Kashmiri Pandits : एक दिन पूरा होकर रहेगा कश्मीर घाटी में बसने का सपना, मोदी सरकार रोड मैप तैयार कर लेगी
कश्मीरी हिंदुओं के अलग अलग संगठन अपने अपने तरीके से काम पर लगे हुए हैं। कुछ तो कश्मीर घाटी में अलग से होमलैंड की मांग कर रहे हैं तो कुछ श्रीनगर बारामूला व अनंतनाग जिलों में तीन सैटेलाइट कालोनियां बनाए जाने की मांग कर रहे हैं।
जम्मू, जागरण संवाददाता : घाटी में राहुल भट्ट की हत्या के बाद कश्मीरी हिंदुओं का गुस्सा नहीं थम रहा। नियमित तौर पर धरने प्रदर्शन हो रहे हैं। घाटी के हालात पहले ही खराब हैं, लेकिन इन हालात में कश्मीरी हिंदुओं के घाटी वापसी के हौंसले बने हुए हैं।
भले ही अभी नही, बाद में ही सही, लेकिन घाटी वापसी हर कश्मीरी हिंदू का सपना है और इसे साकार करके ही रहेंगे। 1990 में घाटी में बने हालात के कारण कश्मीरी हिंदुओं को वहां अपने घर छोड़ने पड़े थे। आज यह लोग जम्मू व देश के अन्य हिस्सों में रह रहे हैं, मगर मन में यही विचार है कि एक न एक दिन कश्मीर घाटी में वापसी होकर रहेगी।
कश्मीरी हिंदुओं के अलग अलग संगठन अपने अपने तरीके से काम पर लगे हुए हैं। कुछ तो कश्मीर घाटी में अलग से होमलैंड की मांग कर रहे हैं तो कुछ श्रीनगर, बारामूला व अनंतनाग जिलों में तीन सैटेलाइट कालोनियां बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। यह लोग मान रहे हैं कि घाटी में अलग से कश्मीरी हिंदुओं को बसाने से ही बात बनेगी।
अब हालात ऐसे नही कि कश्मीरी हिंदू घाटी में अपने गांव में जाकर रहे। पनुन कश्मीर के प्रधान विरेंद्र रैना ने कहा कि कश्मीरी पंडित एक साथ एक जगह पर ही सुरक्षित तरीके से रह सकते हैं। इसको लेकर सरकार को अपना कोई ब्लू प्रिंट बनाना होगा लेकिन इससे पहले पहले कश्मीरी हिंदुओं से बात करनी चाहिए। सरकार इस मुद्दे पर तो आ नही रही। लेकिन फिर भी कश्मीरी हिंदुओं को मोदी सरकार पर पूरा भरोसा है कि इसी कार्यकाल में सरकार कश्मीरी हिंदुओं की घाटी वापसी का रोड मैप तैयार कर लेगी।
घाटी में जाकर बसना हर कश्मीरी हिंदू का सपना है और यह पूरा होकर रहेगा। 32 साल बाद भी कश्मीरी हिंदुओं के हौंसले बुलंद हैं और यह लाग अपनी मिट्टी, संस्कृति से जुडना चाहते हैं, यह सपना जरूर पूरा होगा।