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Mata Vaishno Devi: देश में स्वच्छता की मिसाल बना माता वैष्णो देवी का तीर्थस्थल

प्रतिदिन 30 से 35 हजार श्रद्धालुओं को स्वच्छ माहौल के साथ स्वच्छ पानी मुहैया करवाना आसान नहीं था। ऐसे में वर्षा जल संचयन से जल को संरक्षित किया जा रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 08:50 AM (IST)Updated: Sat, 07 Sep 2019 09:10 AM (IST)
Mata Vaishno Devi: देश में स्वच्छता की मिसाल बना माता वैष्णो देवी का तीर्थस्थल
Mata Vaishno Devi: देश में स्वच्छता की मिसाल बना माता वैष्णो देवी का तीर्थस्थल

जम्मू, रोहित जंडियाल। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड को राष्ट्रपति ने देश के 'सर्वश्रेष्ठ स्वच्छ प्रतिष्ठित स्थान' के लिए पुरस्कार प्रदान किया। यात्रा मार्ग और बोर्ड के भवनों में स्वच्छता और वर्षा जल संचयन आदि युक्तियां अपना कर वैष्णो देवी तीर्थ ने स्वर्ण मंदिर और ताज महल जैसे स्थलों को पीछे छोड़ दिया।

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त्रिकुटा पहाड़ियों की गुफा में सजे मां वैष्णो के दरबार में प्रतिवर्ष एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। आस्था के इस मंदिर में मां वैष्णो के साथ स्वच्छता की देवी की भी जय गूंज सुनाई दे रही है। पहाड़ की चोटी पर बने भवन में बूंद-बूंद पानी बचाने के साथ ही कचरा और मल के निस्तारण की भी चुनौती थी। इन तमाम विपरीत परिस्थितियों और चुनौतियों से निबटने के बाद श्री मां वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड अब देश के बड़े तीर्थ स्थलों और पर्यटन केंद्रों के लिए आदर्श बनकर उभर रहा है। केदारधाम सहित अन्य केंद्र इससे प्रेरणा ले रहे हैं।

घोड़ों की लीद से बनाई जा रही खाद

श्रद्धालुओं को सवारी कराने वाले घोड़ों की लीद गंदगी का सबब बनती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। पथ को साफ करने के लिए 24 घंटे सफाई कर्मी तैनात रहते हैं। एकत्रित की जाने वाली लीद को बाण गंगा में फेंकने के स्थान पर कटड़ा में बने केंद्र पर खाद तैयार की जाती है। यह खाद खेतीबाड़ी और राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगने वाले पौधों के लिए इस्तेमाल होती है।

वर्षा जल संचयन भी किया जा रहा

प्रतिदिन 30 से 35 हजार श्रद्धालुओं को स्वच्छ माहौल के साथ स्वच्छ पानी मुहैया करवाना आसान नहीं था। ऐसे में वर्षा जल संचयन से जल को संरक्षित किया जा रहा है। यात्रा मार्गों, चुनिंदा इमारतों में जलरहित मूत्रलय भी बनाए हैं। इससे शौचालयों में बेकार में बहने वाले पानी का अन्य कार्यों में प्रयोग हो रहा है। कई लाख गैलन पानी मूत्रलयों में लग जाता था। बोर्ड ने बाणगंगा से ताराकोट और हिमकोटी मार्ग पर इमारतों में जलरहित मूत्रलय बनाए हैं। पांच इमारतों में ये सुविधा है। अब पूरे ट्रैक पर इन्हें बनाया जा रहा है। बोर्ड ने अपने अस्पताल और नई इमारतों तक में वर्षा जल संचयन की सुविधा की है। अकेले माता वैष्णो देवी नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में ही पांच लाख लीटर वर्षा जल संचयन और यात्र मार्ग पर बनाए गए भवनों में दो लाख लीटर से अधिक संचयन किया जाता है। वहीं, इस्तेमाल पानी का शोधन कर इसे बागवानी, शौचालयों और सिंचाई आदि के लिए इस्तेमाल किया जाता है। श्री माता वैष्णो देवी नारायणा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी एमएम हरजेई ने बताया कि आने वाले दिनों में जल प्रबंधन की क्षमता और बढ़ाई जाएगी।

