कश्मीर केंद्रित सियासी दलों ने बीडीसी चुनाव से दूर रहने के दिए संकेत, कई पंच-सरपंचों ने बनाया नया संगठन
नेकां पीडीपी और पीसी द्वारा बीडीसी चुनाव प्रक्रिया से दूर रहने के दिए जा रहे संकेत के बाद इन दलों से संबधित कई पंच सरपंचों ने लोकल बाडीज नामक एक संगठन बना लिया है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। ब्लॉक विकास परिषद (बीडीसी) चुनाव से दूरी नेशनल कांफ्रेंस (नेकां), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और पीपुल्स कांफ्रेंस (पीसी) को महंगी पड़ सकती है। मौजूदा परिस्थितियों में यह दल चुनाव लड़ने से इंकार कर सकते हैं। यही सोचकर इन दलों से जुड़े कई पंच-सरपंचों ने नाता तोड़ अलग राह पकड़ना शुरू कर दी है। पहला झटका पीसी को लगा है। उससे संबंधित एक सरपंच ने भाजपा का दामन थाम लिया है। इसके अलावा गैर-भाजपा दलों से संबंध रखने वाले कई पंच-सरपंचों ने अपने संगठन भी बनाने शुरू कर दिए हैं। इसी माह 24 अक्टूबर को बीडीसी चुनाव होने हैं। यह चुनाव दलीय आधार पर होंगे।
नेकां के एक वरिष्ठ नेता ने जो इस समय दिल्ली में हैं, ने कहा कि चुनाव में भाग लेना या न लेना शीर्ष नेतृत्व तय करेगा। इस समय सभी बंद हैं। इसके अलावा हमने बीते वर्ष भी पंचायत चुनाव से दूरी रखी थी। इसलिए मौजूदा परिस्थिति में हम भाग लेंगे, अभी तय नहीं है। पीडीपी के राज्यसभा सांसद फैयाज मीर ने इस बारे में कुछ भी कहने से इंकार करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि हमने शहरी निकायों और पंचायत चुनावों को लेकर जो रवैया अपनाया था, वही रहेगा।
पंच-सरपंचों ने गठित की लोकल बॉडीज एसोसिएशन
नेकां, पीडीपी और पीसी द्वारा बीडीसी चुनाव प्रक्रिया से दूर रहने के दिए जा रहे संकेत के बाद इन दलों से संबधित कई पंच सरपंचों ने गत दिनों जम्मू कश्मीर पंच-सरपंच लोकल बाडीज नामक एक संगठन बना लिया है। नेकां से संबंध रखने वाले एक युवा सरपंच ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मैं सरपंच तक सीमित नहीं रहना चाहता। मैं तो ब्लॉक और उसके बाद जिला विकास बोर्ड का चेयरमैन बनकर लोगों की सेवा करना चाहूंगा। इसलिए मैंने एक निजी बैंक में मासिक 50 हजार रुपये वेतन वाली नौकरी छोड़ी थी। अगर नेकां चुनाव से दूर रहती है तो मैं उससे दूर होकर बीडीसी चुनाव लड़ने को तैयार हूं। मैंने नैकां से नाता तोड़ लिया है। ऐसा करने वाला मैं अकेला नहीं हूं, कुछ और भी हैं।
पुरानी सियासत से मुक्ति पाने के लिए नया कदम जरूरी
जम्मू कश्मीर पंच-सरपंच लोकल बॉडीज एसोसिएशन के गठन में अहम भूमिका निभाने वाले सरपंच मौलवी तारिक एक सप्ताह पहले तक पीपुल्स कांफ्रेंस के वरिष्ठ सदस्य थे। मौलवी ने कहा कि पीपुल्स कांफ्रेंस अगर चुनाव नहीं लड़ेगी तो मैं बतौर निदलीय चुनाव लडऩे को तैयार हूं। जब तक पुरानी इमारतें नहीं टूटेंगी या गिराई नहीं जाएंगी, तब तक नई इमारतें नहीं बनेंगी। यही बात सियासत में लागू होती है। अगर आपको पुरानी सियासत से मुक्ति चाहिए तो नया कदम उठाना पड़ेगा। हमें सिर्फ नया भारत बनाने की बात नहीं करनी है, बल्कि हमें एक नया कश्मीर भी बनाना है।
पीडीपी न लड़ी तो दूसरी पार्टी तो लड़ूंगा चुनाव
पीडीपी से संबंधित एक पंच शाहिद ने कहा पंचायत चुनावों में हमने पार्टी के आधार पर हिस्स नहीं लिया था। आम लोगों ने पीडीपी के बहिष्कार को समझते हुए कांगेस से जुड़े उम्मीदवार को सरपंच बनवा दिया। हमें नुक्सान हुआ था। अब पीडीपी अगर चुनाव नहीं लड़ती है तो मैं अलग होकर, किसी दूसरे दल के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं।
भाजपा से संपर्क कर चुके हैं कई पंच-सरपंच
पुलवामा के त्राल से संबंधित भाजपा के एक सरंपच शब्बीर अहमद गोजर ने कहा कि बीडीसी चुनाव बहुत अहम हैं। पधानमंत्री नरेंद मोदी और गृहमंत्री अमित शाह भी कह चुके हैं कि कश्मीर में अब नया राजनीतिक नेतृत्व पंचायतों से निकलेगा। इसलिए हम चुनाव लड़ेंगे। भाजपा के सभी पंच-सरपंच तैयार हैं। सिर्फ हमारे संगठन में ही नहीं अन्य दलों से जुड़े पंच सरपंच भी तैयारी कर रहे हैं। दूसरे दलों से ताल्लुक रखने वाले एक दर्जन पंच-सरपंचों ने श्रीनगर में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से भी संपर्क किया है।