24 घंटे पहरा रहता है इस पेड़ पर, एक फल की कीमत जानकर हैरान रह जाएंगे आप
शाह हरड़ का यह पेड़ पंजाब से पाकिस्तान तक प्रसिद्ध है। इसमें लगने वाले एक बड़े फल की कीमत पांच हजार के बीच है। इससे बनाई जाने वाली औषधी कब्ज व लीवर के मरीजों को दी जाती है।
जम्मू, राहुल शर्मा। सुनने में आपको अजीब लगेगा परंतु यह सच है कि एक पेड़ ऐसा है जिसकी रखवाली के लिये पहरा लगता है। जिला जम्मू की नगरोटा विधानसभा क्षेत्र मथवार की पंचायत सरोट में शाह हरड़ (रीड) का पेड़ है, जिसके पास चौबीस घंटे पहरा लगा रहता है। यह पेड़ करीब डेढ़ सौ वर्ष पुराना है। इस पेड़ की विशेषता यह है कि इसपर लगने वाले फलों की मांग पंजाब से लेकर पाकिस्तान तक है। इसके फलों को चोरी होने से बचाया जा सके इसके लिये पेड़ की पहरेदारी की जाती है।
कब्ज, लीवर के लिये रामबाण है हरड़
हरड़ के इस पेड़ के फलों से बनाई जाने वाली औषधी कब्ज के मरीजों को दी जाती है। इससे बनाई गई दवाई पंजाब और पाकिस्तान में काफी मांग में रहती है। मथवार में लगे पेड़ के फल का आकर अन्य हरड़ के पेड़ों से बड़ा है और इसकी गुणवत्ता भी बाकियों से बेहतर है। आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. महेश शर्मा और अशोक शर्मा का कहना है कि हरड़ कब्ज के अलावा लीवर और नजर बढ़ाने के लिए भी बहुत लाभकारी है।
5000 रुपए तक जाती है एक फल की कीमत
इसमें लगने वाले एक बड़े फल की कीमत पांच हजार के बीच है। हर वर्ष इस पेड़ की नीलामी की जाती है। यह पेड़ अपनी तरह का पूरे देश में अकेला पेड़ है। इसके फलों के औषधीय महत्व को देखते हुए ही इसकी मांग अधिक है। इस पेड़ पर हर वर्ष काफी फल लगते हैं। बड़े फल 70 से 80 लगते हैं और यही महंगे दामों पर बिकते हैं। इसके फल पंजाब के अमृतसर में अधिक बिक्री होते हैं। यहां से पाकिस्तान के व्यापारी भी इन फलों को ले जाते हैं। पांच-पांच हजार में बिकने वाले एक-एक फल के अलावा छोटे फलों को एक हजार रुपये के हिसाब से बेचा जाता है।
राजवंशजों ने लगाया था यह पेड़
पेड़ के मालिक और गांव के पूर्व सरपंच सुदर्शन सिंह ने बताया कि वह बचपन से ही इस पेड़ को ऐसे हाल में देख रहे हैं। यह जमीन राजाओं ने उनके परिवार को दी थी। इस पेड़ से निकलने वाले फलों के औषधीय महत्व को देखते हुए ही इस पर पहरा लगाया जाता है, ताकि मरीजों को इनका पूरा लाभ मिल सके। इस पर लगने वाला फल ही नहीं पेड़ का भी काफी प्रभाव है। पेड़ के नीचे से गुजर जाने से ही पेट खराब हो जाता है। यही वजह है कि लोग इस पेड़ से दूर-दूर से ही निकलते हैं।
श्रद्धा का केंद्र हैं मथवार गांव
मथवार गांव में बाबा बल्लो देव स्थान हजारों लोगों के लिए श्रद्धा का केंद्र हैं। देश-विदेश से लोग माथा टेकने के लिए इस स्थान पर आते हैं। लोगों को असीम विश्वास है कि बाबा की कृपा से उनकी मन की मुरादें पूरी होती हैं। देव स्थान के मार्ग पर ही पवित्र शाह हरड़ का यह पेड़ है। बसंत पंचमी के दिन इस स्थान पर पूजा अर्चना करने के लिए महंत यशपाल शर्मा के साथ वैष्णो देवी के मुख्य महंत भी आते हैं व उस दौरान हेलीकॉप्टर से देव स्थान पर पुष्प वर्षा भी की जाती है। यही नहीं, कई देशों के खिलाड़ी इस गांव में नवरात्र के दौरे होने वाले दंगल में हिस्सा लेने आते हैं। इनमें हालैंड, इंग्लैंड, उक्रेन व पड़ोसी देश पाकिस्तान के खिलाड़ी शामिल हैं।