जम्मू-कश्मीर: किश्तवाड़ में कुछ चुनिंदा लोगों को निशाना बनाकर हालात बिगाड़ने की फिर हो सकती है साजिश
परिहार बंधुओं व आरएसएस के चंद्रकांत शर्मा की हत्या के बाद अब जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में कुछ और चुनिंदा लोगों को निशाना बनाकर हालात खराब करने की साजिश हो सकती है।
किश्तवाड़, संवाद सहयोगी। पहले परिहार बंधुओं और फिर आरएसएस के प्रांत सह सेवा प्रमुख चंद्रकांत शर्मा की हत्या के बाद अब किश्तवाड़ में कुछ और चुनिंदा लोगों को निशाना बनाकर हालात खराब करने की साजिश हो सकती है। ऐसी सूचनाओं से खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। हालांकि ऐसी सूचनाओं में कितनी सच्चाई है इसकी पड़ताल किए जाने की जरूरत है, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए इसे हल्के में भी नहीं लिया जा सकता।
वहीं सूत्रों का कहना है कि ऐसी सूचनाएं किश्तवाड़ में दहशत फैलाने के लिए भी हो सकती हैं, ताकि जिले से बड़े पैमाने पर एक समुदाय विशेष का पलायन करवाया धार्मिक उन्माद फैलाया जा सके।किश्तवाड़ में 90 के दशक में आतंकवाद शुरू होने के दो दशकों बाद इसपर थोड़ी बहुत लगाम लगी थी। वर्ष 2011 के बाद किश्तवाड़ व डोडा में इक्का-दुक्का आतंकी को छोड़कर दोनों जिलों के आंतक मुक्त होने का दावा किया गया था, लेकिन हाल ही की घटनाओं ने हालात पूरी तरह बदल दिए हैं।
पिछले साल नवंबर में पहले आतंकवादियों ने भाजपा के प्रदेश सचिव अनिल परिहार और उनके भाई अजीत परिहार की हत्या कर दी थी। हालात इतने बिगड़े कि इसकी आंच जम्मू तक महसूस की गई। इसके बाद किश्तवाड़ के डीसी के अंगरक्षक से एके-47 राइफल छीने जाने की घटना हुई।
नौ अप्रैल को आतंकी ने किश्तवाड़ के जिला अस्पताल परिसर में घुसकर आरएसएस नेता व स्वास्थ्य कर्मी चंद्रकांत शर्मा की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि परिहार बंधुओं के बाद चंद्रकांत शर्मा आतंकियों की हिट लिस्ट में थे। ऐसे में किसी भी सूचना को हल्के में नहीं लिया जा सकता।