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J&K: मलेरिया को मिल रही मात; वर्ष 2017 में 226, वर्ष 2018 में सिर्फ 126 मामले आए सामने

जम्मू संभाग में भी जम्मू राजौरी ऊधमपुर और सांबा जिले में ही मलेरिया के मामले हैं। अन्य जिलों में मलेरिया के मामले खत्म हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 26 Apr 2019 12:59 PM (IST)Updated: Fri, 26 Apr 2019 12:59 PM (IST)
J&K: मलेरिया को मिल रही मात; वर्ष 2017 में 226, वर्ष 2018 में सिर्फ 126 मामले आए सामने
J&K: मलेरिया को मिल रही मात; वर्ष 2017 में 226, वर्ष 2018 में सिर्फ 126 मामले आए सामने

जम्मू, रोहित जंडियाल। राज्य में दो दशक पहले तक मलेरिया के हजारों मामले सामने आने से मच्छरों की बहुत दहशत थी, लेकिन धीरे-धीरे चलाए गए अभियानों और साजगार मौसम के कारण मलेरिया के मामले कम होते जा रहे हैं। पिछले साल राज्य में मलेरिया के सिर्फ 126 मामले ही सामने आए, लेकिन डेंगू ने परेशान जरूर किया।

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राज्य मलेरिया विभाग के आंकड़ों के अनुसार नब्बे के दशक में जम्मू कश्मीर में मलेरिया के हजारों मामले आते थे। वर्ष 1996 में राज्य में 14289 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद मलेरिया के मामलों में गिरावट दर्ज की गई।

फागिंग अभियान के कारण मलेरिया पर पाया जा सका नियंत्रण

वर्ष 1999 में मलेरिया के मामले एक चौथाई ही रह गए। 3,357 लोगों में मलेरिया की पुष्टि हुई। वर्ष 2000 में 3022 मलेरिया के मरीज सामने आए, लेकिन वर्ष 2009-10 में 802 मरीज ही रह गए। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राज्य में जागरूकता अभियान और मच्छरों को मारने के लिए हर साल फागिंग अभियान के कारण ही मलेरिया पर नियंत्रण पाया गया है। मलेरिया अधिकारी डॉ. साखी मुहम्मद का कहना है कि राज्य में मलेरिया के मामले अब न के बराबर आ रहे हैं। वर्ष 2017 में 226 मामले दर्ज हुए। वहीं, वर्ष 2018 में सिर्फ 126 मामले ही सामने आए। राज्य में मलेरिया से अभी तक कोई मौत नहीं हुई है।

ऐसे होता है मलेरिया : यह रोग एनीफिलेज मच्छर के काटने से होता है। सबसे खतरनाक प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम (पीएफ) और प्लास्मोडियम विवैक्स (पीवी) माने जाते हैं। हालांकि जम्मू कश्मीर में प्लास्मोडियम फैल्सीपैरम के मामले बहुत कम हैं।

मलेरिया के लक्षण : सिर में तेज दर्द होना, उल्टी होना व जी मचलाना, जोड़ों में दर्द होना, कमजोरी व थकान महसूस होना, शरीर में खून की कमी होना, तेज बुखार, पसीना आना, ठंड के साथ जोर की कंपकपी होना आदि।

स्वास्थ्य निदेशक ने रवाना किया जागरूक रथ

जम्मू में लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व मलेरिया दिवस पर स्वास्थ्य निदेशालय जम्मू से रथ रवाना हुआ। स्वास्थ्य निदेशक डॉ. समीर मट्टू ने झंडी दिखाकर रथ को रवाना किया। उन्होंने कहा कि राज्य में लगातार चलाए जा रहे अभियानों के कारण मलेरिया के मामलों में कमी आ रही है। डॉ. साखी मुहम्मद ने कहा कि सभी के मिलकर प्रयास करने से राज्य को पूरी तरह मलेरिया मुक्त किया जा सकता है। यह रथ स्वास्थ्य निदेशालय से होता हुआ एमएलए हॉस्टल और शहर के अन्य प्रमुख स्थानों पर जाएगा। इस मौके पर डिप्टी डायरेक्टर डॉ. रेनू शर्मा, डॉ. सैयद तसनीमा बानो व डॉ. संजीव पूरी भी मौजूद थे।

जल्द ही खत्म होगा मलेरिया : डॉ. साखी मुहम्मद

मलेरिया अधिकारी डॉ. साखी मुहम्मद का कहना है कि जिस तरह राज्य में चलाए गए अभियानों के बाद मलेरिया के मामलों में कमी आई है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि आने वाले समय में मलेरिया पूरी तरह खत्म हो सकता है। पिछले साल भी साढ़े चार लाख से अधिक लोगों के सैंपल लेने के बाद भी मात्र 126 लोगों में ही मलेरिया की पुष्टि हुई है। उन्होंने मलेरिया के मामले कम होने का एक कारण मौसम में बदलाव को भी बताया। डॉ. साखी ने कहा कि कश्मीर में तो मलेरिया के मामले दर्ज नहीं होते हैं। जम्मू संभाग में भी जम्मू, राजौरी, ऊधमपुर और सांबा जिले में ही मलेरिया के मामले हैं। अन्य जिलों में मलेरिया के मामले खत्म हैं।


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