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डल को रोशन करने वाले 68 साल पूराने लैंप पोस्ट जल्द हटेंगे

परियोजना के तहत 8.6 करोड़ की लागत से डलगेट से निशात बाग तक तक डल झील के किनारों पर 490 ऑरनमेंटल पोल लगाए जाएंगे, जिन पर 980 लैंप होंगे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 26 Sep 2018 09:29 AM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 09:29 AM (IST)
डल को रोशन करने वाले 68 साल पूराने लैंप पोस्ट जल्द हटेंगे
डल को रोशन करने वाले 68 साल पूराने लैंप पोस्ट जल्द हटेंगे

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। रात में डल झील को रोशन करने वाले एतिहासिक लैंप पोस्ट जल्द ही इतिहास बनकर रह जाएंगे। सीमेंट से बने यह लैंप पोस्ट करीब 68 साल पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री बख्शी गुलाम मोहम्मद ने 1950 में डल झील को एक छल्ले की तरह घेरने वाले बुल्वोर्ड मार्ग पर लगवाए थ।

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अब इनके स्थान पर कास्ट आयरन निर्मित पांच मीटर ऊंचे सजावटी लैंप पोस्ट लगाए जा रहे हैं। इन पर भी राज्य चिन्ह उकेरा गया है।कास्ट आयरन के लैंप पोस्ट स्थापित करने की योजना को मार्च 2017 में तत्कालीन पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार ने मंजूरी प्रदान की थी।

परियोजना के तहत 8.6 करोड़ की लागत से डलगेट से निशात बाग तक तक डल झील के किनारों पर 490 ऑरनमेंटल पोल लगाए जाएंगे, जिन पर 980 लैंप होंगे। परियोजना को अमली जामा पहनाने का जिम्मा राज्य बिजली विभाग को मिला है।

पीडीडी विभाग के मुताबिक सीमेंट के लैंप पोस्ट अब पुराने हो चुके हैं। इनमें से अधिकांश समय बीतने के साथ खराब हो चुके हैं इसलिए पुरानी लाइटों को बदला जा रहा है। लावडा के पूर्व उपाध्यक्ष और पर्यावरणविद् इरफान यासीन ने कहा कि बदलाव अगर अच्छे के लिए हो तो उसका सभी स्वागत करेंगे लेकिन अगर बदलाव से झील की खूबसूरती बिगड़े, पर्यावरण पर असर हो तो कौन पसंद करेगा।

नए लैंप पोस्ट किसी भी तरह डल की खूबसूरती के अनुकूल नहीं हैं। इनकी ऊंचाई भी बहुत है। यह करीब पांच मीटर ऊंचे हैं। इन्हें झील के किनारे पर बने दो फुट ऊंचे पैराफिट पर स्थापित किया जा रहा है। इससे इनकी ऊंचाई और बढ़ जाती है।वहीं, लावडा के वर्तमान उपाध्यक्ष हफीज मसूदी ने कहा कि हमने पुराने लैंप पोस्ट, जो अपने आप में इतिहास समेटे हुए हैं, को बदलने पर एतराज जताते हुए पीडीडी को कोई बार पत्र लिखे लेकिन वह नए पोल लगाने पर अडे़ हुए हैं।

चीफ इंजीनियर पीडीपी काजी हशमत के मुताबिक झील किनारे स्थित पुराने सीमेंट के पोल बदलने की योजना का 60 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है लेकिन ठेकेदारों को भुगतान न होने और कुछ अन्य कारणों से यह काम रुक गया है। यह कहना गलत है कि कास्ट आयरन से बने नए लैंप पोस्ट सही नहीं हैं। शुरू में आलोचनाएं तो होती ही हैं। लैंप पोस्ट रात को जब झील को रोशन करेंगे तो तब आलोचक भी इनकी तारीफ करेंगे। 


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