बढ़ता जा रहा है।
जम्मू, जागरण संवाददाता । सब्जियों की फसल, बाग बगीचे पर इन दिनों मीली बग कीटों के हमले से किसान परेशान हो उठा है। सफेद रंग के कीटों की यह फौज पौधे के हरे भरे पत्तों का नाश करने में जुटी हुई है। हालांकि किसान निजात पाने के लिए लगातार दवाओं का छिड़काव कर रहा है। लेकिन कीटों की फौज कम ही नही हो रही।
भिंडी, घिया, बैंगन समेत दूसरी साग सब्जी पर यह कीट अपनी पकड़ बनाए हुए हैं। फलों के पेड़ के पत्तों पर भी इन कीटों का जकड़ बढ़ता जा रहा है। किसानों का कहना है कि हर साल मिली बग के कीट पौधे पर नजर आते हैं मगर इस साल इनकी बहुत ज्यादा संख्या नजर आ रही है। यह कीट पत्तों का रस चूस जाते हैं व पौधे का विकास ही रोक कर रख देते हैं। जिस जगह पर यह कीट अपना डेरा जमाते हैं, वहां पर बड़ी संख्या में अंडे देना शुरू कर देते हैं और इसी से ही बड़ी फौज तैयार हो जाती है। कई बार तो पौधे के पूरे पत्तों पत्तों पर ही छा जाते हैं।
मंडाल गांव के किसान संजय सिंह का कहना है कि भिंडी की फसल मीली बग की चपेट में है। इससे पैदावार पर फर्क पड़ रहा है। जो पौधे इन कीटों से ग्रस्त है, का विकास भी नही हो पा रहा है। वहीं प्लांट हेल्थ क्लीनिक के इंचार्ज अरुण खजूरिया का कहना है कि अगर फसल पर मीली बग के लक्षण दिखते हैं तो किसान को सचेत हो जाना चाहिए। क्योंकि यह कीट एक से अनेक हो जाते हैं। बेहतर है कि जिस पत्ते पर कीटों की जकड़ हो उसे तोड़कर जमीन में दबा दें। अगर पूरा पौधा ही इन कीटों की गिरफ्त में हो तो पौधे को हटाकर जमीन में दबा दें। जबकि फलदायक पेड़ को बचाने के लिए पाॅलिथीन लिफाफे पर ग्रीस मलकर इसे तने पर लपेट देना चाहिए ताकि जमीन से कीट पेड़ पर न चढ़ सकें। बाकी पत्तों पर बैठे कीटों के खात्मे के लिए दवाओं का छिड़काव किया जा सकता है।