लद्दाख को डिवीजन बनाने के फैसले पर कारगिल मुखर, कारगिल को डिवीजन मुख्यालय बनाने की मांग पर बंद
लद्दाख को जम्मू कश्मीर का तीसरा डिवाजन बनाने की मांग पर सियासत जोर पकड़ती जा रही है। कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों ने यहां जम्मू संभाग में पीर पंचाल, चिनाब वैली डिवीजन बनाने की मांग बुलंद कर दी है तो कारगिल भी मुखर हो गया है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। लद्दाख को जम्मू कश्मीर का तीसरा डिवाजन बनाने की मांग पर सियासत जोर पकड़ती जा रही है। कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों ने यहां जम्मू संभाग में पीर पंचाल, चिनाब वैली डिवीजन बनाने की मांग बुलंद कर दी है तो कारगिल भी मुखर हो गया है।
राज्यपाल सत्यपाल मलिक के लद्दाख को डिवीजन बनाने के फैसले के दो दिन बाद रविवार को कारगिल, डिवीजन मुख्यालय बनाने की मांग को लेकर बंद रहा। सड़कों पर उतरे कारगिलवासी मांग कर रहे थे कि लद्दाख डिवीजन का मुख्यालय कारगिल को बनाना हर लिहाज से उचित होगा। अलबत्ता कारगिल वासी छह छह महीनों के लिए लद्दाख के दोनों जिलाें को छह महीने के लिए मुख्यालय बनाने के लिए भी राजी हैं। इस बीच क्षेत्र में सर्वदलीय बैठक में आंदोलन कर सरकार पर दवाब बनाने का फैसला हुआ है। ऐसे में कारगिल को डिवीजन मुख्यालय बनाने की मांग को लेकर विभिन्न दलाें के नेता, काउंसिलर, एमएलसी, पंच, सरंपच त्यागपत्र भी दे सकते हैं।
कारगिल को डिवीजन मुख्यालय बनाने की मांग को लेकर रविवार सुबह क्षेत्र के धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक संगठनों के सदस्य इस्लामिया स्कूल के पास इकट्ठे हो गए। राज्यपाल के फैसले का विरोध कर रहे लोग मांग कर रहे थे कि कारगिल से भेदभाव को बर्दाश्त नही किया जाएगा। लद्दाख को डिवीजन बनाने में कारगिल को भी बराबर का हिस्सा मिलना चाहिए। ऐसे में नई डिवीजन का मुख्यालय रोटेशन के आधार पर छह महीने लेह व छह महीने कारगिल में काम करे। लोग मांग कर रहे थे कि लद्दाख डिवीजन का मुख्यालय लेह को बनाने का फैसला रद कर नया आदेश जारी किया जाए।
कारगिल अटानमस हिल डेवेलपमेंट काउंसिल के चीफ एग्जीक्यूटिव काउंसिलर फिराेज खान ने लोगों की मांग को सही करार देते हुए कहा कि कारगिल पूरी तरह से बंद है। उन्होंने जागरण को बताया कि राज्य प्रशासन के समझ स्थिति स्पष्ट कर दी गई है। बेहतर होगा कि जिला मुख्यालय समय समय पर दोनों जगहों से काम करे। इससे कारगिल के लोगों को भी इंसाफ मिलेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह जायज मांग पूरी होने तक कारगिल के निवासियों का यह अांदोलन जारी रहेगा।
इसी बीच लद्दाख को डिवीजन बनाने की सियासत आने वाले आंदोलन का रूप भी ले सकती है। काउंसिल ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दे दी है कि अगर कारगिल के साथ इंसाफ नहीं किया गया तो बड़े पैमाने पर आंदोलन ही नहीं बल्कि कारगिल में पंचों-सरपंचों से लेकर एमएलसी व अन्य संस्थाओं के सभी प्रतिनिधि अपने पद से त्यागपत्र दे देंगे। कारगिल पहाड़ी विकास स्वायत्त काउंसिल के चीफ एग्जिक्यूटिव काउंसलर फिरोज खान ने राज्य विधान परिषद के चेयरमैन हाजी अनायत अली के साथ शनिवार को इस मुद्दे पर एलान किया था कि लेह को मुख्यालय बनाया जाना कारगिल के साथ भेदभाव होगा। इसे बर्दाग्श्त नहीं किया जाएगा।