बाजार में आने वाला है कश्मीरी सेब, बागवानी क्षेत्र को नुकसान से बचाने के लिए प्रशासन सक्रिय
Kashmiri apple कश्मीर में बीते एक पखवाड़ से उपजी कानून व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर बागवानी क्षेत्र को नुकसान से बचाने के लिए प्रशासन सक्रिय हो गया है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कश्मीर में बीते एक पखवाड़ से उपजी कानून व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर बागवानी क्षेत्र को नुकसान से बचाने के लिए प्रशासन सक्रिय हो गया है। फलोत्पादकों और व्यापारियों को अपने सामान के निर्यात के लिए पर्याप्त संख्या में ट्रक उपलब्ध कराए जा रहे हैं। घाटी में इस समय फ्रूट सीजन चल रहा है। सेब और नाशपाती की फसल तैयार हो चुकी है। अगले कुछ दिनों में अखरोट भी तैयार होने लगेगा।
वादी में पांच अगस्त से जारी कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण स्थानीय किसान और व्यापारी अपनी फसल को देश के अन्य भागों में ही नहीं कश्मीर के भीतर भी विभिन्न मंडियों में पहुंचाने में सफल नहीं हो पा रहे हैं। इससे बागवानी क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचने लगा है।
बागवानी क्षेत्र को हो रहे नुकसान का संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने संबधित प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक बुलाई। इसमें वादी के विभिन्न हिस्सों में बागों में तैयार फसल को मंडियों में पहुंचाने और किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाने के मुद्दे पर विचार विमर्श हुआ।
राज्य सूचना निदेशक सहरीश असगर ने बताया कि मुख्य सचिव ने संबंधित लोगों के साथ बैठक की है। कश्मीर के भीतर और बाहर विभिन्न मंडियोंं तक किसानों को फसल पहुंचाने में पूरी मदद करने का फैसला लिया गया है। इसके लिए ट्रकों का भी पूरा बंदोबस्त किया है। इन ट्रकों को बागों से मंडियों तक पहुंचने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसके लिए हाईवे पर भी विशेष व्यवस्था की गई है।
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