Jammu Kashmir: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा- सबके साथ के लिए जनता से होगी सीधी बात
मेरा कोई छिपा एजेंडा नहीं है। मैंने वीरवार को श्रीनगर पहुंचने के बाद कुछ अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : जम्मू-कश्मीर के दूसरे उपराज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण करने वाले मनोज सिन्हा ने स्पष्ट किया है कि विकास यात्रा के मार्ग पर प्रदेश तेजी से आगे बढ़ेगा। समस्याओं और असमंजस को दूर करने के लिए जनता के साथ संवाद की सीधी प्रक्रिया जल्द ही बहाल होगी। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का समूल नाश करते हुए शांति, सुरक्षा, विश्वास और विकास का वातावरण बनाना ही मेरा ध्येय है। बता दें कि जीसी मुर्मू के इस्तीफे के बाद वीरवार को राष्ट्रपति ने उन्हें जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल नियुक्त किया था। 31 अक्टूबर 2019 को भारत के नक्शे में एक नए केंद्र शासित प्रदेश के रूप में उभरे जम्मू- कश्मीर के वह दूसरे उपराज्यपाल हैं।
जम्मू-कश्मीर के नए उपराज्यपाल के रूप में शुक्रवार को मनोज सिन्हा ने औपचारिक रूप से कार्यभार संभाल लिया है। दोपहर 12:30 बजे उन्हेंं जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने राजभवन में सादे समारोह में शपथ दिलाई। इससे पूर्व प्रदेश के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रहमण्यम ने उनकी नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति द्वारा जारी वारंट पढ़कर सुनाया।
मेरा कोई छिपा एजेंडा नहीं : राजभवन में शुक्रवार दोपहर को उपराज्यपाल पद की शपथ ग्रहण करने के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत मेें मनोज सिन्हा ने कहा कि हम आम लोगों के साथ संवाद की एक मजबूत प्रक्रिया स्थापित करेंगे। मेरा कोई छिपा एजेंडा नहीं है। मैंने वीरवार को श्रीनगर पहुंचने के बाद कुछ अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी। उन्होंने मुझे बताया कि बीते एक साल के दौरान यहां बहुत से विकास कार्य शुरू हुए हैं। मैं उन सभी कार्यों को नए उत्साह और ऊर्जा के साथ आगे ले जाऊंगा।
अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी : उपराज्यपाल ने कहा कि बीते एक साल में जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर विकास योजनाएं शुरू हुई हैं। सुरक्षा परिदृश्य में भी सुधार हुआ है। पंचायतों व नगर निकायों को सशक्त बनाया गया है। इसके बावजूद यहां लोकतंत्र में आम लोगों का विश्वास मजबूत बनाने के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
शपथ ग्रहण समारोह में पीएमओ में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह, सांसद जुगल किशोर शर्मा, राज्यसभा सांसद और पीडीपी के वरिष्ठ नेता नजीर अहमद लावे, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह, उपराज्यपाल के सलाहकार फारुक खान व बसीर अहमद खान और जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व कृषि मंत्री गुलाम हसन मीर आदि मौजूद रहे।