राष्ट्रीय शिक्षा नीति, भारत को ज्ञान का सुपर पावर बढ़ाने के लिए अहम भूमिका निभाएगी : LG मनोज सिन्हा
उपराज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शिक्षा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा रहा है। भविष्य की उच्च शिक्षा और लर्निंग ज्यादा गतिशील होनी चाहिए और इसमें विचारों के लिए जगह होनी चाहिए। विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धा के युग में तैयार किया जाना चाहिए।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 को लागू करने करने के लिए पेपर मुक्त तरीके को अपनाते डिजिटल प्रयासों को लांच किया। महिला कालेज गांधीनगर जम्मू आयोजित किए समारोह में उपराज्यपाल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत ई-समर्थ पोर्टल, फीडबैक पोर्टल, बायोमेट्रिक हाजिरी पोर्टल, स्पैरो पोर्टल और वार्षिक तबादला नीति पोर्टल लांच किए ताकि विभाग के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही आ सके।
उपराज्यपाल ने कहा कि अंतर अनुशासनात्मक पाठ्यक्रम व बहुआयामी शिक्षा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के दिल हैं जिससे भविष्य के नवीन अविष्कारों को प्रशिक्षण मिलेगा।पर्यावरण, वैज्ञानिक तकनीक, बदलाव वैश्वीकरण से सामाजिक आर्थिक बदलाव ने तेजी लाई है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को समस्याओं का समाधान करने वाली शिक्षा देनी चाहिए ताकि वे विश्व की सही स्थितियों के प्रति जागरूक हो सकें। सोच और रचनात्मक कौशल को विकसित कर सकें। उपराज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, भारत को ज्ञान का सुपर पावर बढ़ाने के लिए अहम भूमिका निभाएगी। सरकार ने प्राइवेट शिक्षण संस्थानों के बराबर सरकारी शिक्षण संस्थानों में आवश्यक ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध करवाई है इसलिए राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर हमारी रैंकिंग में सुधार आना चाहिए। उन्होंने कहा कि साल 2022-23 के अकादमिक सत्र में कालेजों में अंडर ग्रेजुएट में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया गया है जिसमें रिसर्च व कोर्स में लचीलापन लाया गया है।
उपराज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शिक्षा को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा रहा है। भविष्य की उच्च शिक्षा और लर्निंग ज्यादा गतिशील होनी चाहिए और इसमें विचारों के लिए जगह होनी चाहिए। विद्यार्थियों को प्रतिस्पर्धा के युग में तैयार किया जाना चाहिए। उपराज्यपाल ने जोर देकर कहा कि विद्यार्थियों और अध्यापकों को साइंस व आर्ट्स में सक्षम होना चाहिए और मूल्यों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि डिग्री कालेजों को कौशल विकास के कोर्स शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रैवर्क के तहत इन कोर्सों को शुरू किया जाए जिससे यह इंडस्ट्री के साथ सहयोग कर सकें और इसमें कालेज की तरफ से 12 क्रेडिट रखे जाएं और इंडस्ट्री की तरफ से 18 क्रेडिट रखे जाएं। कौशल विकास कार्यक्रम के लिए पचास कालेज चिन्हित किए गए हैं। उपराज्यपाल ने अध्यापकों ने कहा कि शिक्षा में स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाए।
उपराज्यपाल की उपस्थिति में उच्च शिक्षा विभाग, शेर-ए-कश्मीर कृषि, विज्ञान व तकनीक विश्वविद्यालय जम्मू, शेर-ए-कश्मीर कृषि, विज्ञान व तकनीक विश्वविद्यालय कश्मीर, जम्मू विवि, कश्मीर विवि ने कृषि आधारित कौशल, रिसर्च आधारित ज्ञान, लाइफ कौशल कोर्स और कालेजों को परामर्श देने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। उपराज्यपाल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पुस्तक को भी लांच किया। नैक मान्यता हासिल करने के लिए उपराज्यपाल ने प्रिंसिपल को भी सम्मानित किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए गए।