Move to Jagran APP

जम्मू-कश्मीर में लगा राष्ट्रपति शासन, जानें राज्यपाल शासन से कैसे अलग है यह व्यवस्था

जम्मू एवं कश्मीर में बुधवार से राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। राष्ट्रपति शासन लागू होने के साथ ही बुधवार से सभी विधायी और वित्तीय अधिकार संसद के पास चले जाएंगे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 19 Dec 2018 09:33 AM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 12:02 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में लगा राष्ट्रपति शासन, जानें राज्यपाल शासन से कैसे अलग है यह व्यवस्था
जम्मू-कश्मीर में लगा राष्ट्रपति शासन, जानें राज्यपाल शासन से कैसे अलग है यह व्यवस्था

जम्मू, राज्य ब्यूरो जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के साथ ही बुधवार से सभी विधायी और वित्तीय अधिकार संसद के पास चले गए। राज्यपाल को राज्य में किसी भी बड़े नीतिगत फैसले के लिए पहले केंद्र से अनुमति लेनी होगी। वह अपनी मर्जी से कोई बड़ा फैसला नहीं ले पाएंगे। संसद कानून बनाकर राष्ट्रपति के माध्यम से लागू कर सकती है। हालांकि केंद्र के प्रतिनिधि के तौर पर राज्य के प्रशासनिक मुखिया राज्यपाल ही बने रहेंगे।

loksabha election banner

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में मंगलवार को राज्यपाल शासन के छह माह पूरे हो गए। राज्य संविधान के मुताबिक राज्यपाल शासन को छह माह से ज्यादा समय तक लागू नहीं रखा जा सकता और अगर फिर भी निर्वाचित सरकार का गठन न हुआ तो राष्ट्रपति शासन लागू किया जाएगा। राज्यपाल ऐसे हालात में केंद्र सरकार और राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के तौर पर निर्वाचित सरकार के गठन तक कार्यभार संभालेंगे।

अन्य राज्यों में राष्ट्रपति का शाासन संविधान की धारा 356 के तहत सीधे लागू हो जाता है, वहीं जम्मू कश्मीर में राज्य संविधान की धारा 92 के तहत पहले राज्यपाल शासन ही होगा और आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकेगा।

संविधान विशेषज्ञ और पूर्व मंत्री हर्ष देव सिंह ने कहा कि राज्य विधानसभा भंग होने के बाद मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद के अधिकार राज्यपाल को प्राप्त हो जाते हैं। राष्ट्रपति शासन में वह अधिकार राष्ट्रपति और संसद के पास चले जाएंगे। राज्यपाल अब अपनी मर्जी से राज्य में कोई नया कानून नहीं बना पाएंगे, कोई बड़ी वित्तीय राहत नहीं दे पाएंगे। कोई नया कर नहीं लगा सकेंगे। यह सभी अधिकार अब संसद के पास रहेंगे।

पीडीपी संरक्षक एवं वरिष्ठ नेता मुजफ्फर हुसैन बेग ने कहा कि राष्ट्रपति शासन में राज्यपाल को सभी महत्वपूर्ण मुददों पर केंद्र सरकार और संसद की अनुमति लेनी होगी। वह अब राज्य के संदर्भ में अपने विवेकानुसार कोई नीतिगत फैसला नहीं ले पाएंगे।

18 जून को सरकार गिरने पर लगा था राज्यपाल शासन
राज्य में इसी वर्ष 18 जून को भाजपा द्वारा पीडीपी से अलग होने के बाद महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार भंग होने के साथ ही राज्यपाल शासन लागू हो गया था। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 21 नवंबर को विधानसभा को भंग कर दिया था।

राज्यपाल शासन का लंबा इतिहास

  • 26 मार्च 1977 से 9 जुलाई 1977। कुल 105 दिन चला।
  • 6 मार्च 1986 से 7 नवंबर 1986 कुल 246 दिन। पहले छह माह राज्यपाल शासन के बाद राष्ट्रपति शासन लगा।
  • 19 जनवरी 1990 से 9 अक्टूबर 1996 कुल छह साल और 246 दिन। छह माह राज्यपाल शासन के बाद करीब छह साल राष्ट्रपति शासन रहा।
  • 18 अक्टूबर 2002 से 2 नवंबर 2002 तक कुल 15 दिन।
  • 11 जुलाई 2008 से 5 जनवरी 2009 तक कुल 178 दिन।
  • 9 जनवरी 2015 से एक मार्च 2015 तक कुल 51 दिन।
  • 8 जनवरी 2016 से 4 अप्रैल 2016 तक कुल 87 दिन।
  • 18 जून 2018 से अब तक 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.