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कश्मीर में व्यापारजगत को हुए नुकसान की भरपाई के लिए अदालत का दरवाजा घटखटाएगा केसीसीआइ

अदालत से आग्रह किया जाएगा कि निष्पक्ष और विशेषज्ञ एजेंसी जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम-2019 लागू करने के बाद पैदा हालात से कश्मीर में व्यापार व उद्योग को हुए नुकसान का आंकलन करे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 12:05 PM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 12:05 PM (IST)
कश्मीर में व्यापारजगत को हुए नुकसान की भरपाई के लिए अदालत का दरवाजा घटखटाएगा केसीसीआइ
कश्मीर में व्यापारजगत को हुए नुकसान की भरपाई के लिए अदालत का दरवाजा घटखटाएगा केसीसीआइ

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद कश्मीर में व्यापार को हुए नुकसान की भरपाई के लिए कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (केसीसीआइ) अदालत का रुख करने पर विचार कर रहा है। केसीसीआइ के उपाध्यक्ष नासिर खान ने कहा कि पांच अगस्त के बाद से कश्मीर में जो हालात बने, उससे यहां व्यापारिक, औद्योगिक और विकासात्मक गतिविधियां लगभग ठप होकर रह गई हैं। श्रमिकों के पलायन से कई कारखाने और होटल बंद हो गए। आयात-निर्यात भी प्रभावित रहा है।

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बकौल नासिर, 'सितंबर माह के अंत तक हमने जो आकलन किया है, उसके मुताबिक कश्मीर में व्यापार जगत को करीब 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। हमारे पास जो संसाधन हैं, उनके आधार पर इससे ज्यादा का आकलन नहीं कर सकते थे। यहां फोन व इंटरनेट सेवाएं बंद होने के कारण हमें संगठन से जुड़े लोगों को विभिन्न शहरों और कस्बों में वहां के व्यापारियों के नुकसान का जायजा लेने के लिए भेजना पड़ा।

नासिर ने कहा कि हम कश्मीर में पांच अगस्त के बाद स्थानीय व्यापार जगत को हुए नुक्सान का सही आकलन कर, उसके आधार पर प्रभावितों को मदद देने के लिए प्रशासन से कई बार आग्रह कर चुके हैं, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसलिए अब संगठन ने अदालत में जाने का फैसला किया है। अदालत से आग्रह किया जाएगा कि निष्पक्ष और विशेषज्ञ एजेंसी को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम-2019 लागू करने के बाद बने पैदा हालात से कश्मीर में व्यापार व उद्योग को हुए नुकसान का आकलन करने का जिम्मा दिया जाए। इसके बाद एजेंसी की रिपोर्ट के आधार पर ही प्रशासन से प्रभावितों को मुआवजा देने की मांग की जाएगी।


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