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Kashmir: ऑक्सीजन सिलेंडर वापस नहीं लौटा रहे लोग, मस्जिदों में ऐलान करने की दी चेतावनी

Coronavirus in Kashmir कोरोनो से मरने वालों को दफनाने की रस्म पूरा करने में भी यह संगठन दिवंगत के परिजनों का पूरा सहयोग कर रहे हैं। कई लोग अब एनजीओ द्वारा उपलब्ध कराए गए चिकित्सा उपकरणों को नहीं लौटा रहे हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Thu, 29 Apr 2021 02:55 PM (IST)Updated: Thu, 29 Apr 2021 03:02 PM (IST)
Kashmir: ऑक्सीजन सिलेंडर वापस नहीं लौटा रहे लोग, मस्जिदों में ऐलान करने की दी चेतावनी
संबंधित संगठनों के लिए मौजूदा समय में नए उपकरण खरीदना मुश्किल हो रहा है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कश्मीर घाटी में कोरोना संक्रमण से जूझ रहे लोगों को राहत प्रदान करने का प्रयास कर रहे सामाजिक संगठनों के सामने एक नई चुनौती पैदा हो गई है। परिवार के बीमार सदस्यों के लिए एनओजी से मुफ्त ऑक्सीमटर, सिलेंडर और ऑकसीजन कंसनट्रेटर्स लेने वाले लोग खाली होने पर उन्हें वापस नहीं लौटा रहे हैं। परेशान होकर एनजीओ ने अब ऐसे लोगों के नामों का एलान मस्जिदों में करने की चेतावनी दी है।

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कश्मीर में कोरोना पीड़ितों की लगातार बढ़ती तादाद के बावजूद कई समाज सेवी संगठन अपने समर्थकों से लाए गए निश्शुल्क ऑक्सीजन सिलेंडर, आक्सीमीटर, ऑक्सीजन कंसनट्रेटर्स, दवाइयां उपलब्ध करा रहे हैं। कोरोनो से मरने वालों को दफनाने की रस्म पूरा करने में भी यह संगठन दिवंगत के परिजनों का पूरा सहयोग कर रहे हैं। कई लोग अब एनजीओ द्वारा उपलब्ध कराए गए चिकित्सा उपकरणों को नहीं लौटा रहे हैं। इससे जहां एक ओर अन्य जरुरतमंद मरीजों के लिए कई जीवनरक्षक उपकरणों की कमी हो रही है। वहीं संबंधित संगठनों के लिए मौजूदा समय में नए उपकरण खरीदना मुश्किल हो रहा है।

वादी में ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कंसनट्रेटर्स व ऑक्सीमीटर की निशुल्क सेवा उपलब्ध कराने में अग्रणी समाजसेवी संगठन सोशल रिफॉर्म आर्गेनाइजेशन के एक पदाधिकारी जावेद अहमद ने कहा कि कई लोग काफी हद तक ठीक हो चुके हैं। उनके द्वारा लिए गए ऑक्सीजन गैस सिलेंडर, ऑक्सीजन कंसनट्रेटर्स अब तक वापस नहीं लौटाए गए हैं। उन्हें समझना चाहिए कि दूसरों को भी इनकी आवश्यकता है, दूसरों की जान भी महत्वपूर्ण है। पिछले साल जब कोविड-19 का संक्रमण शुरू हुआ था तो उस समय की जरूरतें दूसरी थी, उस समय लोगों के लिए खाने-पीने का संकट ज्यादा था। इस बार दवाओं और जीवनरक्षक उपकरणों की आवश्यकता है।

दिल्ली सहित देश के विभिन्न हिस्सों में कई लोग ऑक्सीजन के बिना मर गए। कई लोग ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए सड़कों पर ही पड़े हैं। कश्मीर में ऐसे हालात नहीं हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसी परिस्थितियों में भी पैदा करना चाहते हैं। कई लोगाें ने हमारी संस्था से ऑक्सीमीटर और ऑक्सीजन कंसनट्रेटर्स लिए हैं। ये लोग अब लौटा नहीं रहे हैं। जिसे आवश्यकता है, वे रखें परंतु जो लोग पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं, उन्हें यह सामान लौटाना चाहिए। कई लोग यह सामान अपने रिश्तेदारों को सौंप रहे हैं। जब हम यह उपकरण वापस लाते हैं तो हम उन्हें पहले पूरी तरह से सैनिटाइज करते हैं, उनकी मुरम्मत करते हैं। ऑक्सीजन कंसनट्रेटर्स की पूरी जांच करते हुए पता लगाते हैं कि ऑक्सीजन सही आ रही है या नहीं। कैनुला मॉस्क नए लगते हैं और उसके बाद इसे किसी दूसरे जरुरतमंद के नाम पर जारी करते हैं।

कई लोग कह रहे हैं कि उन्हें दोबारा संक्रमण की आशंका है, अगर ऐसा हुआ तो उन्हें मदद के लिए इन उपकरणों की आवश्यकता पड़ेगी। उस समय न मिले तो क्या होगा? कई लोग मुकर गए हैं कि उन्होंने यह उपकरण लिया है। यह सिर्फ हमारे साथ ही नहीं हो रहा है। अन्य कई संगठनों ने भी इस तरह की शिकायतें की हैं। हमने तो इंटरनेट मीडिया पर भी लोगों से सामान लौटाने की अपील की है। अब हमने तय किया है कि ऐसे लोगों को सभी के सामने बेनकाब किया जाए। अगर उपकरण वापस नहीं किए गए तो संगठन मस्जिदों में जाकर लेने वालों के नाम घोषित करेंगे।

उन्होंने कहा कि इस समय बाजार में भी यह उपकरण आसानी से उपलध नहीं हैं। अगर हैं तो बहुत ज्यादा महंगे हैं। इसलिए अगर लोग यह उपकरण लौटाते हैं तो हम अपने संसाधनों का और बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं।


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