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जम्मू-कश्मीर मे दो वर्ष मे 547 लोगों ने की आत्महत्या

जम्मू-कश्मीर मे पिछले दो वर्षों के दौरान आत्महत्या के 547 मामले सामने आए हैं। सबसे अधिक अधिक आत्महत्या के मामले हंदवाड़ा मे 88 दर्ज किए हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 11 Jan 2018 11:26 AM (IST)Updated: Thu, 11 Jan 2018 12:26 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर मे दो वर्ष मे 547 लोगों ने की आत्महत्या

जम्मू, [राज्य ब्यूरो] । कश्मीर में नागरिकों की मौतों के मुद्दे पर बुधवार को राज्य विधानसभा और विधान परिषद में विपक्ष ने भारी हंगामा किया। दोनों सदनों में प्रश्नकाल बाधित कर विपक्षी दल नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने नारेबाजी की और सदन से वाकआउट कर दिया। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में मंगलवार को मुठभेड़ में एक आतंकी की मौत के बाद कुलगाम में हुई हिंसा में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी।

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विधानसभा में सुबह दस बजे जैसे ही प्रश्नकाल के साथ कार्यवाही शुरू हुई, नेकां के विधायक अब्दुल मजीद लारमी ने बैनर लहराते हुए कुलगाम में गत दिवस नागरिक की मौत का मुद्दा उठाया। उनके साथ नेकां व कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए स्पीकर की चेयर के नजदीक आ गए। नेशनल कांफ्रेंस के विधायक अली मोहम्मद सागर ने कहा कि कश्मीर में निर्दोष लोगों की जाने जा रही हैं। मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। लारमी ने बैनर लहराते हुए कहा कि कश्मीर में नागरिकों की मौतों को रोका जाए। भारी शोर शराबा करने के बाद विपक्ष के नेता उमर अब्दुल्ला समेत सारा विपक्ष सदन से वाक आउट कर गया। यहीं हाल विधान परिषद में हुआ। विपक्ष ने नागरिकों की मौत पर हंगामा किया।

हालांकि लोक निर्माण मंत्री नईम अख्तर ने विपक्ष को शांत करने की कोशिश की, लेकिन सदस्य नहीं माने और सदन से वाकआउट कर गए।विपक्षी सदस्य विधानसभा में फिर पहुंचे और प्रश्नकाल समाप्त होते राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान इस मुद्दे को फिर उठा दिया। नेकां के विधायक लारमी बैनर लहराते हुए सदन के बीचों बीच पहुंच गए।

इस दौरान विपक्ष के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कुलगाम में युवक की मौत पर मुख्यमंत्री ने जो दुख जताया है, उसकी सूचना हमें अखबार से मिली है। अच्छा यह होता कि मुख्यमंत्री सदन में आकर अफसोस के दो लफ्ज कहतीं और हम सुनते। इससे पता चलता है कि मुख्यमंत्री गंभीर नहीं हैं। अगर युवक की मौत पर अफसोस के लफ्ज मुख्यमंत्री कह देतीं तो हम भी राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस पर उनके जवाब को सुन लेते। यह कहते हुए उमर अब्दुल्ला के साथ सारा विपक्ष सदन से फिर वाक आउट कर गया। उसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस विपक्ष की गैरमौजूदगी में हुई। 

जम्मू-कश्मीर मे दो वर्ष मे 547 लोगों ने की आत्महत्या

जम्मू-कश्मीर मे पिछले दो वर्षों के दौरान आत्महत्या के 547 मामले सामने आए हैं। सबसे अधिक अधिक आत्महत्या के मामले हंदवाड़ा मे 88 दर्ज किए हैं। उसके बाद बारामुला व बड़गाम मे 64-64 मामले सामने आए है। जम्मू मे 52 मामले दर्ज हुए हैं। सबसे कम रियासी मे दो वर्ष मे एक मामला सामने आया है। इसकी जानकारी राज्य विधानसभा मे मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने विधायक मुबारक गुल के प्रश्न के लिखित जवाब मे दी। इसके अलावा जम्मू कश्मीर मे वर्ष 2016 मे 5501 सड़क दुर्घटनाएं हुई जिसमे 958 लोगो की मौत हो गई।

वर्ष 2017 मे अक्टूबर तक 4659 सड़क दुर्घटना हुई जिसमे 791 लोगो की मौत हो गई। सबसे अधिक दुर्घटनाएं जम्मू मे हुई। वर्ष 2016 मे जम्मू मे 1275 सड़क दुर्घटनाएं हुई जिसमे 160 लोगो की मौत हो गई। वर्ष 2017 मे अक्टूबर तक जम्मू मे 1038 सड़क दुर्घटनाएं हुई जिसमे 119 लोगो की मौत हुई। सबसे कम सड़क दुर्घटनाएं शोपियां मे हुई। वर्ष 2016 मे शोपियां मे 43 दुर्घटनाएं हुई जिसमे तीन लोगो की मौत हुई जबकि वर्ष 2017 मे शोपियां मे 30 सड़क दुर्घटनाएं हुई जिसमे छह लोगो को अपनी जान गंवानी पड़ी।


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