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कश्मीर बंद: अलगाववादियों का सचिवालय मार्च नाकाम, मीरवाईज पुलिस हिरासत में

उदारदवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाईज मौलवी उमर उमर फारुक ने नजरबंदी भंग कर, जुलूस निकालने का प्रयास किया था,लेकिन पुलिस ने उन्हें उनके घर के बाहर ही गिरफ्तार कर लिया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 07 May 2018 02:48 PM (IST)Updated: Mon, 07 May 2018 04:33 PM (IST)
कश्मीर बंद: अलगाववादियों का सचिवालय मार्च नाकाम, मीरवाईज पुलिस हिरासत में
कश्मीर बंद: अलगाववादियों का सचिवालय मार्च नाकाम, मीरवाईज पुलिस हिरासत में

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। दक्षिण में जवाहर सुरंग से लेकर उत्तरी कश्मीर में में एलओसी के साथ सटे जिला कुपवाड़ा तक सोमवार को लगातार दूसरे दिन भी कश्मीर घाटी में बंद और प्रशासनिक पाबंदियों के चलते जहां सामान्य जनजीवन ठप रहा, वहीं पुलिस ने अलगाववादियों के सचिवालय घेराव के मंसूबों को बल पूर्वक नाकाम बना दिया।

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हालांकि उदारदवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाईज मौलवी उमर उमर फारुक ने नजरबंदी भंग कर, जुलूस निकालने का प्रयास किया था,लेकिन पुलिस ने उन्हें उनके घर के बाहर ही गिरफ्तार कर लिया। कटटरपंथी सईद अली शाह गिलानी, मोहम्मद अशरफ सहराई समेत एक दर्जन अलगाववादियों को उनके घरों में नजरबंद रखा गया है जबकि इंजीनियर हिलाल वार को पुलिस ने सुबह ही उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया है।

एहितयात के तौर पर प्रशासन ने सभी संवेदनशील इलाकों में निषेधाज्ञा को लागू करने के अलावा श्रीनगर समेत वादी के पांच जिलों शोपियां,पुलवामा, कुलगाम व अनंतनाग मेें मोबाईल इंटरनेट सेवा को बंद रखा गया हैै। ब्राड बैंड सेवा बहाल रखी गई, लेकिन सीमित गति के साथ। बनिहाल-बारामुला रेल सेवा लगातार दूसरे दिन भी बंद है।

गौरतलब है कि शनिवार को श्रीनगर के छत्ताबल इलाके मे तीन आतंकियों और एक प्रदर्शनकारी की मौत के खिलाफ अलगाववादी संगठनों के साझा मंच ज्वायंट रजिस्टेंस लीडरशिप ने गत रविवार को कश्मीर बंद का आहवान  किया था। लेकिन रविवार को शोपियां में पांच आतंकियो और पांच प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद इसे एक दिन के लिए और बढ़ाते हुए जेआरएल ने सचिवालय घेराव का एलान किया।

बंद का असर आज सुबह से ही पूरी वादी में नजर आया। श्रीनगर में नागरिक सचिवालय के साथ सटी सड़कों पर ही वाहनों की आवाजाही या फिर रेहड़ी-फड़ी वाले नजर आए। अन्यत्र सभी दुकानें, निजी प्रतिष्ठान,बैंक और शिक्षण संस्थान पूरी तरह बंद रहे। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी नाम मात्र रही। सचिवालय के बाहर अन्य सरकारी कार्यालय खुले जरुर थे,लेकिन कर्मियों की उपस्थिति नाम मात्र रही।

श्रीनगर में मैसुमा, करालखुड, नौहटटा, खनयार, रैनावारी, महराजगंज और सफाकदल थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा के चलते स्थिति लगभग कर्फ्यू जैसी ही थी। शोपियां,पुलवामा, अनंतनाग और कुलगाम व गांदरबल में भी प्रशासन ने कई जगह निषेधाज्ञा का सहारा लेते हुए कई सड़कों को आम लोगों की आवाजाही के लिए बंद रखा ताकि कोई अलगाववादियों के आहवान पर सचिवालय घेराव के लिए मार्च न कर सके।

इस बीच, मीरवाईज मौलवी उमर फारुक नजरबंदी का उल्लंघन कर अपने घर से बाहर निकल आए। वहां उनके समर्थकों की एक बड़ी तादाद भी मौजूद थे। इन लोगों ने राष्ट्रविरोधी नारेबाजी करते हुए सचिवालय घेराव को कामयाब बनाने के लिए मार्च शुरु किया। लेकिन वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें बलपूर्वक रोक लिया। मीरवाईज व उनके समर्थकों ने जब धक्का-मुक्की करते हुए आगे बड़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने हुर्रियत नेता को उनके सात समर्थकों संग हिरासत में ले लिया। इस खबर के लिखे जाने तक मीरवाईज व उनके समर्थक नगीन पुलिस स्टेशन में थे।

हालांकि बंद के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता बंदोबस्त था। इसके बावजूद शोपियां, उरनहाल, गांदरबल और डाऊन-टाऊन में कई जगह पुलिस व शरारती तत्वों के बीच सुबह हिंसक झढ़पों का दौर चला।  


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