हर चुनाव में बिखरे सपने समेटता हूं : खजूर सिंह
अशोक शर्मा, जम्मू : जीवन का 96वां बसंत देख चुके खजूर सिंह ने पूरे उत्साह के साथ हीरानगर के रंदवाल
अशोक शर्मा, जम्मू : जीवन का 96वां बसंत देख चुके खजूर सिंह ने पूरे उत्साह के साथ हीरानगर के रंदवाल पोलिग स्टेशन में वोट डाला। वोट डालने के बाद करीब दो घंटे तक गांव के लोगों से बातचीत करते रहे। इस दौरान दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर राज्य के लगभग हर आंदोलन में बढ़चढ़ कर भाग लिया। हमने तो एक प्रधानमंत्री के लिए अंग्रेजों से आजादी चाही थी, लेकिन आजाद होते ही सबसे बड़ा झटका विभाजन ने दिया। जनसंघ के एक विधान एक निशान के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ आंदोलन किया। उस आंदोलन में पंडित प्रेम नाथ डोगरा, सतपाल बडू, ओमप्रकाश मेंगी, अमरनाथ, ठा. बलदेव सिंह, चगर सिंह, ऋषि कुमार कौशल आदि कई लोगों के साथ बढ़चढ़ कर भाग लिया। हर आंदोलन और मतदान में अपने सपनों का भारत देखने के लिए बढ़चढ़ कर भाग लिया, लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी है। आजादी के इतने वर्षों बाद भी देश में कई कमियां हैं। आज भी लोगों को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल रही। पूरा देश बढ़ती जनसंख्या को दोषी मानता है। लेकिन जनसंख्या नियोजन की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। परिवारवाद से कुछ छुटकारा मिलता दिखने लगा है, लेकिन अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है। हमें अपना मुकाबला पाकिस्तान से नहीं बल्कि विकसित देशों के साथ करना होगा। खजूर सिंह ने कहा कि उन्हें लगता है कि देश को सही दिशा में ले जाने के लिए अभी बहुत ज्यादा काम करने की जरूरत है। सभी को अपना दायित्व निभाना होगा। 'आज भी अगर मुझे देश के लिए कुर्बानी देनी पड़े तो मैं तैयार हूं।'