Jammu Kashmir: उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा 2020 में हुए डीडीसी चुनावों के साथ ही जम्मू-कश्मीर में 'जंगल राज' का अंत हुआ
औद्योगिक क्षेत्र का जिक्र करते हुए उपराज्यपाल ने उम्मीद जताई कि मार्च 2022 तक पचास हजार करोड़ रुपयों का निवेश जम्मू-कश्मीर में होगा। जम्मू और श्रीनगर को स्मार्ट सिटी बनाने पर उन्होंने कहा कि जल्दी ही यहां लाइट मेट्रो भी दौड़ती नजर आएगी।
जम्मू, राज्य ब्यूरो।जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि 2020 में हिंसा मुक्त जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनावों ने केंद्र शासित प्रदेश में “जंगल राज” को समाप्त कर किया। इन चुनावों ने जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत किया।
श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा कि वर्ष 2020 में डीडीसी के सफल और हिंसा मुक्त चुनाव हुए जिसमें रिकॉर्ड संख्या में लोगों ने भाग लिया। "2020 में सफल चुनावों के साथ, जम्मू-कश्मीर में जंगल राज हमेशा के लिए समाप्त हो गया।
उन्होंने कहा कि 5 अगस्त, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के लिए लिए गए फैसले ने जम्मू-कश्मीर में नए दौर की शुरूआत की। उस दिन से लोकतंत्र को जमीनी स्तर पर मजबूत किया गया। अब लोगों ने लोकतंत्र का लाभ उठाना शुरू कर दिया है। आम आदमी शांतिपूर्ण वातावरण में रहने लगा है। कश्मीरी की सदियों पुरानी परंपरा को और मजबूत किया गया। समाज के सभी वर्गों को नई ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए साथ लिया गया।
उपराज्यपाल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करते हुए कहा कि उनके जम्हुरियत के सिद्धांत को भी जमीनी स्तर पर लागू नहीं होने दिया जा रहा था। पहले जम्मू-कश्मीर में चुनावों के नाम पर कुछ नेताओं को चुन लिया जाता था लेकिन साल 2020 में जंगलराज खत्म हो गया और जिला विकास परिषद के निष्पक्ष चुनाव हुए। अब लोगों के नुमायंदे हैं, किसी कोलेक्टर के नहीं।
मार्च 2022 तक होगा पचास हजार करोड़ रुपयों का निवेश: औद्योगिक क्षेत्र का जिक्र करते हुए उपराज्यपाल ने उम्मीद जताई कि मार्च 2022 तक पचास हजार करोड़ रुपयों का निवेश जम्मू-कश्मीर में होगा। जम्मू और श्रीनगर को स्मार्ट सिटी बनाने पर उन्होंने कहा कि जल्दी ही यहां लाइट मेट्रो भी दौड़ती नजर आएगी। उन्होंने कहा कि कृषि,बागवानी के क्षेत्रों में भी बहुत बदलाव आया है। पहली बार जनजातीय लोगों को जम्मू-कश्मीर में वन अधिकार दिए गए हैं। उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर की फिल्म नीति, पर्यटन क्षेत्र, जम्मू और श्रीनगर में बने अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियमों का भी जिक्र किया।
अगले एक दशक में दस लाख रोजगार: उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं को अगले एक दशक में दस लाख रोजगार के अवसर दिए जाएंगे।स्वास्थ्य के क्षेत्र का जिक्र करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र के लिए 1268 करोड़ रुपये रखे जो कि पिछले साल से पांच सौ करोड़ अधिक है। इस साल स्वास्थ्य बजट 1456 करोड़ हो गया। उन्होंने कहा कि 67 वर्ष बाद जम्मू-कश्मीर में सिर्फ तीन ही मेडिकल कालेज थे। लेकिन पिदले कुछ वर्ष में सात नए मेडिकल कालेजों को मजूरी दी गई। पांच शुरू हो गए हें। ऊधमपुर और हंदवाड़ा भी जल्दी स्थापित होंगे।दो एम्स और 1275 हेल्थ और वेलनेस सेंटर खुले।साल 2019 से पहले कोई हेल्थ इंश्यारेंस योजना नहीं थी। लेकिन अब जम्मू-कश्मीर के सभी लोगों के लिए आयुष्मान भारत सेहत योजना लागू है।
अपनों को गंवाने वालों को सक्षम योजना का लाभ : कोविड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि डाक्टरों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के प्रयासों से यह सुनिश्चित बनाया गया कि कोई भी मरीज आक्सीजन की सुविधा वाले बेड से वंचित न हो। पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर में आक्सीजन की क्षमता जहां 15 हजार लीटर प्रति मिनट थी, वे अब बढ़कर 66 हजार लीटर प्रति मिनट हो गई है। आने वाले दिनों में यह 90 हजार लीटर प्रति मिनट हो जाएगी। उन्होंने कहा कि टीकाकरण में जम्मू-कश्मीर देश के अग्रणी राज्यों में है। 45 साल से अधिक उम्र वाले सौ फीसद लोगों का टीकाकरण हो चुका है जबकि 18-44 साल के आयु वर्ग में 37 फीसद का टीकाकरण हुआ है। महामारी की चुनौतियों से निपटने के लिए 83 फैसले किए गए। कोरोना से अपनों को गंवाने वालों को सक्षम योजना का लाभ दिया गया।
मूलभूत सुविधाएं भी मिल रही: उपराज्यपाल ने कहा कि लोगों के पास स्वच्छ पेयजल की सुविधा नहीं थी। लेकिन साल 2019 में प्रधानमंत्री द्वारा जलजीवन मिशन शुरू करने के बाद अब स्थिति बदल गई है। सभी स्कूलों और आंगनवाडी सेंटरों में पानी के कनेक्शन हैं। साल 1979 से लंबित पड़ा शाहपुर कंडी प्रोजेक्ट भी तीन साल पहले शुरू हुआ। उन्होंने उझ मल्टीपर्पस प्रोजेक्ट,जोजिला टनल, श्रीनगर-लेह कारिडोर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि साल 2022 में कश्मीर रेलवे से भी सीधा कन्याकुमारी तक जुड़ जाएगा। नई दिल्ली से अमृतसार एक्सप्रेस वे कटड़ा से होता हुआ भी निर्माणाधीन है। 974 गांवों को सड़कों के साथ जोड़ा जा रहा है। सामाजिक कल्याण की सभी केंद्रीय योजनाओं को जम्मू-कश्मीर में शुरू कर अंतिम पायदान में खड़े व्यक्ति को उसका लाभ दिया जा रहा है।