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जानिए कौन हैं अशोक चक्र से सम्मानित शहीद एएसआइ बाबू राम, 14 मुठभेड़ों में 28 दुर्दांत आतंकी कमांडरों को कर चुके हैं ढेर

जम्मू-कश्मीर पुलिस के इस बहादुर एवं जांबाज एएसआइ बाबू राम को गणतंत्र दिवस के मौके पर मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति ने बलिदानी एएसआइ बाबू राम की पत्नी और बेटे को यह सम्मान पत्र सौंपा। बाबू राम जिला पुंछ के मेंढर तहसील के रहने वाले हैं।

By Vikas AbrolEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 05:51 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 05:51 PM (IST)
इस बहादुर वीर ने करीब 14 मुठभेड़ों में 28 दुर्दांत आतंकी कमांडरों को मार गिराने में अहमद भूमिका निभाई थी।

जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर पुलिस में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर बाबू राम 29 अगस्त 2020 को श्रीनगर के प्रवेश द्वार पंथाचौक में अपने दस्ते के साथ हाइवे से गुजरने वाले वाहनों पर पैनी नजर रखे हुए थे। इसी दौरान अचानक एक स्कूटी पर सवार होकर तीन आतंकी आए।

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आतंकियों ने वहां सड़क किनारे खड़े अर्धसैनिक बल के एक जवान पर हमला कर उससे हथियार छीनने का प्रयास करते हुए नाका पार्टी पर अंधाधुंध गोलियां दागी। वहां मौजूद एएसआइ बाबू राम ने तुरंत हवा में फायर किए। इससे आतंकी घबराकर वहां से भाग खड़े हुए। बाबू राम ने उनका पीछा किया और आतंकियों को घेरा जो एक घर में छिपे हुए थे। उन्होंने मकान में फंसे लोगों को सबसे पहले बाहर निकाला और फिर आतंकियों को आत्मसमर्पण करने के लिए चेतावनी दी। आतंकियों ने उनकी नहीं मानी। रात 10 बजे तक यहीं क्रम चलता रहा।

इसी दौरान उन्हें पता चला कि मकान के भीतर अन्य कुछ मासूम लोग भी फंसे हैं। ऐसे में बहादुर एएसआइ बाबू राम ने तुरंत मकान के भीतर प्रवेश किया। इसी दौरान अंधाधुंध फायरिंग में वह गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बावजूद उन्होंने मोर्चा नहीं छोड़ा और लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर साकिब बशीर को ढेर कर दिया। घायल बाबू राम को अस्पताल ले जाया गया लेकिन वह कुछ ही समय उपरांत शहीद हो गए। साकिब के दो अन्य साथी उमर तारिक और जुबेर अहमद शेख को भी कुछ ही घंटों के उपरांत ढेर कर दिया गया।

जम्मू-कश्मीर पुलिस के इस बहादुर एवं जांबाज एएसआइ बाबू राम को गणतंत्र दिवस के मौके पर मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति ने बलिदानी एएसआइ बाबू राम की पत्नी और बेटे को यह सम्मान पत्र सौंपा। बाबू राम जिला पुंछ के मेंढर तहसील के रहने वाले हैं। पंथाचौक मुठभेड़ में शहीद होने से पूर्व इस बहादुर वीर ने करीब 14 मुठभेड़ों में 28 दुर्दांत आतंकी कमांडरों को मार गिराने में अहमद भूमिका निभाई थी। उन्हें उनकी योग्यता, पराक्रम, कर्तव्यनिष्ठा और राष्ट्रभक्ति के लिए मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया है।


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