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लद्दाखी छात्रों ने जनजातीय सूची में शामिल करने को भरी हुंकार

लद्दाख छात्रों ने सड़कों पर उतर कर जनजातीय सूची में शामिल करने की भरी हुकांर

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 08:18 AM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 08:18 AM (IST)
लद्दाखी छात्रों ने जनजातीय सूची में शामिल करने को भरी हुंकार
लद्दाखी छात्रों ने जनजातीय सूची में शामिल करने को भरी हुंकार

जागरण संवाददाता, जम्मू : आल लद्दाख स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने सड़कों पर उतर कर उन्हें 6वीं ट्राइबल सूची में शामिल किए जाने को लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में काफी संख्या में लद्दाखी छात्र-छात्राएं शामिल हुई। छात्रों ने हाथों में तख्तियां पकड़ी हुई थी। नारों के जरिए केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के उप राज्यपाल को यह संदेश देने की कोशिश की गई कि अगर लद्दाख के लोगों को 6वीं ट्राइबल सूची में शामिल नहीं किया गया तो इससे उनके अधिकारों का हनन होगा।

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बुधवार को जम्मू के प्रदर्शनी मैदान में एकत्रित हुए छात्रों का कहना है कि लद्दाख में 95 प्रतिशत लोग ट्राइबल सूची में आते हैं। इस अधिकार के बगैर लद्दाख के लोग खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। एसोसिएशन की महासचिव इशे डोलमा ने कहा कि लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने का स्वागत करते हैं, लेकिन अगर उनके जनजातीय अधिकारों को संरक्षित रखना है तो उन्हें 6वीं ट्राइबल सूची में शामिल किया जाना बढ़ा जरूरी है। उन्होंने कहा कि लद्दाख एक विशाल प्रदेश है और लद्दाख के लोग अपनी कला संस्कृति की पहचान को लेकर काफी चितित है। अगर उन्हें ट्राइबल सूची में शामिल कर लिया जाए तो उन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षा मिलेगी। इससे इन इलाकों में बाहर के लोग नही बस सकेंगे। एसोसिएशन के प्रधान सेरिग आंगचुक का कहना है कि लद्दाख एक संवेदनशील इलाका है और यहां पानी की वैसी ही बहुत कमी है। छात्रों का कहना है कि भारतीय भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 में सभी को बराबरी के अधिकार हैं। इस अधिकार के तहत उन्हें भी बराबरी के अधिकार हैं। अगर उन्हें जनजातीय दर्जा मिल जाता है तो इससे उनमें असुरक्षा की भावना नही रहेगी। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि उनकी इस मांग को शीघ्र पूरा किया जाए, वर्ना आने वाले दिनों में यह आंदोलन का रूप ले सकता है।


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