Raksha Bandhan 2020: कोरोना पर भारी पतंगबाजी का जोश, रक्षाबंधन पर जम्मू में खूब उड़ी पतंगें
हु-हल्ले के साथ रंग-बिरंगी पतंगे आसमान में इंद्रधनुष सा नजारा बना गईं। कोरोना पतंगों के साथ आसमान में पेच लड़ाने लोगों का जोश देखते ही बना।
जम्मू, जागरण संवाददाता : कोरोना के बावजूद रक्षाबंधन पर पतंगबाजी का जोश इस बार भी जम्मू शहर और उसके आसपास के क्षेत्रों में खूब देखने को मिला। शहर के आसमान पर सुबह से ही युवा व बच्चे पतंगबाजी का मजा लेते नजर आए। उमस भरी गर्मी के बीच दोपहर बाद हुई बारिश राहत लेकर आई। शाम को जैसे ही बारिश रुकी और आसमान साफ हुआ तो फिर पतंगे लेकर बच्चे, युवा घरों की छतों पर आ गए।
साेमवार सुबह से ही युवा व बच्चे घरों की छतों पर आ गए थे। हर गली, बाजार, मोहल्ले से "वो काटेया ई आ' की आवाजें गूंजती रहीं। जिसने पतंग काटी वो मस्ती में झूम कर उत्साहित हुआ तो जिसकी पतंग कटी, वह फिर से दूसरी पतंग को हवा में उड़ा अपनी हार का बदला लेने का प्रयास करता नजर आया। आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से पटा हुआ नजर आया। हालांकि पिछले वर्षों की तरह छतों पर युवाओं की टोलियां कम थीं लेकिन जोश में कोई कमी नहीं दिखी।
जम्मू शहर में रक्षा बंधन पर पतंगबाजी की परंपरा काफी पुरानी है जो जन्माष्टमी तक चलती है। शायद ही किसी घर की छत ऐसी होगी जिस पर लोग पतंगबाजी का मजा लेते न दिखे हों। कोरोना के चलते घरों में रहकर परेशान अभिभावक भी बच्चों के साथ पतंगबाजी में उत्साहित होते दिखे। अलबत्ता वे बच्चों को दूसरों की छतों, घरों से बाहर जाने से रोकते ही रहे।
इतना ही नहीं युवाओं ने छतों पर डीजे और म्यूजिक सिस्टम भी लगाए हुए थे। हर पेच के साथ अपनी हार-जीत को नाच गाकर मनाया गया। सबसे ज्यादा पतंगबाजी पुराने जम्मू शहर में दिखी। घरों की छत्तों के उपर कहीं कोई कन्नी बांधता नजर आया तो कोई चरखी लपेटता। चिलचलाती धूप की परवाह किए बिना युवा पतंगबाजी का आनंद उठाते रहे। बारिश के बाद शाम को पतंगबाजी का मजा और बढ़ गया। छोटे-छोटे बच्चे भी छतों पर आ गए।
आसमान में उड़ती रहीं कोरोना पतंगे: कोरोना से बचने का संदेश देने के लिए इस बार बाजार में उतारी गई कोरोना लिखित पतंगे खूब बिकी। युवा और बच्चे भी कोरोना पतंगों को उड़ाकर खिल्ली उड़ाते नजर आए। कोई बोल रहा था कि वो उड़ रहा है कोरोना तो कोई इसे काटने पर कहता कि वो देखो कोरोना कट गया। हु-हल्ले के साथ रंग-बिरंगी पतंगे आसमान में इंद्रधनुष सा नजारा बना गईं। कोरोना पतंगों के साथ आसमान में पेच लड़ाने लोगों का जोश देखते ही बना।
खूब हुआ गट्टू डोर का इस्तेमाल: गट्टू डाेर पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने में सरकार नाकाम रही। अधिकतर पतंगे गट्टू डोर से उड़ाई जा रही थीं। युवाओं, बच्चों ने विभिन्न दुकानों से गट्टू का खरीदा। चोरी-छिपे ही सही, गट्टू की खूब बिक्री हुई। डोर विक्रेताओं की मानें तो पिछले साल की तुलना में बहुत कम गट्टू बिकी क्योंकि उन्हें माल ही नहीं मिला। बहुत से दुकानदारों ने पुराने सामान को ही बेचा। जो भी हो, युवाओं के हाथों में गट्टू रही और उन्होंने इससे खूब पतंगबाजी की। सुशील शर्मा, विक्की कुमार ने कहा कि गट्टू के बिना पतंगबाजी का मजा नहीं आता। ज्यादा पैसे देकर ही सही, वह गट्टू खरीद लाए।