दिन-रात साफ-सफाई में जुटे रहते हैं सफाई कर्मी

राकेश शर्मा। माता वैष्णो देवी तीर्थ स्थल को देश में सर्वश्रेष्ठ स्वच्छ प्रतिष्ठिता स्थल का पुरस्कार मिला है। इसके लिए स्वच्छता के योद्धाओं (सफाई कर्मी) का अहम योगदान रहा है जो भवन से लेकर यात्रा मार्ग को चकाचक रखते हैं। श्राइन बोर्ड के करीब 1200 सफाई कर्मचारी दिन-रात जुटे रहते हैं। यात्रा मार्ग पर जगह-जगह कूड़ा दान लगाए हैं। प्रतिदिन करीब 35 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। घोड़ों से निकलने वाली लीद को ट्रैक पर साफ करने के लिए 24 घंटे सफाई कर्मी तैनात रहते हैं।

वर्ष 1986 में श्राइन बोर्ड का हुआ था गठन: वर्ष 1986 में तत्कालीन राज्यपाल जगमोहन ने श्री माता वैष्णो देवी श्रइन बोर्ड का गठन किया था। उस समय करीब 14 लाख श्रद्धालु सालाना मां वैष्णो देवी के दर्शन को पहुंचते थे। इसके बाद तेजी से विकास हुआ। कई परियोजनाएं विकसित की गईं जिसके चलते माता वैष्णो देवी यात्रा का आंकड़ा सालाना एक करोड़ की संख्या को पार कर गया। श्राइन बोर्ड में करीब 3000 अधिकारी व कर्मचारी हैं।

45 क्रश वेंडिंग मशीन लगाई: पूरे भवन मार्ग पर करीब 45 क्रश वेंडिंग मशीन लगाई गई हैं जिसमें किसी तरह की प्लास्टिक का सामान इस मशीन में डाला जाता है। यात्र मार्ग पर प्लास्टिक का इस्तेमाल न कर सके इसके लिए इनफॉर्मेंट विंग बनाया है। अगर कोई भी प्लास्टिक का इस्तेमाल करता पाया जाता है तो उसे 1000 का जुर्माना किया जाता है।

प्लास्टिक पूरी तरह से प्रतिबंधित: भवन मार्ग पर प्लास्टिक पूरी तरह से प्रतिबंधित है। पानी की बोतल हो या फिर प्लास्टिक से निर्मित बरसाती या फिर अन्य तरह का सामान ले जाने पर मनाही है। श्रद्धालु मार्ग पर बोतल बंद पानी का इस्तेमाल न कर सकें इसके लिए श्रइन बोर्ड ने पूरे मार्ग पर करीब 55 वाटर एटीएम लगाए गए हैं जिसमें श्रद्धालुओं को आरओ युक्त पानी 24 घंटे उपलब्ध है।

1300 सफाई कर्मचारी यात्रा मार्ग पर नियुक्त

पूरे भवन और यात्रा मार्ग को स्वच्छ रखने के लिए 1300 सफाई कर्मचारी नियुक्त किए हैं। जगह-जगह पर डस्टबिन लगाए गए हैं। चौबीस घंटे यात्र मार्ग पर सफाई होती है। दोनों मार्गों पर स्वच्छता की ओर विशेष ध्यान दिया जाता है। यात्रियों को भी स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाता है। यह सभी के साङो प्रयास का परिणाम है कि हम हर चुनौती को पार करते जा रहे हैं। - सिमरनदीप सिंह, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री माता वैष्णो देवी श्रइन बोर्ड 


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