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मैंने लाहौर में गांधी जी को देखा

जागरण संवाददाता, जम्मू : लाहौर में 87 वर्षीय तारा चंद गुप्ता को महात्मा गांधी को देखने का अवसर

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Oct 2018 06:39 PM (IST)Updated: Mon, 01 Oct 2018 06:39 PM (IST)
मैंने लाहौर में गांधी जी को देखा
मैंने लाहौर में गांधी जी को देखा

जागरण संवाददाता, जम्मू : लाहौर में 87 वर्षीय तारा चंद गुप्ता को महात्मा गांधी को देखने का अवसर मिला। वह आज भी उन पलों को याद करते हैं। उस समय वह महज 15 वर्ष के थे। उन्हें ठीक से याद नहीं, मगर देश को आजादी मिलने के कुछ साल पहले युवाओं के जलसे को संबोधित करने के लिए गांधी जी लाहौर आए थे। तब उनका परिवार सिलयाकोट में रहता था।

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गांधी जी के बारे में उन्होंने बहुत कुछ सुना था, इसलिए उनको देखने के लिए तारा चंद सियालकोट से लाहौर पहुंच गए। उनको आज भी वह दृश्य याद है। उन्होंने देखा कि महात्मा गांधी यहां पर अ¨हसा के मार्ग पर चलने और देश के लिए काम करने के लिए युवाओं को पाठ पढ़ा रहे हैं। देश की आजादी की लहर उन दिनों उफान पर थी। महात्मा गांधी को करीब से जानने का यहीं से अवसर मिला। ऐसा लगा कि महात्मा गांधी अ¨हसा के मार्ग पर चलते हुए देश को जरूर आजादी दिला देंगे। उनका भाषण इतना प्रभावशाली था कि तालियों की आवाज दूर-दूर तक गूंजी।

तारा चंद का कहना है कि गांधी जी के भाषण से उनके मन में आजादी की भावना हिलोरें मारने लगीं। कुछ ही वर्षो बाद देश आजाद हो गया। मगर देश के विभाजन के दर्द ने कई परिवारों की पीड़ा बढ़ा दी। आज वह जम्मू के कृष्ण नगर में रह रहे हैं, मगर यह मलाल है कि जम्मू कश्मीर सरकार ने उनको आज तक राज्य की नागरिकता नहीं दी।


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