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Jammu Kashmir: उपराज्यपाल मुर्मू ने कहा- हताशा का सुबूत है पाक गोलाबारी

उन्होंने नियंत्रण रेखा पर पाक गोलाबारी में आई तेजी को आतंकियों की घुसपैठ करवाने की मुहिम का हिस्सा बताया। सर्दियां जाते ही आतंकी गतिविधियां और सीमा पार से गोलाबारी बढ़ जाती है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 20 Apr 2020 10:22 AM (IST)Updated: Mon, 20 Apr 2020 10:22 AM (IST)
Jammu Kashmir: उपराज्यपाल मुर्मू ने कहा- हताशा का सुबूत है पाक गोलाबारी
Jammu Kashmir: उपराज्यपाल मुर्मू ने कहा- हताशा का सुबूत है पाक गोलाबारी

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान हालात खराब करने के लिए सीमांत क्षेत्रों में पहले से दोगुनी गोलाबारी कर रहा है। यह सीमा पार से आतंकवाद को शह देने वालों की हताशा का सुबूत है। उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने जम्मू में मीडिया से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि बड़े अफसोस की बात है कि जहां पूरे देश कोरोना प्रकोप पर नियंत्रण पाने के लिए जद्​दोजहद कर रहे हैं, ऐसे समय में भी पाकिस्तान अपने देश में संक्रमितों को राहत पहुंचाने के बजाय, भारत में आतंकवाद को बढ़ावा देने के अवसर ढूंढ रहा है।

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उन्होंने नियंत्रण रेखा पर पाक गोलाबारी में आई तेजी को आतंकियों की घुसपैठ करवाने की मुहिम का हिस्सा बताया। सर्दियां जाते ही आतंकी गतिविधियां और सीमा पार से गोलाबारी बढ़ जाती है। हमें इनके बारे में सूचना मिलती रहती हैं। पांच अगस्त के बाद जम्मू कश्मीर में हालात बेहतर होने से सीमा पार तत्व हताश हैं। जम्मू कश्मीर के लोग खुश हैं। उनका पूरा सहयोग मिल रहा है।

राज्य में राष्ट्रपति शासन में लोगों को मिली बेहतर सेवाओं से उनकी उम्मीदें पूरी हुई हैं। उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर में वर्ष 2018 के मुकाबले सुरक्षा हालात काफी बेहतर हैं। जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में सुरक्षा को और पुख्ता बनाने से आतंकवाद में कमी आई थी, जिससे शरारती तत्वों की गतिविधियों में भी काफी कमी आई।

उन्होंने एक बार फिर भारतीय सैनिकों की सराहना करते हुए कहा कि सेना की कार्यप्रणाली को सलाम है जो देश के भीतरी हालातों से निपटने के साथ-साथ सीमा पर दुश्मनों का भी सामना कर रहे हैं।

गोलाबारी के 646 मामले: गत दिनों सीमा पार से गोलाबारी में महिला और बच्चे समेत तीन लोगों की मौत हुई है। पहले दो महीनों में गोलाबारी के 646 मामले हो चुके हैं। वर्ष 2019 में संघर्ष विराम के 3200 मामले हुए थे। इससे पहले किश्तवाड़ के डच्चन में आतंकियों ने पुलिसकर्मी की हत्या कर दी थी। शुक्रवार को दो हिज्ब आतंकी मार गिराए गए थे। माह की शुरुआत में केरन में पांच आतंकी मारे गए थे। पांच सैनिक शहीद हुए थे।


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