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Kashmiri Pandit: कश्मीर पंडितों की चेतावनी, कहा- रिलीफ पैकेज न बढ़ाया गया तो करेंगे राष्ट्रव्यापी आंदोलन

Kashmiri Pandit प्रदर्शन कर रहे पंडितों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही इस पर सुनवाई न हुई तो वे राष्ट्रव्यापी आंदोलन की शुरूआत करेंगे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 20 May 2020 04:31 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 04:31 PM (IST)
Kashmiri Pandit: कश्मीर पंडितों की चेतावनी, कहा- रिलीफ पैकेज न बढ़ाया गया तो करेंगे राष्ट्रव्यापी आंदोलन
Kashmiri Pandit: कश्मीर पंडितों की चेतावनी, कहा- रिलीफ पैकेज न बढ़ाया गया तो करेंगे राष्ट्रव्यापी आंदोलन

जम्मू, जेएनएन। जगटी टाउनशिप में रहने वाले कश्मीरी पंडितों ने आज बुधवार को कोरोना प्रकोप के बीच शारीरिक दूरी का पालन करते हुए सरकार के खिलाफ अपना रोष जताया। घाटी से विस्थापित ये कश्मीरी पंडित केंद्र सरकार द्वारा उन्हें हर माह दिए जा रहे रिलीफ पैकेज की राशि बढ़ाने व उनके लिए विशेष आर्थिक पैकेज घोषित करने की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि बार-बार अपनी परेशानियों को सरकार के समक्ष उजागर करने के बावजूद उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। गुस्साए कश्मीरी पंडितों ने कहा कि यदि जल्द ही केंद्र सरकार ने इस संबंध में कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए तो वे अपनी मांगों के समर्थन में राष्ट्रव्यापी धरना-प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू करेंगे।

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सरकार विरोधी नारे लगा रहे कश्मीरी पंडितों का नेतृत्व कर रहे जगटी टेनेमेंट कमेटी और सोन कश्मीर फ्रंट जेएंडके के प्रधान शादी लाल पंडिता ने कहा कि महंगाई के इस दौरान में 13000 में परिवार का पालन पोषण, बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाना बहुत मुश्किल है। पिछले कई सालों से विस्थापित कश्मीरी पंडित रिलीफ पैकेज को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। सुनवाई न होने की वजह से अब उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाए कि भाजपा सरकार ने पंडितों से जो भी वायदे किए थे, वे जमीनी हकीकत से बहुत दूर हैं। हकीकत में अभी भी पंडितों की मांगे व समस्याएं ज्यों की त्यों ही हैं।

केंद्र सरकार की ओर से पंडितों को प्रति परिवार 13000 रूपये राशि दी जाती है, जो पर्याप्त नहीं है। उन्होंने यह राशि बढ़ाकर 25000 रूपये करने की मांग की। प्रदर्शन कर रहे पंडितों ने कहा कि विस्थापित होने के बाद से ही हरेक कश्मीरी परिवार संपत्ति को पहुंचे नुकसान की वजह से सालाना 4 लाख रूपये का घाटा बर्दाश्त कर रहा है। पंडित सरकार से कई बार एक मुश्त राहत राशि की मांग भी कर चुके हैं परंतु उस पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई है। इन समस्याओं का स्थायी समाधान निकालते हुए सरकार को प्रत्येक पंडित परिवार को एक-एक करोड़ रूपये बतौर एक मुश्त राशि के तौर पर प्रदान करना चाहिए ताकि वे फिर से आर्थिक तौर पर बेहतर हो सकें।

पंडितों ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज के तहत उनके पढ़े-लिखे युवाओं को नौकरी देने, घाटी में कश्मीरी पंडितों की वापसी, स्थायी पुनर्वास सहित जो भी दावे किए गए, वे भी अभी तक हवा में ही हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। पंडितों ने एक बार फिर अपनी मांगों को उजागर करते हुए बारामुला, श्रीनगर और अनंतनाग के रहने वाले पंडितों को अल्पसंख्यकाें का दर्जा देने, पंडितों के प्रतिनिधियों को विधानसभा में तीन जबकि संसद में एक सीट देने की बात कही।

प्रदर्शन कर रहे पंडितों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही इस पर सुनवाई न हुई तो वे राष्ट्रव्यापी आंदोलन की शुरूआत करेंगे। प्रदर्शन में सुनील कौल, एचके पंडिता, एसएल कार, सतीश कुमार पंडिता, रमेश भट, पिंटू जी, चांद जी पटवारी, विजय कुमार सहित अन्य शामिल थे।


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