Jammu Kashmir : लंपी से लड़ने के लिए लंपी-प्रो वैक्सीन तैयार, किसान कर रहे बेसब्री से वैक्सीन आने का इंतजार
सैंकड़ों की संख्या में गाय-भैंस एलएसडी की चपेट में आ चुकी हैं। माल मवेशी इस संक्रमण से बचे रहें इसके लिए यह टीका कारगर बताया जा रहा है जोकि इंडियन सेंटर फार वेटनेरी टाइप कल्चर और आईसीएआर-इंडियन वेटनेरी रिसर्च इंस्टीटयूट द्वारा बनाया गया है।
जम्मू, जागरण संवाददाता : माल मवेशियों को आई लंपी स्किन डिसीज (एलएसडी) से लड़ने के लिए भारतीय टीका लंपी-प्रो वैक्सीन भी तैयार हो गया है। अब जल्द से तैयार किया जाएगा और देश के अलग अलग हिस्सों में यह वैक्सीन पहुंचेगी।
जम्मू कश्मीर के किसान भी इस वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यहां पर सैंकड़ों की संख्या में गाय-भैंस एलएसडी की चपेट में आ चुकी हैं। माल मवेशी इस संक्रमण से बचे रहें, इसके लिए यह टीका कारगर बताया जा रहा है जोकि इंडियन सेंटर फार वेटनेरी टाइप कल्चर और आईसीएआर-इंडियन वेटनेरी रिसर्च इंस्टीटयूट द्वारा बनाया गया है। यह टीका माल मवेशी की प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाएगा।
जम्मू क्षेत्र मेें बड़ी संख्या में लंपी स्किन डिसीज अपनी पकड़ बना चुका है। इस बीमारी के आने से माल मवेशी के शरीर में फोड़े हो जाते हैं। मवेशी को तेज बुखार हो जाता है। आंख, नाक से पानी बहता है। दुधारू जानवर दूध देना कम कर जाता है। संक्रमण इस कदर बढ़ जाता है कि कई बार जानवर को निमोनिया हो जाता है और जानवर की जान भी जा सकती है।
शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी जम्मू के वरिष्ठ पशु चिकित्सक डा. नीलेश शर्मा का कहना है कि एलएसडी खतरनाक बीमारी है। इसका संक्रमण मक्खी, मच्छर द्वारा फैलता है और एक जानवर से दूसरे जानवर तक पहुंच जाता है। अगर कहीं यह बीमारी आ गई है तो किसानों को चाहिए कि इस बीमारी से ग्रस्त मवेशी को बाकी सभी मवेशियों से दूर रखें। जब तक वह पूरी तरह से ठीक न हो उसका चारा भी अलग कर दिया जाना चाहिए।
अगर कोई जानवर बीमार लग रहा हो तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क किया जाना चाहिए ताकि जरूरी सलाह किसान को दी जा सके। पशुपालकों, किसानों को सचेत रहने की जरूरत है। अब तो इसकी वैक्सीन भी तैयार हो गई है। उम्मीद है कि जल्दी ही यह वैक्सीन जम्मू कश्मीर में भी उपलब्ध हो जाएंगे।