राज्य प्रशासनिक परिषद का फैसला: जमीन खरीदारी और बिक्री के लिए दस्तावेज पंजीकरण विभाग में बनेंगे
अतिरिक्त उपायुक्त सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) और सहायक राजस्व आयुक्त को रजिस्ट्रार उप रजिस्ट्रार के तौर पर काम करने के अधिकार प्राप्त होंगे।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले जम्मू कश्मीर में सरकारी कामकाज को पारदर्शी बनाने की कवायद जारी है। राज्य प्रशासनिक काउंसिल (एसएसी) ने जम्मू-कश्मीर में नया पंजीकरण विभाग स्थापित करने का फैसला लिया। राजस्व विभाग पर काम का बोझ कम करते हुए अलग पंजीकरण विभाग में अंचल संपत्ति की बिक्री, गिफ्ट, गिरवी और लीज आदि के दस्तावेजों का पंजीकरण होगा। ताकि लोगों का बिना परेशानी समय पर काम हो सके।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में हुई एसएसी की बैठक में केंद्रीय कानून रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 के तहत नया विभाग पंजीकरण विभाग बनाने का फैसला किया। जम्मू कश्मीर 31 अक्टूबर को केंद्र शासित प्रदेश बन जाएगा इसलिए यहां केंद्रीय कानून लागू हो जाएंगे। पंजीकरण विभाग राजस्व विभाग के अधीन काम करेगा।
अतिरिक्त उपायुक्त, सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) और सहायक राजस्व आयुक्त को रजिस्ट्रार उप रजिस्ट्रार के तौर पर काम करने के अधिकार प्राप्त होंगे। काउंसिल ने 464 नए पद सजिृत करने को मंजूरी दे दी है। इनमें एक सीनियर कानून अधिकारी, तीन मुख्यालय सहायक, एक प्रोग्राम मैनेजर, दो कानूनी सहायक, तीन जूनियर स्केल स्टेनोग्राफर, एक ड्राइवर, आठ अर्दली के अलावा रजिस्ट्रार, डाटा एंट्री ऑपरेटर, रीडर, जूनियर असिस्टेंट और अर्दली पदों के प्रत्येक के 22 पद शामिल हैं। यह पद जिला रजिस्ट्रार स्तर के कार्यालय के लिए होंगे। जबकि सब डिवीजनल स्तर तक के कार्यालय में रजिस्ट्रार, डाटा एंट्री आपरेटर, रीडर, जूनियर असिस्टेंट और अर्दली पदों के प्रत्येक के 67 पद शामिल हैं।
कर्मियों व पेंशनरों का पांच फीसद डीए बढ़ा
जम्मू कश्मीर के कर्मचारियों व पेंशनरों को दिवाली का तोहफा देते हुए राज्य प्रशासनिक परिषद ने महंगाई भत्ता (डीए) में पांच फीसद वृद्धि की है। मंगलवार को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों की तर्ज पर चार भत्ते देने का फैसला किया था। इसके बाद बुधवार को उन्हें पांच फीसद अधिक डीए भी मिल गया। जम्मू कश्मीर व लद्दाख 31 अक्टूबर से केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में काम करने लगेंगे। साथ ही जम्मू कश्मीर व लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों को वे भत्ते मिलने लगेंगे जो केंद्र के कर्मचारियों को मिलते हैं। यह अहम फैसला बुधवार को राज्यपाल, सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में हुई राज्य प्रशासनिक परिषद बैठक में लिया गया। इसमें कर्मचारियों व पेंशनरों को 1 जुलाई 2019 के प्रभाव से 5 फीसद महंगाई भत्ता (डीए) देने को मंजूरी मिल गई। इस फैसले से लगभग 4.5 लाख सरकारी कर्मचारियों व 1.6 लाख पेंशनरों को फायदा होगा। डीए वृद्ध के बकायाजात नवंबर, 2019 में किए जाएंगे। डीए की वृद्धि के कारण वित्तीय वर्ष 2019-2020 में राज्य के खजाने पर 725 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।