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गृहमंत्री शाह के दौरे पर टिकी सभी की नजरें, कश्मीर मुद्दे पर बने गतिरोध को दूर करने की लगा रहे उम्मीद Kashmir News

रियासत की सियासत के लिए बहुत अहम माने जा रहे इस दौरे से पहले जिस तरह से बातचीत को लेकर माहौल बना हैवह बीते एक दशक के दौरान पहली बार देखा गया है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Wed, 26 Jun 2019 12:53 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jun 2019 12:53 PM (IST)
गृहमंत्री शाह के दौरे पर टिकी सभी की नजरें, कश्मीर मुद्दे पर बने गतिरोध को दूर करने की लगा रहे उम्मीद Kashmir News

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह काे कश्मीर दौरा दोपहर बाद शुरु हो जाएगा। हालांकि उन यह दौरा पूरी तरह प्रशासनिक और सुरक्षा मुद्दों पर केंद्रित है। इसके बावजूद कश्मीर समस्या के समाधान के लिए बातचीत की प्रक्रिया पर जोर देने वाला अलगाववादी खेमा ही नहीं मुख्यधारा से जुड़े राजनीतिक दल भी बड़े ध्यान से गृहमंत्री के दौरे को लेकर जारी हलचल पर नजरें गढ़ाए हुए हैं। सभी को उम्मीद है कि शाह कुछ ऐसा करेंगे जो कश्मीर मुद्दे पर बने गतिरोध को दूर कर, इसके हल का रास्ता खोलेगा।

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रियासत की सियासत के लिए बहुत अहम माने जा रहे इस दौरे से पहले जिस तरह से बातचीत को लेकर माहौल बना है,वह बीते एक दशक के दौरान पहली बार देखा गया है। नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर ने हमें उम्मीद है कि केंद्रीय गृहमंत्री यहां कोई बड़ा एलान करेंगे। यहां कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार हुर्रियत से बातचीत के लिए तैयार है। अगर ऐसा कुछ होता है तो यहां हालात पर सकारात्मक असर होगा।

हुर्रियत कांफ्रेंस से बातचीत जरुरी है,हुर्रियत इससे ज्यादा क्या कह सकती है कि बातचीत होनी चाहिए और इसकी शुरुआत हो, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रो सैफूदीन सोज ने कहा। उन्होंने कहा कि अब दिल्ली की बारी है। अगर बातचीत का आगाज होता है तो सभी उसे सराहेंगे, उसका साथ देंगे। बातचीत के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहींहै। बातचीत बंद कर, सिर्फ पुलिस और फौज के सहारे कश्मीर मसला हल नहीं हो सकता है। अमित शाह आज आ रहे हैं, देखते हैं कि वह बातचीत की उम्मीद को लेकर बने माहौल को आगे बढ़ाने के लिए क्या करते हैं।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व शिक्षामंत्री नईम अख्तर ने कहा कि हम तो शुरु से ही बातचीत के समर्थक रहे हैं। हमने जब भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए एजेंडा आॅफ एलायंस तय किया तो उसमें भी हमने इसे शामिल किया। यहां लोग बड़ी बेसब्री से बातचीत का इंतजार कर रहे हैं। ताकत से यह मसला हल नहीं होगा और हमें उम्मीद है कि केंद्रीय गृहमंत्री आम कश्मीरियों के दिलों तक पहुंच बनाने के लिए जरुर कोई बड़ा कदम उठाएंगे।

आल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी गुट के चेयरमैन मीरवाईज मौलवी उमर फारुक ने कहा कि हमने कभी बातचीत का विरोध नहीं किया। हमने तो हमेशा इसका समर्थन किया है। बातचीत को लेकर हमारा स्टैंड स्पष्टहै। हमनें कोई नयी बात नहीं की है। कश्मीर मसले का सबसे ज्यादा नुक्सान कौन उठा रहा है, कश्मीरी अवाम। इसलिए कश्मीरी अवाम ही इसका हल जलद से जल्द चाहता है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पास मौका है,वह इस मसले को हमेशा के लिए हल कर सकते हैं।

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