Move to Jagran APP

Kashmir: फौजी बनना चाहते हैं कश्मीरी युवक, सेना ने विशेष प्रशिक्षण देने का फैसला लिया

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के लागू होने के बाद कश्मीर में आयोजित पहली सैन्य भर्ती रैली के लिए करीब 29 हजार युवकों ने अपना पंजीकरण कराया था।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 09 Sep 2020 03:55 PM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 04:11 PM (IST)
Kashmir: फौजी बनना चाहते हैं कश्मीरी युवक, सेना ने विशेष प्रशिक्षण देने का फैसला लिया

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कश्मीर घाटी में स्थानीय युवाओं में फौजी बनने के रुझान को देखते हुए सेना ने उनके लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने का फैसला किया है। इसमें स्थानीय युवाओं को भर्ती रैली में सफल होने के आवश्यक गुर सिखाए जाएंगे। इच्छुक युवा जाे भी सेना में भर्ती होने के पात्र हैं, इनमें शामिल हो सकते हैं। उल्लेखनीय है कि आतंकियों और अलगाववादियों द्वारा बार-बार स्थानीय लाेगों को सुरक्षाबलों और फौज से दूर रहने का फरमान सुनाए जाने के बावजूद बीते कुछ सालों के दौरान फौज में भर्ती होने वाले कश्मीरी युवकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है।

loksabha election banner

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के लागू होने के बाद कश्मीर में आयोजित पहली सैन्य भर्ती रैली के लिए करीब 29 हजार युवकों ने अपना पंजीकरण कराया था।  

रक्षा मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, कोविड-19 के संक्रमण से पैदा हालात के मद्देनजर इस जम्मू-कश्मीर में विशेषकर कश्मीर घाटी में होने वाली सेना की भर्ती रैलियों को स्थगित करना पड़ा है। अलबत्ता, लॉकडाउन में राहत आैर कोरोना से पैदा हालात में कुछ सुधार को देखते हुए अगले दो-तीन माह में भर्ती रैलियां शुरु की जा सकती हैं। केंद्रीय गृहमंत्रालय और केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रदेश प्रशासन ने इस संदर्भ में रक्षा मंत्रालय से संपर्क करते हुए, जम्मू-कश्मीर में विशेष भर्ती रैलियों के आयोजन का आग्रह किया है। सेना की तरह ही सीआरपीएफ, बीएसएफ व एसएसबी भी केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में अलग-अलग भर्ती रैलियां निकट भविष्य में आयोजित करने की कार्ययाेजना पर काम कर रही हैं।

रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वादी के युवाओं को सेना में उनकी योग्यता के मुताबिक पूरा मौका दिया जाएगा। वादी में बीते कुछ सालों के दौरान हुई भर्ती रैलियों का संज्ञान लेते हुए सेना ने एक कैप्सूल कोर्स तैयार किया है। यह उन युवाओं के लिए है जो फौजी बनना चाहते हैं। इस कैप्सूल कोर्स में फौजी बनने के युवाओं को करीब एक पखवाड़े तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें उन्हें लिखित परीक्षा की तैयारी करने, फिजिकल टेस्ट जिसमें अभ्यार्थियों के शारीरिक दम-खम का आंकलन होता है, स्वास्थ्य जांच में सफल रहने के तरीके बताए जाएंगे। इस कोर्स में शामिल होने वाले युवाओं के रहने खाने-पीने का खर्च कोर्स अवधि के दौरान तक सेना द्वारा ही वहन किया जाएगा। प्राय: देखा गया है कि भर्ती में शामिल होने आए अधिकांश युवक अपनी लापरवाहियाें के कारण सफल नहीं हो पाते। वह अपनी ऐसी लापरवाहियों से बचें और रैली में सफल रहें, इसलिए यह प्रशिक्षण शिविर लगाए जाने की योजना है।

पहले चरण में यह प्रशिक्षण जिला गांदरबल में आयाेजित किया जाएगा। इसमें सिर्फ गांदरबल के ही युवक शामिल हाे सकेंगे। फौजी बनने के इच्छ़ुक युवक प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने के लिए अपने निकटवर्ती सैन्य शीविर, सरपंच, निकटवर्ती पुलिस चौकी के माध्यम से भी संपर्क कर सकते हैं। गांदरबल के बाद इस तरह के प्रशिक्षण शिविर वादी के हर जिले में क्रमानुसार आयोजित किए जाएंगे। इस संदर्भ में संबधित जिलाधिकारियों व अन्य संबधित लोगों को समयानुसार सूचित किया जाएगा।

इस बीच, कश्मीर में तैनात एक वरिष्ठ सैन्याधिकारी ने कहा कि भर्ती रैलियों में शामिल होने के इच्छ़ुक युवाओं के लिए ही प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के अलावा सेना ने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने और उनमें सफलता अर्जित करने का सपना बुन रहे युवकों के लिए भी विशेष कोचिंग की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा वादी के विभिन्न हिस्सों में लड़कियों के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर भी चलाए जा रहे हैं। वादी में बीते कुछ दिनों के दौरान कई जगह स्थानीय जन प्रतिनिधियों, विभिन्न युवा संगठनों के साथ संवाद के दौरान कई लोगाें ने फाैजी बनने के इच्छुक युवाओं के लिए कोचिंग का सुझाव दिया था। इसी सुझाव को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित प्रशिक्षण शिविरों का खाका तैयार किया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.