जम्मू में इको-टूरिज्म का केन्द्र बनेगा मानसर, विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित होगा विशेष कार्यक्रम
पर्यटन विभाग जम्मू की ओर से जम्मू-कश्मीर वन्यजीव संरक्षण विभाग व सुरुईंसर-मानसर डेवलपमेंट अथारिटी के सहयोग से पांच जून को सुबह नौ बजे कार्यक्रम का आयोजन होगा।
जम्मू, जागरण संवाददाता । स्थानीय व बाहरी राज्यों के पर्यटकों को जम्मू के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मानसर की तरफ आकर्षित करने के लिए पिछले छह माह से जारी विभिन्न सफल प्रयोगों से एक कदम और आगे बढ़ाते हुए पर्यटन विभाग ने इसे इको-टूरिज्म का केन्द्र बनाने का फैसला किया है। पिछले छह माह से यहां पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के संदेश के साथ कई आयोजन हो चुके है और इसी दिशा में विभाग अब पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर इको-टूरिज्म के तहत कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है।
पांच जून को सुबह नौ बजे कार्यक्रम का आयोजन होगा
पर्यटन विभाग जम्मू की ओर से जम्मू-कश्मीर वन्यजीव संरक्षण विभाग व सुरुईंसर-मानसर डेवलपमेंट अथारिटी के सहयोग से पांच जून को सुबह नौ बजे कार्यक्रम का आयोजन होगा। इसमें पर्यटकों को झील का भ्रमण करवाने के साथ उन्हें बैटरी कार की सैर भी करवाई जाएगी। पर्यटकों को इस झील की विशेषता व इतिहास की जानकारी देने के लिए विभाग के गाइड पर्यटकों के साथ उपलब्ध रहेंगे। इसके पश्चात पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति से रूबरू करवाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। इस कार्यक्रम की एक खास बात यह होगी कि यहां पर पारंपरिक व्यंजनों के स्टाल लगाए जाएंगे और रोटी पत्तों के डूनों व पत्तल में परोसी जाएगी।
ग्रीन मार्च भी हुआ था आयोजित
नौ मई, विश्व प्रवासी पक्षी दिवस पर मानसर में ग्रीन मार्च का आयोजन किया गया था। इस साल विश्व प्रवासी पक्षी दिवस का विषय पक्षी बचाओ, प्लास्टिक प्रदूषण का विकल्प तलाशों, था। ग्रीन मार्च में गवर्नमेंट हाई स्कूल ककराई मजालता के करीब 100 बच्चों ने मानसर झील की परिक्रमा की थी। इस दौरान प्लास्टिक के विकल्पों पर विस्तृत चर्चा भी की गई थी। पर्यटन विभाग का प्रयास है कि इस क्षेत्र की प्राकृतिक खूबसूरती को पर्यटकों के सामने रखा जाए।
हेरीटेज बाइक रैली व ट्रेकिंग भी रही सफल
पर्यटन विभाग व सुरुईंसर-मानसर डेवलपमेंट अथारिटी की ओर से सुरुईंस व मानसर में हेरीटेज बाइक रैली, साइकिल रैली व ट्रेकिंग का भी सफल आयोजन किया जा चुका है। इसमें राज्य के साथ पंजाब व हिमाचल प्रदेश के युवाओं ने काफी संख्या में भाग लिया था। बीस जनवरी 2019 को जम्मू के सिद्दड़ा गोल्फ कोर्स से बाइक रैली का आगाज हुआ था जिसमें करीब डेढ़ सौ सवारों ने हिस्सा लिया।
छोटे-छोटे प्रयासों से दोगुना हुई पर्यटकों की संख्या
दशकों से सरकारी अनदेखी का शिकार मानसर-सुरुईंसर झील अब पर्यटकों से गुलजार होने लगी हैं। छोटे-छोटे प्रयासों से ही सहीं, लेकिन पिछले एक साल में यहां पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या दोगुनी होकर दस लाख से ऊपर पहुंच गई है। इस आंकड़े को छूने के साथ ही पूरे जम्मू संभाग में मानसर-सुरुईंसर चौथा एक स्थान बन गया है जहां पर्यटक लाखों में पहुंच रहे हैं। जम्मू से करीब 45 किलोमीटर दूर स्थित मानसर व उससे करीब 27 किलोमीटर दूर स्थित सुरुईंसर झील की धार्मिक मान्यता होने के कारण यहां सालाना एक से दो लाख श्रद्धालु-पर्यटक ही यहां पहुंचते थे। इन झीलों के सौंदर्य को पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए यहां मूलभूत ढांचा भी तैयार किया गया लेकिन इसका उचित प्रचार न होने के कारण यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या सीमित ही थी। मानसर-सुरुईंसर डेवलपमेंट अथारिटी ने इन झीलों का प्रचार शुरू किया और पर्यटकों के अलावा जम्मू के स्थानीय युवाओं को इनकी ओर आकर्षित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन शुरू किया। उसी का नतीजा है कि वर्ष 2018 में 10 लाख 77 हजार लोग इन झीलों की सैर करने पहुंचे। इससे पहले वर्ष 2017 में यह संख्या 5 लाख 54 हजार थी।
विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष आयोजन किया जाएगा
सुरुईंसर-मानसर झील को इको-टूरिज्म का केन्द्र बनाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं और इसमें काफी हद तक सफलता भी मिल रही है। दोनों झीलें प्राकृतिक खूबसूरती से लबालब है और विभाग इस खूबसूरती को अब पर्यटकों के समक्ष पेश करने में जुटा है। इसी प्रयास के तहत विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष आयोजन किया जा रहा है जिसमें पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के साथ पर्यटकों को मानसर के इतिहास की जानकारी दी जाएगी। खास बात यह होगी कि पारंपरिक व्यंजन पारंपरिक पत्तलों व डूनों में परोसे जाएंगे।
-अंसुया जम्वाल, डिप्टी डायरेक्टर टूरिज्म जम्मू
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